उत्तराखंड के मासूम अर्शित पर टूटा दुःखों का पहाड़ ! अर्शित को अब किससे है आस ? कौन बनेगा उसका मददगार ? क्या वो आप भी हो सकते हैं ! यदि हां तो पढ़ें पूरी रिपोर्ट ।
बच्चा स्वस्थ रहे, पढ़े-लिखे, खेले-कूदे और राष्ट्र का अच्छा नागरिक बन राष्ट्र के निर्माण में वह सहभागी बने, यह हर एक माता-पिता की ख्वाहिश होती है । और उस बच्चे को लायक बनाने के लिए हर माता – पिता, अमीर हो गरीब अपनी-अपनी हैसियत के अनुसार कोई भी कमी नहीं होने देते हैं । लेकिन कई लोगों के अरमान तब बिखरने लगते हैं जब अचानक से उनके बच्चों पर कोई बड़ी मुसीबत का पहाड़ टूट पड़ता है । बच्चों की सुरक्षा के लिए माता-पिता असाध्य से असाध्य काम को भी साध्य बनाने में जुट जाते हैं । बच्चों के जीवन की रक्षा के लिए वह अपना सब कुछ दांव पर लगा देते हैं ।
हाल के दिनों में कुछ ऐसी ही भारी परेशानी से दो चार होना पड़ रहा है हरिद्वार ज्वालापुर निवासी शैलेश भटनागर को । यहां बताते चले कि शैलेश भटनागर अपने 10 वर्षीय बालक अर्शित को लेकर छटपटा रहे हैं । मासूम अर्शित ब्लड कैंसर जैसी भयानक बीमारी से जूझ रहा है । जिसका ईलाज बीते 6 महीनों से राजीव गांधी कैंसर इंस्टिट्यूट दिल्ली में चल रहा है । बच्चे को किसी तरह की तकलीफ न हो माँ बाप पूरी कोशिश में जुटे हैं, यहां तक कि शैलेश भटनागर ने 6 महीनों में अपना सब कुछ बेच डाला, लेकिन मासूम अर्शित को अभी तक घातक बीमारी से छुटकारा न दिला सके ।
लेकिन अब बच्चे का इलाज करने वाले डॉक्टर ने अर्शित के परिजनों को सुझाव दिया कि अगर अर्शित की बीमारी को पूरी तरह ठीक करने की दिशा में कुछ ठोस किया जाना है तो उसके लिए बॉन मेरो ट्रांसप्लांट करना ही एकमात्र विकल्प है । जिसका खर्चा तक़रीबन 16 से 17 लाख तक आएगा ।
अब विधि का विधान देखिए जब बच्चे को पूरी तरह ठीक होने की गारंटी मिली तो, अब तक पीड़ित अर्शित के पिता अपनी पूरी पूंजी विगत 6 महीनों में उस पर खर्च कर चुके हैं ।
लाचार बाप अब तड़प रहा है एक-एक रुपये के लिए । शैलेश को समझ नहीं आ रहा है कि वह इतनी बड़ी रकम अब कहाँ से जुटाएगा ! ऐसे में कई सामाजिक संगठनों ने पीड़ित रक्षा के लिए उसके परिवार के लिए धन जुटाने के लिए मुहिम चलाई है । इसमें कुछ युवा भी व्यक्तिगत रूप से भी बढ़-चढ़कर आगे आ रहे हैं, और हर संभव मदद करने की भरशक कोशिशों में जुटे हैं । इन्हीं में एक युवक शशांक राणा ने यूथ आइकॉन से भी गुजारिश की है कि इस परिवार की मदद के लिए यूथ आइकॉन भी आगे आए । शशांक और उनके साथियों को यूथ आइकॉन परिवार भरोषा देता है कि हम भी पूरी सामाजिक जिम्मेदारियों का निर्वहन करते हुए पीड़ित परिवार की मदद के लिए इस मुहिम को आगे बढ़ाने में साथ खड़े हैं और जल्दी ही आर्थिक सहयोग भी प्रदान करेंगे ।
इसी क्रम में यूथ आइकॉन परिवार अपने सम्मानित पाठकजनों से करबद्ध निवेदन कर रहा है कि कृपया आप भी मासूम अर्शित को बचाने की दिशा में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं । आपका छोटा सा छोटा आर्थिक सहयोग इस बच्चे के जीवन व उसके परिवार को सुरक्षा दे सकता है । इसलिए प्लीज सिर्फ पढ़ें नहीं बल्कि मदद के लिए आगे बढ़ें सामाजिक जिम्मेदारियों को निभाएं और नोट ₹ 500/- का हो या ₹ 2000/- का दान देने की सोच बढ़ाएं ।
तो क्या आप हैं मदद के लिए तैयार ….? यदि हाँ ….! तो अभी अपने मोबाईल नेट बैंकिग, भीम एप, एयरटेल वॉलेट, आइडिया वॉलेट, पे- टीएम आदि इत्यादि का उपयोग कर कम से कम और अधिक से अधिक आप अपनी सामर्थ्य से योगदान करें । सवाल उस मानव जीवन को बचाने का है, जिसके सामने अभी जीवन की लंबी पारी खेलने का मौका बाकी है ।
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नेक सोच के लोग नोट यहां जमा करें –
नाम- शैलेश भटनागर
खाता सं०-1496000104265145
IFSC कोड-PUNB0149600
बैंक का नाम-पंजाब नेशनल बैंक
शाखा-अहमदपुर , हरिद्वार
वास्तविकता जानने के लिए आप सीधे संपर्क कर सकते हैं अर्शित के पिता शैलेश भटनागर से इस नम्बर पर
8791425220
अगर आपमें से किसी भी सम्मानित पाठकजन ने जो भी रकम उक्त खाते में जमा की हो तो उसकी रसीद या डिटेल का स्क्रीन शॉट हमें जरूर व्हाट्सप से 9756838527 पर भेजें । आपके द्वारा जमा की गई धनराशि की रसीद, उसका विवरण व आपकी फोटो इसी रिपोर्ट के साथ अपडेट की जाएगी । कृपया जब व्हाट्सप करें तो उक्त नम्बर पर तभी फोन भी कीजियेगा ताकि आपके द्वारा भेजा गया व्हाट्सप आसानी से देखा जा सके । धन्यबाद ।
शशि भूषण मैठाणी पारस
Shashi Bhushan Maithani Paras
9756838527