Team Preetam .. तो ये होगी प्रीतम सिंह की नई टीम ? कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष को इन चेहरों पर हैं भरोसा ? पढ़ने के लिए क्लिक करें हमारी Exclusive Report .
कांग्रेस में नई पारी खेलने को नए चेहरे तैयार …
उत्तराखंड कांग्रेस के नए कप्तान प्रीतम सिंह की नई टीम को लेकर चर्चाए तेज होने लगी है, माना जा रहा है कि प्रीतम सिंह की नई टीम के आकार छोटा होगा, लेकिन इस में जो भी नेता होगा वो जनाधार वाले असरदारनेता होगे, वही प्रीतम सिंह के सामने कई सारे चुनौतियां हैं, की आखिर उन चुनौतियों से कैसे वार पांए।
आमतौर पर किसी भी संगठन को संभालने के लिए एक मजबूत कप्तान की जरुरत होती है.एक कप्तान मजबूत है तो टीम भी उच्चस्तरिय प्रदर्शन करती है. और एक टीम का कप्तान ही कमजोर हो तो टीम भी कमजोर बन जाती है. और अभी यही स्थिती कांग्रेस के सामने भी पैदा हो रखी है. पूर्व कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष किशोर उपाध्याय को हमेशा एक कमजोर नेता के रुप मे याद किया जायेगा. उनके नेतृत्व में कांग्रेस का लचर प्रदर्शन भी इसकी गवाही चिख चिख कर दे रहा है. वही अब जब कांग्रेस हार चुकी है तो प्रदेश अध्यक्ष की कमान प्रीतम सिंह के कंधो में है. पूर्व कैबिनेट मंत्री प्रीतम सिंह ने पार्टी की कमान उस वक्त संभाली जब पार्टी के अंदर सबसे ज्यादा गुट बने हुए हैं. जिससे उनके सामने चुनौतियां ही चुनौतियां हैं. वही अब प्रतीम सिंह के लिए नई टीम की घोषणा जल्द ही हो जायेगी. आने वाली 15 अक्टूबर तक कांग्रेस प्रदेश संगठन के चुनाव संभव हैं और इसके बाद यह साफ हो जायेगा कि प्रीतम सिंह के सिपीसलाहकारों में किन किन को जगह मिली. फिल कांग्रेस के
वरिष्ठ नेता यह मान रहे हैं कि प्रीतम सिंह कि टीम में उसी को जगह मिलेगी जिसने हर वक्त पार्टी का साथ दिया.
प्रीतम का नया ताज कांटो भरा है, क्योंकि विधानसभा चुनाव के बाद कांग्रेस में चुनौतिया बढ़ी है, आने वाले पंचायत, निकाय और लोकसभा चुनाव में कांग्रेस के नए कप्तान और उनकी अपने को पार्टी कार्यकताओं की उम्मीदों पर खरा उतरना होगा, प्रीतम के सामने पूर्व अध्यक्ष किशोर उपाध्याय का प्रयोग भी नजीर जैसा है, उनकी टीम में 25 उपाध्यक्ष, 39 से ज्यादा महामंत्री, 46 प्रवक्ता और 171 सचिव और 117 संगठन सचिव थे. इतना ही नहीं प्रतीम के सामने गढ़वाल और कुमाऊ का बैलेस बना कर चलना भी चुनौती पूर्ण है… वही पार्टी के अंदर घुटबाजी लगातार बढ़ती जा रही है. हालत यह हैं कि पूर्ण पदाधिकारियों को पत्ता साफ करने के लिए पार्टी के अंदर तेजी से बगावत चल रही है. संगठन में कोई एक दूसरे की सुन नही रहा. लेकिन प्रीतम सिंह कि टीम में कई नए नाम हो सकते हैं वही हमेशा कि तरह गढ़वाल व कुमाउं का मेल भी जरुर देखने को मिल सकता है. वही इस बार कांगेस संघठन में पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत, पूर्व प्रदेश अध्यक्ष किशोर उपाध्याय, नेता प्रतिपक्ष इंदिरा हृदयेश कि छाप भी जरुर दिखेगी.. हर कोई चाहता है कि उसका कोई ना कोई करीबी संगठन में हो.
प्रीतम की टीम में ये चहरें आ सकते हैं नजर ?
राजेन्द्र भंडारी – पूर्व कैबिनेट मंत्री
नवप्रभात- पूर्व कैबिनेट मंत्री
दिनेश अग्रवाल – पूर्व कैबिनेट मंत्री
मंत्री प्रसाद नैथानी- पूर्व कैबिनेट मंत्री
अनुसूया प्रसाद मैखुरी- पूर्व विधायक
गणेश गोदियाल- पूर्व विधायक
विजयपाल सजवाण- पूर्व विधायक
मनोज तिवारी- पूर्व विधायक
हेमेश खर्कवाल- पूर्व विधायक
मदन बिष्ट – पूर्व विधायक
जीतराम – पूर्व विधायक
विक्रम सिंह नेगी- पूर्व विधायक
सरिता आर्य- पूर्व विधायक
आनंत रावत- युवा नेता
प्रकाश जोशी- युवा नेता
सुमित हिरदेश- युवा नेता
इसके आलवा राजेन्द्र शाह, धीरेंद्र प्रताप, शिल्पी अरोड़ा, को भी प्रदेश स्तर पर बड़ी जिम्मेदारी मिल सकती है.
इनका भी है दावा मजबूत …
लालचंद शर्मा- लालचंद शर्मा को प्रदेश संगठन में नई महत्वपूर्ण जिम्मेदारी मिल सकती है. पूर्व महानगर अध्यक्ष प्रीतम सिंह के करीबी भी माने जाते हैं।
राजकुमार- पूर्व कांग्रेसी विधायक हरीश रावत के काफी करीबी माने जाते हैं.
दीप बोरहा- प्रदेश सचिव दीप बोरहा को भी फिर से प्रदेश स्तर पर एक बड़ी और महत्वपूर्ण जिम्मेदारी मिल सकती है.
अजय नेगी- प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम सिंह के पूर्व पीआरओ और डीएवी कॉलेज के पूर्व छात्रसंघ अध्यक्ष को भी प्रदेश स्तर पर बड़ी जिम्मेदारी मिल सकती
है.
दिवान सिंह- माना जाता है कि चकराता क्षेत्र कि संघटन में हमेशा अनदेखी हुई है और जब इसबार प्रदेश अध्यक्ष खुद चकराते से हैं तो संघटन में दिवान सिंह को भी जगह मिलनी तय मानी जा रही है.
कांग्रेस संघटन में इसबार पदाधिकारियों कि संख्या कम हो सकती है, जिसमे 10 उपाध्यक्ष, 15 महामंत्री, 10 प्रवक्ता, 10 सचिव और 10 संघठन सचिव हो सकते हैं. वही पूर्व पदाधिकारियों में प्रदेश उपाध्यक्ष जोत सिंह विष्ठ, व मथुरा दत्त जोशी को जगह मिल सकती है.. क्योंकि वह किशोर उपाध्याय गुट के माने जाते हैं और किशोर उपाध्यक्ष जरुर चाहेंगे कि उनको पार्टी में महत्वपूर्ण जिम्मेदारी मिले. प्रदेश प्रवक्ता गरीमा धसौनी को भी एक बार फिर जिम्मेदारी मिल सकती है क्योंकि वह हरीश रावत गुट कि हैं और हरीश रावत भी चाहेंगे कि उनके भी ज्यादा से ज्यादा लोग संगठन में हों.
नवनियुक्त कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम सिंह को एक शांत और मजबूत नेता माना जाता है लेकिन उनके सामने सबसे बड़ी चुनौती गुटों को खत्म करने की होगी. और पूर्व सीएम हरीश रावत और पूर्व प्रदेश अध्यक्ष किशोर की कमजोर नीतियों को खत्म करने के चुनौती भी.. वही संघठन को मजबूत करना भी एक लक्ष्य होगा..
9756838527 , 7060214681