21 फरवरी 2016 को तत्कालीन मुख्यमंत्री हरीश रावत एवं आईबीएन 7 के मैनेजिंग एडिटर सुमित अवस्थी द्वारा , रमेश पेटवाल को यूथ आइकॉन Yi नेशनल अवार्ड से सम्मानित किया गया ।
Shashi Bhushan Maithani Paras , Dehradun YOUTH ICON Yi Report
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Dehradun
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Youth icon Yi National Creative Media Report
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बुलंद हौशले व जज्बे के साथ पूरा करना चाहता है वह अपना लक्ष्य : 

माज में कहीं  गरीबी तो कहीं अमीरी के साथ जीता हर एक इंसान है , परन्तु समाज के साथ कदमताल कर चलने वाले भी विरले ही लोग होते हैं जो अपनी एक अलग पहचान के साथ जीते हैं । सिर्फ जीवन को जी लेना मात्र ही कुछ लोगों का ध्येय नहीं होता है बल्कि वह कुछ खाशकर जीने की चाह रख निरंतर आगे भी बढ़ते रहते हैं । और समाज में ऐसी नेक सोच वाले लोग और उनके विशेष काम करने की शैली ही उन्हें कब नई ऊंचाइयों तक पहुंचा दे यह उन्हें भी पता नहीं होता है ।

समाज में आज ऐसी ही खाश कार्य शैली वाला युवा है रमेश पेटवाल । जो उत्तराखंड मे IL&FS Skills development Program के स्टेट हेड भी हैं । रमेश के  विशेष प्रवंधन शैली ने उसे सिर्फ मैदानी क्षेत्रों में ही नहीं बल्कि पूरे पहाड़ी क्षेत्रों के युवाओं के बीच एक खाश पहचान दी है ।

21 फरवरी 2016 को तत्कालीन मुख्यमंत्री हरीश रावत एवं आईबीएन 7 के मैनेजिंग एडिटर सुमित अवस्थी द्वारा , रमेश पेटवाल को यूथ आइकॉन Yi नेशनल अवार्ड से सम्मानित किया गया ।
21 फरवरी 2016 को तत्कालीन मुख्यमंत्री हरीश रावत एवं आईबीएन 7 के मैनेजिंग एडिटर सुमित अवस्थी द्वारा , रमेश पेटवाल को यूथ आइकॉन Yi नेशनल अवार्ड से सम्मानित किया गया ।

यूँ तो रमेश पेटवाल को देश के प्रतिष्ठित IL&FS Skills  संस्थान में बतौर राज्य प्रमुख  कार्यरत हैं । और उन्हें जिम्मेदारी दी गई है कि वह राज्य के हर जरूरतमंद युवा को उसके हुनर के अनुरूप रोजगार मुहैय्या कराएं । रमेश को बेशक संस्थान से उच्च दर्जे की सेलरी के अलावा अन्य भत्ते प्राप्त हैं परन्तु वह आज उससे कई गुना अधिक परिश्रम कर उत्तराखंड के टिहरी , चमोली , पिथौरागढ़ , अल्मोड़ा, उत्तरकाशी , पौड़ी , रुद्रप्रयाग सहित सभी मैदानी जनपदों के बेरोजगार युवाओं की तलाश में गांव दर गांव भटक-भटक कर उनका चयन कर रोजगार की मुख्य धारा में जोड़ रहा है ।

और यही कारण है जिसकी वजह से मैदान से लेकर पहाड़ तक के हजारों  जरूरतमंद लोगों के मध्य रमेश पेटवाल ने एक मिशाल कायम करते हुवे उम्मीदों की लौ जला दी है ।
रमेश का कहना है कि हमारी संस्था IL&FS स्किल का लक्ष्य एक साल में 15 हजार युवाओं को उनके स्किल के अनुरूप आवासीय या गैर आवासीय 45 दिनों का विशेष प्रशिक्षण देकर उन्हें जॉब प्लेस करवाना  है । रमेश ने बताया कि मुझे उम्मीद ही नहीं बल्कि पूरा विश्वास है कि हमारी पूरी इस लक्ष्य को तय समय सीमा से पहले ही प्राप्त कर लेगी ।
वर्तमान में रमेश और उनकी पूरी टीम के सामने प्रधानमन्त्री नरेंद्र मोदी की अति महत्वकांक्षी योजना कौशल विकास योजाना का उत्तराखंड में भी सफलता पूर्वक संचालन व संपादन करना भी है । इस योजना के तहत उन्हें राज्य की पांचो लोकसभा सीटों पर परिणाम देने हैं । जिसे  कि वह राज्य की विषम भौगोलिक परिस्थितियों के चलते एक चैलेंजिंग टास्क जरूर मानते हैं ।

देहारादून स्थित IL&FS कार्यालय मे अपनी टीम के साथ रमेश पेटवाल ।
देहारादून स्थित IL&FS कार्यालय मे अपनी टीम के साथ रमेश पेटवाल ।

परन्तु रमेश पेटवाल का मानना है कि आपके सामने लक्ष्य कितना भी कठिन क्यों न हो अगर आपका संस्थान जहां आप काम कर रहे हैं और उसका स्टाफ अगर सकारात्मक न हो तो सफलता मिलना दूर की बात हो जाएगी परन्तु आज अगर हम उत्तराखंड में अपने अभियान में सफल हो रहे हैं तो उसके पीछे IL&FS स्किल संस्थान की पारदर्शी योजना व इस संस्थान में काम करने वाली हमारी पूरी टीम है , टीम के सभी सदस्य बेहद ईमानदारी के साथ सिर्फ और सिर्फ काम करते हैं ।
वाकही रमेश के साथ साथ IL&FS स्किल की पूरी टीम का जज्बा भी देखने लायक है ।
चाय का खोका ,ढ़ाबा, नुक्कड़ गली , पार्क से लेकर  सड़क तक  सभी जगह गाहे-बगाहे यह टीम युवाओं को उनके स्किल के बारे में जागरूक करते या समझाते हुवे आपको कहीं भी कभी भी नजर आ सकती है । और यही कारण है कि इस संस्थान में हर रोज सैकड़ों जरुरतमंद युवक युवतियां ट्रेनिंग लेने के लिए पहुंचते हैं ।

स्किल डेवलेपमेंट की जानकारी जन जन तक पहुंचाते IL&FS स्किल के युवा कर्मचारी ।
स्किल डेवलेपमेंट की जानकारी जन जन तक पहुंचाते IL&FS स्किल के युवा कर्मचारी ।

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टिहरी का रहने वाला विनय बताता है कि वह 12वीं पास है घर में कमाई न होने के कारण आगे की पढ़ाई न कर सका जिसके बाद उसे इस संस्थान के बारे में पता चला उसने यहाँ से 45 दिन की आवासीय ट्रेनिंग ली जिसमें 3 टाईम का खाना व कपडे और रहना निशुल्क था । ट्रेनिंग के बाद आज विनय 8 हजार रुपया महीने की कमाई करने लगा है और अब उसके अंदर का आत्मविश्वास जाग चुका है वह आगे बताता है कि उसका लक्ष्य अब विदेश जाने का और वह जायेगा क्योंकि ILFS स्किल से उसे बहुत कुछ सीखने को मिला है । इसी तरह से विभिन्न जिलों से आये युवाओं ने अपने-अपने अनुभवों से मुझे अवगत कराया ।
अच्छा यह लगा कि जो लड़के- लडकियां 6 माह पहले तक गरीबी का रोना रो रहे थे परन्तु वह आज खुद के पैरों पर अपने स्किल के बूते खड़े हो चुके हैं । जिसका श्रेय इन सभी ने ILFS स्किल के साथ-साथ संस्था के प्रमुख रमेश पेटवाल को दिया ।
इनका कहना था कि पहली बार हम लोग अपने – अपने घरों से लंबे समय के लिए बाहर आये ऐसे में रमेश सर हमेशा हमारे साथ अभिभावक की भूमिका में रहे हैं और जिनकी वजह से मन में व्याप्त निराशा अब एक नई आशा में बदल चुकी है ।

बातचीत में रमेश बताते हैं कि हमारा पहला उद्देश्य यह रहता है कि सबसे पहले बच्चों के अंदर आत्मविश्वास को पैदा किया जाय । और उसके बाद उनके स्किल को जानते हुवे उन्हें उसी क्षेत्र में प्रशिक्षण देकर रोजगार की मुख्यधारा में जोड़ना । रमेश पेटवाल इसे सबसे बड़ी समाजसेवा मानते हैं । वह कहते हैं कि मुझे भी यह सेवा करने का मौक़ा उत्तराखंड मिला है और मिल रहा है जिसके लिए उन्होंने IL&FS स्किल संस्था का आभार जताया ।

पेटवाल ने कहा कि हमारा लक्ष्य युवाओं का सर्वांगीण विकास है । युवा छात्र-छात्रओं के अंदर छिपी प्रतिभा को उजागर कर उसे उनके रोजगार की दिशा से जोड़ना ही आई एल एफ एस संस्था का मुख्य उद्देश्य है । आगे उन्होंने बताया कि उत्तराखंड में प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना के तहत हमारी संस्था जोरदार काम कर रही और लक्ष्य पिथौरागढ़ चमोली से लेकर देहरादून ऊधमसिंह नगर तक का है । अभी तक इस योजना के तहत 1500 युवाओं का पंजीकरण कर लिया गया है । और आगे 15 हजार का लक्ष्य पूरा करना फिलहाल मेरी पहली प्राथमिकता है ।

© शशि भूषण मैठाणी ‘पारस’

By Editor

7 thoughts on “Skills Development Program , बुलंद हौशले व जज्बे के साथ पूरा करना चाहता है वह अपना लक्ष्य …!”
  1. रमेश पेटवाल जी द्वारा अति सराहनीय कार्य कृपया अपना प्रयास और बड़ाए

  2. Wow….no wonder ur doing a good deed sir…congratulations and I feel so proud that I have worked with you.

  3. सराहनीय,,
    अपने काम से अपनी पहचान बनाना आसान नहीँ और आपने ये काम बहुत सहजता से किया है ..
    आप सचमुच युवाओ के लिए एक प्रेरणा के स्रोत है
    बहुत-बहुत बधाई सर ।
    शुभकामनाएं।

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