Do not spit in Metro : थूक.. थूकना है तो खुद तय करो कि हिंदी में थूकना है या अंग्रेजी में ।
नोटिस :- मेट्रो रेलवे परिसर में न थूकें , अन्यथा रु0 500/- का जुर्माना किया जाएगा ! Do not spit in Metro Railway Premises otherwise, a fine of Rs. 250/- will be imposed .
थूक… जो न घूंटा जाय और नहीं थूका जाय ! जी हाँ, अगर आप मेट्रो की सवारी करने का मन बना ही चुके हैं तो स्टेशन के अंदर प्रवेश करने से पहले ही बाहर किसी थूकदान या कूड़े वाली जगह पर अच्छे से थूक–थाक लीजिए और फिर मुंह पोंछकर अंदर प्रवेश करें ।
क्योंकि अगर आप मेट्रो स्टेशन के अंदर जाकर थूकते हैं तो आपको जुर्माना देना ही देना है । मेट्रो प्रबंधन ने थूक को दो अलग-अलग श्रेणियों मे रखा है और दोनों मे जुर्माने के रेट भी अलग–अलग तय किए गए हैं । मसलन आप यहां अँग्रेजी मे थूकते हैं तो उसके लिए आपको 50% की रियायत दी गई है जिसका रेट मात्र रू0 250/- रखा गया है, जबकि हिन्दी मे थूकने के रेट रू0 500/- तय है जिसमे किसी भी तरह की कोई छूट नहीं दी गई है ।
यकीन मानिए यह मै नहीं कह रहा हूँ …. । आप लोग अपनी जिज्ञासा को शांत करने के लिए अब जरा नजरों को इस बोर्ड पर भी दौड़ाइएगा और गौर से पढ़िएगा जिसमे वह सब लिखा है, जो मै पहले ही इस बोर्ड को पढ़कर लिख चुका हूँ ।
यह एक नजारा है भारत मे हाईटैक रेल सेवा मेट्रो स्टेशन पर टंगे एक बोर्ड की , यह तस्वीर आजकल सोशल मीडिया पर हाथों हाथ खेल रही है । और तो और हजारों लोग इस फोटो को अपनी-अपनी फेसबुक टाईम लाईन पर खूब शेयर भी कर रहे हैं । सोशल मीडिया मे यह नहीं बताया गया है कि यह फोटो किस मेट्रो स्टेशन का है और कब लिया गया है । और नही यह पता चल पा रहा है कि यह फोटो किस जागरूक व्यक्ति के द्वारा क्लिक किया गया है । लेकिन यह पक्का है कि यह बोर्ड देश की राजधानी दिल्ली मे स्थित किसी एक स्टेशन का ही है ।
इस बोर्ड को पढ़ने के बाद अगर आपका फिर भी थूकने का मन है तो यह समझदारी से तय करना भी आपका ही काम है कि अब, हिन्दी मे थूका जाय या अंग्रेजी मे …! पर कैसे ….? इसके समाधान के लिए मेट्रो प्रशासन के भाषा विभाग में मौजूद विद्वानो से एक बार अवश्य परामर्श कर राय या मार्गदर्शन भी ले लें ।
अब जो भी स्किम ठीक लगे इसका लाभ पब्लिक स्वयं अपने विवेक से प्राप्त करे ।
हम इतना ही कह सकते हैं कि भारत सरकार के भाषा विभाग द्वारा मेट्रो प्रशासन मे बैठे विद्वानो को ‘हिन्दी – अंग्रेजी’ संयुक्त भाषा रत्न की उपाधि से अवश्य सम्मानित किया जाना चाहिए ।
- शशि भूषण मैठणी ‘पारस’ Shashi Bhushan Maithani ‘Paras’
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फोटो साभार : सोशल मीडिया (फेसबुक)
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बात बिलकुल साफ़ है. यदि आप को अंग्रेजी पढनी आती है तो आप 250 रु दे कर छुट सकते हैं अगर अंग्रेजी नहीं आती तो आप को 500 रु जुर्माना देना पड़ेगा. इसलिए आप समझ लीजिये अंग्रेजी सीखना कितना आवश्यक है.