यहाँ 54 वर्षों से जारी है भक्ति की एक ऐसी धुन जो दुनियांभर में बन गई है बेजोड़ !
👉लखोटिया झील के बीचों बीच विशाल राजमहल और बाला हनुमान मंदिर की अनूठी रामधुन है जामनगर की सांस्कृतिक व धार्मिक विरासत का प्रतीक :
यहाँ है बेहद खूबसूरत लखोटिया झील के दक्षिण पूर्व दिशा में विराजमान हैं भगवान् श्रीराम परिवार । और यहीं पर राम परिवार के साथ विराजते हैं श्रीराम भक्त बाला हनुमान जी । मंदिर प्रांगण में देवी देवताओं व संत महात्माओं की भव्य दर्शनीय मूर्तियां मौजूद हैं । साथ ही बाला हनुमान जी की बेहद ही खूबसूरत व आकर्षित मूर्ति यहाँ पर गर्भगृह में स्थापित है ।
जिसके ठीक सामने वर्ष 1956 में रामधुन की शुरुआत हुई जो कि आज तक वर्षों बाद भी निरंतर जारी है । रामधुन की यह निरंतरता उसे दुनियां के कई रिकॉर्ड में शामिल कर गया ।
यह है वो स्थान जहाँ पर बीते 54 वर्षों से लगातार जारी है रामधुन । जी हाँ 54 वर्षों में रात हो दिन यहाँ पलभर के लिए भी रामधुन को रोका नहीं गया । और यह रामधुन किसी ऑडियो वीडियो कैसेट या CD , DVD से प्ले करके नहीं बल्कि लाईव है । …. है ना अपने आपमें एक अनूठा काम ! जो अब देश में ही नहीं बल्कि दुनियां में भी चर्चित है । इतना ही नहीं गिनीज बुक ऑफ़ रिकार्ड में भी यह रामधुन दर्ज हो गई है जिसका मुकाबला करना मुश्किल ही नहीं बल्कि नामुमकीन है । अगर आप भी शामिल होना चाहते हैं रामधुन में तो आपको आना पड़ेगा गुजरात प्रान्त के जामनगर ।
लेकिन यह पहले जान लें कि क्या है खासियत जामनगर की :
जामनगर कच्छ की खाड़ी में गुजरात के पश्चिमी तट पर स्थित एक ऐतिहासिक शहर है। यह अहमदाबाद, सूरत, वडोदरा और राजकोट के बाद गुजरात का पांचवां सबसे बड़ा शहर है। जिसकी आबादी लगभग 22 लाख की है । जामनगर भारत के पश्चिमी छोर से भी सबसे बड़ा शहर माना जाता है। इस खूबसूरत शहर को आधुनिक रूप शुरू में यहाँ के जाम साहेब रणजीतसिंह ने दिया था, जिन्होंने वास्तव में उस युग के सभी आधुनिक बुनियादी ढांचे के साथ शहर का निर्माण किया था, यह शहर अपनी अद्भुत वास्तुकला की वजह से भी खास पहचाना जाता है । वर्ष 1920 के दशक के दौरान महाराज जाम साहब के शासनकाल के दौरान इसे मूर्त रूप दिया गया था ।
तदुपरांत शहर को जाम साहेब दिग्विजसिंह रणजीतसिंह ने काफी हद तक विकसित किया था । 1940 के दशक में यह नवनगर के रियासत राज्य का हिस्सा हुआ करता था । यह शहर कच्छ की खाड़ी के दक्षिण में स्थित है, जो गुजरात प्रान्त की राजधानी, गांधीनगर के पश्चिम में 337 किलोमीटर (209 मील) पश्चिम में स्थित है। और इसी शहर में विश्व की सबसे बड़ी पेट्रोलियम कंपनी रिलायंस इंडस्ट्रीज है । रिलायंस ने जामनगर जिले के मोती खवडी गांव के पास दुनिया की सबसे बड़ी तेल रिफाइनरी की स्थापना की है। और यह इंडस्ट्री यहाँ के ग्रामीणों में अभूतपूर्व आर्थिक क्रांति लाने में सहायक सिद्ध हुई । एक अनुमान के अनुसार रिलायंस की खुद की टाऊनशिप में 1 लाख से अधिक कर्मचारियों के पारिवारिक सदस्यों सहित कुल जनसंख्या 4 लाख से ऊपर है । जो कि अपने आप में एक बहुत बड़ा अत्याधुनिक शहर है जिसके अंदर बड़े बड़े मॉल, शो-रूम, रेस्टोरेंट, अत्याधुनिक सिनेमाघर, स्कूल, पार्क आदि मौजूद हैं ।
लखोटिया झील के बीचों बीच विशाल राजमहल और बाला हनुमान मंदिर की अनूठी रामधुन है जामनगर की सांस्कृतिक व धार्मिक विरासत का प्रतीक :
यहाँ है बेहद खूबसूरत लखोटिया झील के दक्षिण पूर्व दिशा में विराजमान हैं भगवान् श्रीराम परिवार । और यहीं पर राम परिवार के साथ विराजते हैं श्रीराम भक्त बाला हनुमान जी । मंदिर प्रांगण में देवी देवताओं व संत महात्माओं की भव्य दर्शनीय मूर्तियां मौजूद हैं । साथ ही बाला हनुमान जी की बेहद ही खूबसूरत व आकर्षित मूर्ति यहाँ पर गर्भगृह में स्थापित है ।
जिसके ठीक सामने वर्ष 1956 में रामधुन की शुरुआत हुई जो कि आज तक वर्षों बाद भी निरंतर जारी है । रामधुन की यह निरंतरता उसे दुनियां के कई रिकॉर्ड में शामिल कर गया ।
आप भी ऐसे बन सकते हैं रामधुन का हिस्सा :
आप द्वारिका, भेंट द्वारिका, नागेश्वर, सोमनाथ आदि के दर्शनों के लिए जा रहे हों तो गुजरात प्रान्त के खूबसूरत शहर जामनगर की लखोटिया झील के एक हिस्से में विराजमान प्रभु श्रीराम परिवार के दर्शनों लाभ अर्जित करना न भूलें । जब आप द्वारिकाधीश के दर्शनों के लिए जा रहे होंगे तो अहमदाबाद – राजकोट – जामनगर – द्वारिका हाईवे पर स्थित जामनगर में रुकने का प्लान अवश्य बनाएं जो आपकी यात्रा को यादगार बना देगी । यहाँ 24 घंटे में कभी भी किसी भी वक़्त आप मंदिर में प्रवेश कर श्री रामधुन को गाकर इसका महत्वपूर्ण हिस्सा बन सकते हैं ।
दर्शनों के उपरान्त विशाल झील के खूबसूरत नजारों को निहारें यक़ीनन यह दृश्य आपको दौड़ती भागती जिंदगी के बीच पनपे तनाव और थकान से मुक्ति देने में सहायक होगा । साथ ही साथ झील के बीचों बीच बने भव्य राजमहल का भी भ्रमण करें और फिर जामनगर के सियासत और विरासत के बारे में बारीकी से जानकारी प्राप्त कर अपने ज्ञान का भी दायरा भी बढ़ाया जा सकता है ।
कमी ढूंढना आसान नहीं फिर भी इस पर ध्यान देंगे तो …
खूबसूरत झील, राजमहल के चारों तरफ की बे-मिशाल खूबसूरती के बीच कोई कमी निकालना भूसे में सुई ढूंढने जैसा काम है । फिर भी बहुत छोटी सी कमी जो मुझे यहाँ पर दिखाई दी वह है शौचालयों में फैली गन्दगी । महानगर पालिका प्रशासन बहुत थोड़ा सा ध्यान देने पर इस शिकायत को दूर कर सकता है । बाकी पूरा शहर साफ़ सफाई और खूबसूरती के मामले में अब्बल है । मैं तो जामनगर 6 महीनों में जितना देख और समझ पाया उसके बाद यही कहूँगा कि इस शहर में एक सभ्यता संस्कृति पनपती है । यहाँ इंसानियत चरम पर हैं । तमीज़, तहजीब और सलीखे में जामनगरी मानस गुजरात प्रान्त में अब्बल हैं । इनकी बे-मिशाल आवभगत का तो मैं कायल हो गया हूँ ।
Very nice and good job
Ram nam hi jivan ko bav sagar par karvata hai.
Ramnam ke hire moti jise mile vo nayal ho jata hai.
Us liye roj ramnam ki dun lagana jaruri hai. Sri ram jsy ram jay jay ram