Joshimath : और जब भालू घुस आया पोस्ट ऑफिस में ….. !
जंगल मे लगी आग का का नतीजा !
कुछ दिन पहले जंगलो में लगी आग से जंगली जानवर भी बुरी तरह से प्रभावित हुए हैं । जानवर जंगल छोड़ रिहाइश वाले ईलकों मे घुस रहे हैं । ताजा प्रकरण जोशीमठ स्थित भारत तिब्बत सीमा पुलिस बल के कैंप का है, जहां दिन दहाड़े एक भालू की दस्तक से अफरा-तफरी का माहौल बन गया था । शनिवार दोपहर 12 बजे आईटीबीपी कैम्प में अंदर भालू घुस आया था, जहां उसने जमकर उत्पात भी मचाया ।
आई टी बी पी के कैम्प में आतंक मचा रहे भालू पर काबू पाने की कोशिस के बीच कुछ लोग घायल भी हुए जिनका ईलाज सेना के अस्पताल मे चल रहा है । बताते चलें कि कल दोपहर भालू जैसे ही कैम्प में घुसा तो अचानक से वहाँ पर भारी अफरातफरी मच गयी थी, इस बीच भालू के रास्ते में जो भी आया उसने उसे बुरी तरह से घायल कर दिया । कैम्प में उत्पात मचाते भालू ने सबसे पहले पोस्ट ऑफिस मे एक महिला पर जोरदार हमला किया उसके बाद वह पोस्ट ऑफिस के
अंदर घुस गया जहां उसने कर्मचारी गोपीचन्द डिमरी को बुरी तरह से घायल कर दिया था । भालू के पंजों मे फंसे कर्मचारी के चीखने-चिल्लाने के साथ ही भालू की दहाड़ ने आई टी बी पी परिसर में भारी अफरा-तफरी का माहौल बना दिया था । लोग बदहवास हुए जान बचाने के लिए सुरक्षित ठिकानों की ओर भागते दिखे ।
पोस्ट ऑफिस में भालू अब तक दो लोगों को बुरी तरह से जख्मी कर चुका था, लेकिन उसका आतंक यहीं तक नहीं रुका । खूंखार हुवे भालू ने अब एक के बाद एक करके आई टी बी पी कैम्प के तीन जवानों को भी दबोच लिया जिन्हे बमुश्किल छुड़ाया गया । गंभीर रूप से घायल सभी पांचों लोगों को तुरंत सेना के अस्पताल पहुंचाया गया जहां उनका ईलाज
चल रहा है । गनीमत रही कि सभी घायल अब खतरे से बाहर हैं ।
दिन दहाड़े घटी इस घटना के बाद से सेना के अधिकारियों व जवानों में भय का
माहौल बना हुआ है । सेना के अधिकारियों द्वारा जवानों को हर पल मुस्तैद रहने के लिए कहा गया है । कमाडिंग आफिसर पीके तिवारी ने बताया कि वन वन विभाग को भी सूचित कर
दिया गया है । साथ ही सभी जवानों को आत्मरक्षा हेतु सशस्त्र तैनात रहने के निर्देश दिए गए हैं और कैम्प के आसपास दूर-दूर तक के ईलाके में चौकसी बढ़ा दी गई है ।
हालांकि मौके पर पहुंची वन विभाग की टीम ने भालू को पकड़ने की कोशिस की, लेकिन भालू कब और कहां से भाग निकला किसी को भनक तक नहीं लगी । जिंदा बच निकला खूंखार भालू जंगल में आसपास की झाड़ियों में छुप गया है जिसके बाद से
स्थानीय लोगों में भी भारी दहशत का माहौल पनप गया है ।
यहां आपको बताते चलें कि अभी एक पखवाड़ा भी नहीं बीता है, जब इसी शहर में हिरणो (घुरड़) का एक झुण्ड घुस आया था, जिसमें से एक घुरड़ को शहर के अबारा कुत्तों ने घेर कर घायल कर दिया था । तब घुरड़ को व्यापार संघ के सचिव अमित सती ने अपनी जान पर खेलते हुवे खूंखार कुत्तों से बचाया था ।
वनधिकारियों का मानना है कि पिछले दिनों में पूरे जंगल जलकर खाक हो चुके हैं, जिसकी वजह से पहले तो जंगली जानवर आग से जान बचाते हुए और अब भोजन की तलाश में रिहाईश वाले ईलाकों का रुख कर रहे हैं ।
बहरहाल अब अगले कुछ दिनों तक, जब तक कि जंगलो में एक बार फिर से नई घास और कोंपलें नहीं उग आती है, तो तब तक लोगों को भी स्वयं से बेहद सतर्क रहने की आवश्यकता है ।
Youth icon Yi National Creative Media Report 08.05.2016
जब हम जानवरों की जगह भी घेर लेंगे तो जानवर हमारी जगह तो आएगा ही सावधान रहने की ज़रूरत है