भाजपा के लिए ग्रहण साबित हुए जोशी !
लम्बे समय के बाद कुम्भकर्णी नींद से जागी भाजपा के विधानसभा घेराव की गूँज एक बेजुबान की आवाज में दब गयी। सच्चाई जो भी सामने आये बहरहाल पुलिस का घोड़ा जिसका नाम शक्तिमान था वह सत्ता विपक्ष के बीच का मुद्दा बन गया। भाजपा रावत सरकार को घेरने के बजाय खुद ही सवालों में घिर गयी, वहीं घोड़े के बहाने हरीश सरकार की बाँछें खिल गयी। बेकसूर घोड़ा शक्तिमान आज सुर्ख़ियों में है, हो भी क्यों न। हम सबका मानस सदैव पशुओं के प्रति संवेदनशील रहा है और घोड़ा तो मानव सभ्यता, इतिहास, युद्ध, सन्देश संवाहक से लेकर स्वामी भक्ति तक महत्वपूर्ण किरदार रहा है। महाराणा प्रताप का चेतक हो या रानी लक्ष्मीबाई का घोड़ा बादल अपनी स्वामिभक्ति के लिए शहीद हो गए, ऐसे अनेक उदाहरण हैं।कल पुलिस के घोड़े शक्तिमान का लहूलुहान पिछला पैर टीवी पर दिख रहा था, शक्तिमान पीड़ा से बिलबिला रहा था और पक्ष विपक्ष की राजनीती के बीच तमाशा बना हुआ था। महत्वपूर्ण यह है कि संविधान की शपथ लेने वाले और गत नौ वर्षों से लगातार विधायक गणेश जोशी इस
बेजुबान के साथ हुयी क्रूरता के नायक थे।भाजपा के हर कार्यक्रम में जोशी फोटो और फुटेज के लिए ध्यान खींचने वाली हरकतें करते रहते हैं किन्तु इस बार जोशी का ध्यानखींचूँ टोटका भारी पड़ गया। बेजुबान के लिए जनमानस इसलिए भी एकजुट हो गया कि एक जिम्मेदार व्यक्ति ने हजारों की भीड़ के
सामने अपने पौरुष का ओछा प्रदर्शन किया और बीजेपी नेता घोड़े के प्रति संवेदना जताने के बजाय अपने काबिल विधायक को मासूम बताते रहे। आश्चर्य की बात यह है कि पार्टी विद डिफ़रेंस बताने वाली बीजेपी हजारों आँखों और कैमरों को झूठा बताने पर तुली है, बेहतर होता नए नवेले अध्यक्ष और साथ में नेता प्रतिपक्ष की जिम्मेदारी सम्हाल रहे अजय भट्ट तत्काल गलती मान कर, माफ़ी माँग कर बहुत हद तक अपनी गरिमा से न्याय कर सकते थे उनकी यही गलती उनकी पूरी पार्टी को भारी पड़ गयी। बेहतर होता वे अफ़सोस जताने के साथ पार्टी स्तर की जाँच समिति बनाते और पत्रकारों के फुटेज को देखते साथ ही ड्यूटी में तैनात अधिकारियों से पड़ताल करते तो डैमेज कंट्रोल होता। पशुप्रेम और पशु क्रूरता का अजब संयोग ही है कि पशुप्रेम के लिए विख्यात गाँधी परिवार की बहू और केंद्रीय मंत्री मेनका गांधी हाल के वर्षों में अगर उत्तराखण्ड में किसी निमन्त्रण में आई वह गणेश जोशी की पुत्री का विवाह था। गणेश जोशी तो उनसे पशुओं के प्रति दयालुता नहीं सीख पाये किन्तु मेनका गाँधी की संस्था गणेश जोशी पर पशुक्रूरता कानून के तहत मुकदमा दर्ज कर रही है। घेराव में भाग लेने आये कार्यकर्ता सुदूर गाँवों को लौट चुके है ,, गणेश जोशी को कोसते हुए, जिनकी हरकत से पार्टी सरकार को घेरने का सन्देश नहीं दे पायी। गणेश जोशी भले ही तीसरी बार विधायक बनने का सपना देखें मगर शक्तिमान का सपना अपने घायल पैर के दर्द से उबरना है।
- शशि भूषण मैठाणी ‘पारस’ 09756838527
Shaandaar vyakhyan kiya hua hai poore scene ka
ऐसे विधायक को सत्ता में बने रहने का कोई हक़ नहीं है । गणेश जोशी हमेशा से गुंडाई करते हैं । इन्हें तुरंत भाजपा से बाहर किया जाय व विधायकी से निलंबित किया जाया ।
शशि भूषण मैठाणी पारस जी ने बेहद सटीक ब्याख्या की है मैं पूर्णत सहमत हूँ ।
जिन्हें माननीय कहकर फूलों से नवाजा जाता है ।
कुछ ही दिनों में वो कसाई नजर आता है
इन बेशर्म कसाइयों का मैं अकेले क्या करूँ, रहने दो, मेरे बाप का भी क्या जाता है
मैं तैयार हूँ परहित बलिदान के लिए, आओ अगर कोई मुझे ले जाता है
खिमानन्द जोशी
lgta hai inhone apni insaniyat bhi kho di hai ….grt report by maithani sir
bahut sundar byng maaraa hai kheema nand joshi ji ne