घाट की जनता के साथ धोखा ! तो युवाओं में सरकार के खिलाफ आक्रोश बना हुआ है। लोगों ने आंदोलन की चेतावनी दी है।
युवाओं ने सोशल मीडिया पर सरकार के खिलाफ भी भारी आक्रोश व्यक्त किया है। विदित हो की कुछ समय पूर्व प्रदेश के मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने गोपेश्वर में एक जनसभा में खुले मंच से विकास नगर घाट को जोडने वाली सड़क के चैडीकरण की बात कही थी लेकिन अब मुख्यमंत्री के ही विभाग ने इस सड़क का चौडीकरण करने के बजाया इसके इस्टमेंट में बदलाव किया है। सीएम की घोषणा पर लोक निर्माण विभाग ने घाट सड़क के सुधारीकरण के लिए शासन को 27 करोड़ का प्रस्ताव भेजा था लेकिन दो साल गुजर जाने पर भी प्रस्ताव ठंडे बस्ते में पड़ा रहा।
विकास मार्ग पर धीरे-धीरे आगे बढ़ रहे विकास नगर घाट के लोगों के साथ बहुत बडा धोका हुआ है। यह धोका किसी और ने नहीं बल्कि प्रदेश सरकार ने किया है। विकास नगर घाट के लोगों को नंदप्रयाग-घाट मोटर मार्ग चौडीकरण के संदर्भ में प्रदेश की त्रिवेन्द्र सरकार ने अच्छे दिनों के सपने सजाये थे जिसे लेकर घाट के लोग खुश थे लेकिन अब बताया जा रहा है कि घाट की रोड चैडी नहीं होगी। सरकार ने जो बजट देना था वह बजट भी कम कर दिया है। जिसे लेकर घाट के लोग खासे मायूस हैं तो युवाओं में सरकार के खिलाफ आक्रोश बना हुआ है। जिसको लेकर अब लोगों ने आंदोलन की चेतावनी दी है। इस संदर्भ में युवाओं ने सोशल मीडिया पर सरकार के खिलाफ भी भारी आक्रोष व्यक्त किया है। विदित हो की कुछ समय पूर्व प्रदेश के मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने गोपेश्वर में एक जनसभा में खुले मंच से विकास नगर घाट को जोडने वाली सड़क के चैडीकरण की बात कही थी लेकिन अब मुख्यमंत्री के ही विभाग ने इस सड़क का चौडीकरण करने के बजाया इसके इस्टमेंट में बदलाव किया है। सीएम की घोषणा पर लोक निर्माण विभाग ने घाट सड़क के सुधारीकरण के लिए शासन को 27 करोड़ का प्रस्ताव भेजा था लेकिन दो साल गुजर जाने पर भी प्रस्ताव ठंडे बस्ते में पड़ा रहा।
सड़क की माली हालत को देखते हुए लोक निर्माण विभाग ने सरकार को बजट जारी करने की मांग की लेकिन सरकार ने 11 करोड़ 36 लाख का प्रस्ताव बनाकर भेगा है। बताया जा रहा है कि अब घाट की सड़क चौड़ी नहीं होगी बल्कि खराब सड़क पर ही टल्ले लगाये जायेंगे। बता दे कि नंदप्रयाग-घाट सड़क यहां के लोगों की लाईफ लाइन मानी जाती है। जिसके चौड़ीकरण की मांग यहां के लोग लंबे समय से करते आ रहे हैं लेकिन ऐसे वक्त पर घाट के लोगों को मायूसी हाथ लगी जब लोग सड़क चौड़ीकरण होने की राह देख रहे हैं।
यह स्थिती हरदा के सरकार के समय भी थे।उन्होने कुरूण मैले के दौरान सरपानी मे नर्सिग कालेज तो घाट मे आयूर्वेदिक कालेज जैसे कई बड़ी बडी बाते की। इसी प्रकार त्रिदा ने भी सिर्फ झूठे झुमले चिल्ला चिल्ला कर बोल कर जनता का बेकुफ बनाया है।
इसलिये हमे आगामी चुनावो मे ना बीजेपी और ना काग्रेस को जीता कर अपने मध्य से किसी ऐसे व्यक्ती को चुनाव लडा कर चुनाव जिताना होगा।