Bharat Ratna : वाह रे भारत तू अपने रत्न को ही भूल गया ! कोई क्रिसमस की बधाई दे रहा हैं। तो कोई भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेयी की। लेकिन किसी ने भारत रत्न पंडित मदन मोहन मालवीय का जिक्र नहीं किया।
पंडित मालवीय चंदे के लिए पूरे देश का दौरा कर रहे थे। चंदे की तलास में वो हैदराबाद के निजाम से मिलने पहुंचे। लेकिन निजाम ने पंडित जी को मदद करने से इनकार कर दिया। निजाम ने तो मना कर दिया। लेकिन पंडित मालवीय हार मानने वाले नहीं थे। वे जिद पर अड़े रहे। इस पर निजाम ने कहा कि मेरे पास चंदे में देने के लिए सिर्फ अपनी जूती है। पंडित मालवीय चंदे में निजाम की जूती लेने के लिए राजी हो गए।
पंडित जी की आज जयंती हैं। आज ही के दिन वो इलाहाबाद में जन्मे थे। उनके बारे में एक मज़ेदार किस्सा बताता हूँ। पढ़ना जरूर। ऐसी बातें रोज-रोज लिखने और पढ़ने को नहीं मिलती।
पंडित मालवीय के बारे में कहा जाते हैं कि उन्होंने 4 फरवरी 1916 को काशी हिंदू विश्वविद्यालय (BHU) की नींव रखी थी।
लेकिन नीव तो रख दी थी। अब उसको बनाने के चंदा जुटाने की जरूरत थी। पंडित मालवीय चंदे के लिए पूरे देश का दौरा कर रहे थे। चंदे की तलास में वो हैदराबाद के निजाम से मिलने पहुंचे। लेकिन निजाम ने पंडित जी को मदद करने से इनकार कर दिया। निजाम ने तो मना कर दिया। लेकिन पंडित मालवीय हार मानने वाले नहीं थे। वे जिद पर अड़े रहे। इस पर निजाम ने कहा कि मेरे पास चंदे में देने के लिए सिर्फ अपनी जूती है। पंडित मालवीय चंदे में निजाम की जूती लेने के लिए राजी हो गए। निजाम की जूती लेकर हैदराबाद के चारमीनार के पास उसकी नीलामी लगा दी। इतेफाक से निजाम की मां चारमीनार के पास से बंद बग्घी में गुजर रही थीं। भीड़ देखकर जब उन्होंने पूछा तो पता चला कि कोई 4 लाख रुपए में निजाम की जूती नीलाम हुई हैं।
इसपर निजाम की माँ को लगा कि यह सिर्फ बेटे की जूती नहीं बल्की बीच शहर में शाही परिवार की इज़्ज़त नीलाम हो रही है। उन्होंने फौरन निजाम काे सूचना भिजवाई। निजाम ने पंडित मालवीय को बुलवाया और शर्मिंदा होकर बहुत सारा चंदा दिया।
ऐसे थे भारत रत्न स्वर्गीय पंडित मदन मोहन मालवीय। उनके बारे में और भी कई किस्से मशहूर हैं यह सिर्फ एक क़िस्त हैं।