बेटियों की शरारतें सख्त पिता को भी मोम की तरह पिघला देती हैं।
आज मैं अगर खुद अपनी दोनों बेटियों की बात करूँ तो इनके सामने मेरी भी वही हालत रहती है जो शायद 99% पिताओं की रहती होगी।
मैं अपनी दोनों बेटियों के सामने खुद को कितना भी सख्त दिखाने की कोशिश क्यों न कर लूँ, मैं हमेशा फेल हो जाता हूँ।
हमारी बेटियां मनश्विनी और यशस्विनी इन दोनों ने मेरी एक कमजोरी पकड़ी हुई किसी भी बात पर जब भी इन्हें डांटने लगूं तो, ये दोनों इतनी बदमाश हैं कि तुरंत कहने लगती हैं झूठमूट का मत डांटो हमें… पता है.. आपकी नाक चौड़ी हो रही है.. अब ये नाक कैसी चौड़ी होती है, आज तक मैं समझ नहीं पाया।
लेकिन मेरी डांट के बाद बेटियों द्वारा ऐसा कहे जाने पर न जाने मेरी सख्ताई कहाँ गुम हो जाती है, फिर मेरी हंसी निकल आती है जिसके बाद गुस्सा भी फुस्स। तो क्या मैं एक कमजोर पिता हूँ.. ऐसा मैं कई बार सोचता हूँ।
ऐसे ही एक मौके पर जब, बड़ी बेटी के लिए डांट खाने का मौका आया तो इस बार नाक चौड़ी बात पर मुझे बिल्कुल भी हंसी नहीं आई… तो डांट जारी रही!
अब ये देखिए जबरदस्ती मेरी गोद में पसर गई और ऐसा दिखाने लगी जैसा कुछ हुआ ही नहीं मैं बड़ बड़ करता रह गया। थोड़ी देर बाद मैं बेटी के सिर को सहलाता रहा और ये गोद में ही सो गई।
बेटियों की ऐसी शरारतें ही शायद हर सख्त पिता को मोम की तरह पिघला देती हैं। पर एक जिम्मेदार पिता होने के नाते हमें भी तुम बेटियों पर सख्त होना पड़ता है, ताकि तुम समाज में बराबरी का दर्जा लेकर कदम ताल कर सको। खुद का स्वावलम्बी जीवन जी सको।
तुम बेटियों का यह लाड़ प्यार ही एक दिन बिछड़ जाने का डर दिल के एक कोने में संताता रहता है।
खूब खूब जियो हमारी लाडो हमारी बेटूलियो 🥰
Shashi Bhushan Maithani