In Aggresive Mode- CM Uttarakhand : बरखुरदार ….खबरदार… होशियार… त्रिवेंद्र का खुल चुका है तीसरा नेत्र !
* त्रिवेंद्र के आमरस में किसने मिलाई खटाई ?
* कौन थे वह तीन जिन्होंने आमरस को किया खट्टा ?
आज तो छा गए सुबे के सूबेदार । सूबेदार साहब गए तो थे रस भरे आमों का मजा लेने, लेकिन कुछ सिपहसालारों ने सुबेदार साहब के रस भरे मौसम में कर डाली ऐसी गुस्ताखी कि, अक्सर शांत रहने वाले सुबेदार साहब का तीसरा नेत्र खुल ही गया । सूबेदार साहब को गुस्से में देख, लगे सिपहसालार थरथर कांपने । लेकिन तब तक तो बहुत देर हो चुकी थी । सूबेदार साहब ने गरजदार शब्दों के साथ साफ कर दिया कि बहुत हो गया अब ! बिना काम के नहीं मिलेगा कोई दाम।
सुने कैसे लगाई CM ने तीनों अधिकारियों को भरी सभा में फटकार सुनने के लिए नीचे दिए गए वीडियो को क्लिक करें या प्ले वाले बटन को दबाएं ।
यह बहुत गंभीर प्रकरण है अधिकारियों और कर्मचारियों का इस तरह का आचरण बताता है कि हम जनहित से जुड़े विषयों पर बिल्कुल भी गंभीर नहीं है। यह प्रकरण सबक है राज्य के तमाम सरकारी कर्मचारियों अधिकारियों के लिए कि वह अपनी गरिमा बनाए रखें और कोई ऐसा काम ना करें की सरकार को उनके खिलाफ अनुशासनहीनता की कार्रवाई करनी पड़े। भविष्य में यदि इस तरह का प्रकरण दोहराया गया तो दोषी लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
सुबोध उनियाल कृषि मंत्री उत्तराखंड सरकार
शायद यह उत्तराखंड में पहली बार हुआ है जब किसी मुख्यमंत्री ने अधिकारियों पर नकेल कसने की यह शानदार कोशिश की हो। अधिकारियों की अनुशासनहीनता को गंभीरता से लेते हुए मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने रविवार को उद्यान एवं प्रसंस्करण विभाग द्वारा किसान भवन रिंग रोड में आयोजित उत्तराखंड आम महोत्सव में उनके भाषण के दौरान बातचीत कर रहे उद्यान विभाग के तीन अधिकारियों को जमकर डांट लगाई। मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि हम इस मंच पर किसानों के विकास तथा कल्याण जैसे महत्वपूर्ण विषय पर बात कर रहे हैं। और आपके द्वारा इसे गंभीरता से नहीं लिया जा रहा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि अधिकारियों की अनुशासनहीनता जरा भी बर्दाश्त नहीं की जाएगी । ऐसे गैर जिम्मेदाराना व्यवहार पर उन्हें निलंबित किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि अधिकारी यह समझ ले कि राज्य सरकार किसानों के लिए समर्पित है। अधिकारियों को जनता और जनता से जुड़े मुद्दों के प्रति गंभीर होना चाहिए। सूबे में विभागीय मंत्री सुबोध उनियाल ने भी माना कि यह बहुत गंभीर प्रकरण है अधिकारियों और कर्मचारियों का इस तरह का आचरण बताता है कि वे जनहित से जुड़े विषयों पर बिल्कुल भी गंभीर नहीं है। आज का यह प्रकरण सबक है राज्य के उन तमाम अधिकारी कर्मचारियों के लिए कि वह अपनी गरिमा बनाए रखें और कोई ऐसा काम ना करें की सरकार को उनके खिलाफ अनुशासनहीनता की कार्रवाई करनी पड़े। भविष्य में यदि इस तरह का प्रकरण दोहराया गया तो दोषी लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
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