खिल गए चेहरे, मुख्यमंत्री ने दिया तोहफा । उत्तराखंड में अब मिलेंगे 5 हजार की जगह 17 हजार !
बेटी के जन्म के समय 11 हजार व 12 वीं पास करने के बाद स्नातक में प्रवेश के समय बेटियों को मिलेंगे 51 हजार रूपये ।
समाज के सर्वागीण विकास के लिए महिलाओं का सशक्त होना जरूरी है- मुख्यमंत्री
आशा कार्यकत्रियों के वार्षिक पारिश्रमिक को 5 हजार रूपये से बढ़ाकर 17 हजार किया गया।
दाई के मासिक पारिश्रमिक को भी 500 से बढ़ाकर किया गया 1000 रूपये।
आंगनबाड़ी कार्यकत्रियां होगी अब हाईटेक-दिये गये स्मार्ट फोन।
देहरादून 08 मार्च, 2019 । अन्तरराष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने आशा कार्यकर्ताओं के वार्षिक पारिश्रमिक को 5 हजार रूपये से बढ़ाकर 17 हजार तथा दाई के मासिक पारिश्रमिक को 500 से बढ़ाकर 1000 रूपये करने की घोषणा की। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों को स्मार्ट फोन व वजन मशीन का वितरण भी किया। प्रदेश की सभी आंगनबाड़ी आशा (महिला) कार्यकर्ताओं को कार्य में तेजी लाने के उद्देश्य से स्मार्ट फोन दिये जा रहे हैं। उत्तराखण्ड उत्तर भारत का पहला राज्य है, जहां सभी आंगनबाड़ी आशा कार्यकर्ताओं को स्मार्ट फोन से जोड़ा जा रहा है। मुख्यमंत्री ने अंगनबाड़ी केन्द्रों के लिए हैण्डवाॅश मेनुअल, सांप सीढ़ी के खेल व सुनहरे हजार दिनों के मैनुवल का विमोचन किया। इसके अलावा प्रचार सामग्री इन्फाॅर्मेशन, एजुकेशन व कम्यूनिकेशन (आईईसी) का विमोचन भी किया गया। 08 से 22 मार्च तक चलने वाले पोषण पखवाड़े का शुभारम्भ भी मुख्यमंत्री द्वारा किया गया। अन्तर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर इस वर्ष की थीम‘‘नव परिवर्तन के लिए समान सोंचे, स्मार्ट बनें’’ रखी गई है।
शुक्रवार को अन्तरराष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर मुख्यमंत्री आवास स्थित जनता दर्शन हाॅल में महिला सशक्तिकरण एवं बाल विकास विभाग द्वारा आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि समाज के सर्वागीण विकास के लिए महिलाओं का सशक्त होना जरूरी है। भारतीय सभ्यता एवं संस्कृति में नारी के प्रति जो सम्मान का भाव है, आज पश्चिमी देश भी इसका अनुसरण कर आगे बढ़ रहे हैं। उन्होंने कहा कि भारत विश्व का एकमात्र ऐसा देश है जिसे माता के नाम से पुकारा जाता है। किसी भी समाज का पूर्ण विकास तभी संभव है, जब महिलाओं व पुरूषों को आगे बढ़ने के लिएए समान अवसर मिले। आज महिलाएं सभी क्षेत्रों में अपना विशिष्ट योगदान दे रही हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि बच्चों को संस्कार देने में सबसे महत्वपूर्ण भूमिका माँ की होती है। बाल्यावस्था के शुरूआती 5 सालों में बच्चों पर संस्कारों का सबसे अधिक प्रभाव पड़ता है। उन्होंने मातृ शक्ति से अपील की है कि बच्चों को नशे की प्रवृत्ति से दूर रखने की दिशा में भी सहयोगी बनें। उन्होंने कहा कि नन्दा गौरा योजना में परिवर्तन किया गया है। अब बच्ची के जन्म के समय 11 हजार व इण्टरमीडिएट करने के बाद स्नातक में प्रवेश के समय बालिका को इस योजना के तहत 51 हजार रूपये दिये जायेंगे।
मुख्यमंत्री ने सम्मानित किया इन्हें :
इस अवसर पर मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र ने पोषण अभियान व बेटी बचाओ अभियान में सराहनीय कार्य करने वाले अधिकारियों को सम्मानित किया। जिलाधिकारी टिहरी सोनिका को पोषण अभियान व वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक देहरादून श्रीमती निवेदिता कुकरेती को सखी ई-रिक्शा लाॅच में अहम योगदान व पोस्को में अपराधों के निवारण में सराहनीय कार्य के लिए सम्मानित किया गया। इसके अलावा पोष्टिक आहार व बेटी बचाओं में अच्छा कार्य करने वाले जिला स्तरीय अधिकारियों को भी सम्मानित किया गया।
महिला सशक्तिकरण व बाल विकास राज्य मंत्री रेखा आर्या ने कहा कि आर्थिक, समाजिक, राजनीतिक व मानसिक रूप से महिलाओं का सशक्त होना जरूरी है। जहां नारियों का सम्मान होता है, वहां देवता निवास करते हैं। देवभूति उत्तराखण्ड में तीलू रौतेली, गौरा देवी, टिंचरी माई जैसी वीरंगनाओं ने जन्म लिया है। उन्होंने कहा कि सभी क्षेत्रों में महिलाएं अच्छा कार्य कर रही हैं। हर क्षेत्र में महिलाओं की भागीदारी से ही समाज का सर्वांगीण विकास हो सकता है।
विधायक गणेश जोशी ने कहा कि केन्द्र व राज्य सरकार ने महिला सशक्तीकरण के लिए अनेक सराहनीय कदम उठाये हैं। बेटियों को सशक्त कर की समाज को मजबूत बनाया जा सकता है। मातृशक्ति का सम्मान व समानता का अधिकार ही समाज को उन्नति का मार्ग है।
मेयर सुनील उनियाल गामा ने कहा कि उत्तराखण्ड राज्य निर्माण में यहां की मातृशक्ति का अहम योगदान रहा है। प्रदेश में कई महत्वपूर्ण पदों पर महिलाएं कार्य कर रही हैं। सभी अपनी जिम्मेदारी को अच्छी तरह से निभा रही हैं। राज्य सरकार महिला सशक्तीकरण की दिशा में अनेक पहल कर रही है।
अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने कहा कि बालिकाओं से सम्बन्धित विषयों पर राज्य सरकार ने अनेक पहल की हैं। प्रधानमंत्री जी के ‘बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ’ अभियान के काफी अच्छे परिणाम मिले हैं। आंगनबाड़ी केन्द्रों व अस्पतालों में गुड्डा-गुड्डी बोर्ड लगाये गये हैं।
इस अवसर पर मूरत राम शर्मा उपाध्यक्ष उत्तराखण्ड जनजाति कल्याण परिषद, भगत राम कोठारी अध्यक्ष गन्ना एवं चीनी विकास उद्योग बोर्ड, निदेशक आईसीडीएस झरना कमठान, उपनिदेशक सुजाता डीपीओ देहरादून आदि उपस्थित थे।
Very Nice Decision taken By CM Rawat ji.👍💐😊 Hopes, This Policy should be Continue After the Main Elections-2019.😊👌💐
Very nice