Bungalow : पूर्व मुख्यमंत्री को गुस्सा आया क्यों ? जो उन्होंने आलीशान सरकारी बंगले को ही खण्डहर बना दिया !
* पूर्व CM को बँगला छोड़ने का आदेश इतना बुरा लगा कि उन्होंने 42 करोड़ रूपये की लागत से सुसज्जित बंगले को बुरी तरह से नुकसान पहुंचा दिया ।
Youth icon Yi media,
जी हाँ ये वही बंगला है जिसे पूर्व मुख्यमंत्री साहब ने अपने कार्यकाल में पूरे 42 करोड़ की लागत से सजाया संवारा था । बँगला इतना आलीशान बनाया गया था कि इसके चर्चे हर जुबां पे होते थे । लेकिन अब यह बँगला पूरी तरह से खण्डहर कर दिया गया है । और इसके लिए दोष पूर्व मुख्यमंत्री के सिर पर मढ़ा जा रहा है । बताया जा रहा है कि पूर्व CM को राज्य संपत्ति विभाग का आदेश रास नहीं आया इसलिए उन्होंने बंगला छोड़ने से पहले उसके हर एक कोने को क्षत विक्षत कर डाला ।
फर्स पर बिछी महंगी विदेशी टाईल्स, कमरों में लगे एसी, पंखे, झूमर, बिजली के स्विच बोर्ड, दीवारों की टायल्स आदि सब उखाड़ ले गए । आगे बताया गया कि पूर्व मुख्यमंत्री ने सबसे ज्यादा नुकसान ज़िम एरिया के अलावा खूबसूरत व चर्चित साईकिल ट्रैक व स्वीमिंग पूल को पहुंचाया है । इतना ही नहीं महंगे स्वीमिंग पूल में लगाई गई करोड़ों रूपये की विदेशी टायल्स को भी पूर्व CM ने नहीं छोड़ा । टायल्स उखाड़ने के बाद पूल को मिट्टी से भर दिया । शायद यह दिखाने की कोशिश हो कि यहाँ पर कभी स्वीमिंग पूल था ही नहीं ।
लेकिन इस खबर की पुष्टि हम नहीं कर रहे हैं । दरअसल यह पोस्ट सोशल मीडिया पर मोदी समर्थकों द्वारा खूब वायरल की जा रही है । जानकारों का यह भी मानना है बिना आधिकारिक बयान के सच्चाई जाने बगैर इस तरह की ख़बरों पर यक़ीन करना संभव नहीं है । लेकिन यह भी सच है कि आज सोशल मीडिया के दौर में लोग अपने – अपने तरीके से फोटो या वीडियो का जोड़तोड़ करते हैं, एडिट करते हैं फिर उसके साथ एकदम सच दिखने जैसी स्क्रिप्ट तैयार कर वायरल की जाती हैं ।
इस मामले में भी जब तक आधिकारिक जानकारी प्राप्त नहीं होती है तो तब तक इसकी प्रमाणिकता पर सवाल खड़ा है । कुछ लोगों का यह भी मानना है कि, हो सकता है कि जब पूर्व मुख्यमंत्री ने बंगला खाली किया हो उसके बाद नई सरकार अपने वास्तुशास्त्र के हिसाब से बंगले में बदलाव कर रही हो और अब कुछ लोग इस रिनॉवेशन की तस्वीरों को सोशल मीडिया पर वायरल कर रहे हों ।
लेकिन यह भी सच है उत्तरप्रदेश से प्रकाशित व संचालित जिम्मेदार प्रिंट व इलैक्ट्रोनिक मीडिया पर भी खबर प्रसारित की जा रही है । और साफ़ साफ़ बताया जा रहा है कि पूर्व CM अखिलेश जाते जाते ये क्या कर गए ! वाकही अगर मीडिया प्रकाशित व प्रसारित ख़बरें सच है तो यह राजनीति का सबसे वीभत्स चेहरा साबित होगा । एक पूर्व CM की इस तरह की हरकत क्या आम और क्या ख़ास सबको बेचैन करेगी । अगर अखिलेश ने ऐसा किया तो उनकी बुद्धि विवेक पर सवालिया निशान उठेगा । आखिर कैसे लोकतन्त्र मेंबड़ी जिम्मेदारी निभाने वाला व्यक्ति इतनी ओछी हरकत कर सकता है ? आखिर सन्देश क्या देना चाहते थे ऐसा करके अखिलेश यादव ? घटना सच साबित हुई तो यह यादव परिवार के लिए डूब मरने जैसी बात होगी । बेहद शर्मनाक ।
बहरहाल यूथ आइकॉन फिर भी इस खबर को पुष्ट नहीं कर रहा है क्योंकि हमारे पास भी मामले से सम्बंधित कोई भी आधिकारिक जानकारी नहीं है । और न ही हम मौके पर गए । हमने मीडिया में प्रसारित व प्रकाशित कुछ खबरों के अलावा इस खबर को फेसबुक पर मोदी समर्थकों द्वारा खूब वायरल किए जाने के बाद, उसी के आधार पर अपनी रिपोर्ट तैयार की है ।
इससे आगे आप पढ़िए सोशल मीडिया पर वायरल रिपोर्ट जो कि हमारी तरफ से नहीं लिखी गई है बल्कि हम उस वायरल पोस्ट का स्क्रीन शॉट व रिपोर्ट को कॉपी पेस्ट कर अपने पाठकों के सामने रख रहे हैं ।
फेसबुक पर शेयर हो रही है ऐसी खबर आगे देखें व पढ़ें :
आलीशान सरकारी बंगले को खंडहर बनाकर
चले गए पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव…😠😠
समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष तथा उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव को सरकारी बंगला छोडऩे का आदेश इतना खराब लगा कि उन्होंने बंगले के हर कोने में जमकर तोडफ़ोड़ की। कभी आलीशान महल की तरह दिखने वाला बंगला खंडहर की तरह दिख रहा है।अखिलेश यादव ने इसे अपने मुख्यमंत्री रहते ही बनवाया था। इसको भव्य रूप देने और साज सज्जा में दो बार में 42 करोड़ रुपये खर्च किये गए थे 😠😠😠
आज जब राज्य संपत्ति विभाग को बंगले की चाभी मिली तो वहां पर सभी लोग उस आलीशान बंगले की दुर्गति देखकर हैरत में थे। बंगले को भव्य स्वरूप देने में सरकार का करोड़ों रुपया खर्च हो गया था। इसकी सजावट में करोड़ों रुपया खर्च किया गया था। इसमें सुख सुविधाओं का हर इंतजाम किया गया था, लेकिन इसे खाली करते वक्त बुरी तरह से उजाड़ दिया गया है 😠😠😠
अखिलेश यादव ने बतौर पूर्व मुख्यमंत्री आवंटित बंगला, चार विक्रमादित्य मार्ग दो जून को खाली कर दिया था। आज बंगला की चाभी राज्य संपत्ति विभाग को सौंपी गई। जब राज्य संपत्ति विभाग के कर्मी बंगला में अंदर घुसे तो वह अपना माथा पकड़ कर बैठ गए।
बंगला में सिर्फ मंदिर को छोड़कर हर जगह को तहस-नहस कर दिया गया था। बंगले में लगे फ्लोर टाइल्स, मार्बल समेत कई जगह फर्श टूटी पड़ी मिली। छत और दरवाजों पर भी हथौड़ा चला है। यहां तक इलेक्ट्रिसिटी बोर्ड तक को नहीं बख्शा। उसे भी उखाड़ दिया गया है।
भव्यता के कारण जाना जाने वाला बंगला उजड़ चुका था। इस अलीशान बंगला की फर्श के साथ ही टाइल्स भी उखाड़ दी गई है। कोई भी दीवार ऐसी नहीं थी, जिसको तोड़ा नहीं गया हो। सेंट्रली एसी इस भवन के एसी तक उखाड़े गए हैं।
बंगला छोडऩे से पहले एसी भी निकाला गया। इसके साथ ही स्वीमिंग पूल के हिस्सा भी पाटा हुआ मिला। इस पूल में विदेशी टाइल्स लगी थी। जिनको उखाडऩे के बाद पूल में मिट्टी भर दी गई है। इस बंगला में बाहर गेट से लेकर अंदर तक पूरा टूटा-फूटा था….इसके जिम एरिया में सबसे ज्यादा टूटफूट हुई है। इसके साथ ही इनडोर गेम्स के एरिया में भी तोडफ़ोड़ देख गई। कहीं लोहे के एंगल निकले हुए थे, तो कहीं दीवार टूटी हुई थी।
बाहर साइकिल ट्रैक की पूरी फर्श टूटी पड़ी मिली। हमेशा हरा-भरा रहने वाला गार्डन भी अखिलेश यादव के आक्रोश का शिकार हुआ है। बैडमिंटन कोर्ट की भी फर्श, दीवारें, नेट और टाइल्स उखाड़ दिए गए हैं। इसके साथ ही बंगला में लगी लिफ्ट को भी उखाड़ा गया है। बंगले में लगे सभी एसी, टीवी, फर्नीचर, पंखे और अन्य सामान को शिफ्ट कर दिया गया है। बंगले में मौजूद जिम को भी हटा दिया गया है 😠😠😠
RUPALI PATEL PANKHUDI (FB wall)
Bhikhariyon ne apni aukaat dikha di
बहुत ही शर्मनाक ! ऐंसे लोग इस देश के लिए घातक हैं जो राजकीय संपत्ति को इस तरह नुकसान पहुंचाते हैं इससे उनकी कलुषित सोच बताती है कि वे कूटने ग़ैर ज़िम्मेदार नागरिक हैं ! मैं राजनीति से ऊपर उठ कर अखिलेश यादव को एक अच्छा व्यक्तित्व समझती थी किन्तु इस तरह का आचरण जो उन्होंने दर्शाया है वह वास्तव में निराशाजनक है।