- विगत कुछ वर्षों से देश में के अंदर अजीब सा माहौल पनपता जा रहा है । बात चाहे UPA सरकार की हो या अब मोदी सरकार की माहौल एक जैंसा बना हुआ है । हर पल सामाजिक , सांस्कृतिक व आर्थिक अस्थिरता का माहौल बना हुवा है । जिससे अधिकाँश लोग हैरान परेशान और कुंठित हो रहे हैं ,और इस सबके बीच रोष प्रतिशोध विरोध और विद्रोह जैसी एक के बाद एक घटनाएं सामने आ रही हैं ऐसा लग रहा है कि सर्व धर्म समभाव वाले देश की एकता खंडित होने जा रही है । देश की एकता और संप्रभुता संकट के द्वार पर खड़ी है , और इस सबके लिए जिम्मेदार है हमारे नेताओं की तुष्टिकरण वाली ओछी नीति और उनकी संकीर्ण सोच जो वोट की सोच से आगे कभी निकल नहीं पाए ।
मजेदार बात देखिए अब सिद्धांतो से इतर लोकतंत्र का चौथा स्तम्भ आपस में ही भीड़ रहा है जो कल तक संसद के अंदर सफेदपोशों के दंगल को गैरजिम्मेदार बताकर कर खुद जिम्मेदार बनते थे वह आज आतंकवादियों के समर्थन में लगने वाले नारों व देशद्रोहियों की करतूतों के समर्थन अपनी टीवी स्क्रीन ब्लैक आउट करने लगे हैं । इसी बीच दूसरे चैनलों पर सरकार को खुश करने के आरोप लगने लगे हैं एक चैनल दूसरे चैनल पर भड़ास उतारने लगे हैं । फिलहाल नेता स्क्रीन से गायब हो गए, अकेले TV एंकर ही अखाड़े को संभाले हुवे हैं । जाट आरक्षण के नाम पर उपद्रव मचा रहे हैं और ऐसे में पूर्व से वर्तमान के बजीरे आज़म की खामोशी ज्यादा बेचैन कर रही है ।
बचे खुचे लोग सोशल मीडिया पर अखाड़ा संभाले हुवे हैं ।
स्मार्ट सिटी से पहले हमारी सोच का स्मार्ट होना बेहद जरूरी है ।
लेकिन … सवाल वही कि ..
आख़िर कब ..???
सब कुछ लुटाकर होश में ….
* शशि भूषण मैठाणी ‘पारस’