Gopeshwar : हर किसी की किस्मत अंजलि सी नहीं…!
Gopeshwar, Yi Medfia Report. 17 July, पिछले दिनों आपदा की मार झेल रहे घाट ब्लॉक के भेटी गांव की 4वर्षीय अंजलि ने विषाक्त पेय पी लिया था बेहोशी की हालात में अंजलि को घाट अस्पताल लाया गया। अंजलि की बिगड़ती तबियत को देखते हुए डाक्टरों ने हायर सेंटर रेफर कर दिया । रेफर सुनते ही अंजलि के परिजनों के हाथ।पाँव फूल गए लेकिन सही वक्त पर विधयक डॉ जीतराम और प्रशासन की और से हेलीकॉप्टर की ब्यवस्था की गयी और अंजलि को जिला असप्ताल में समय पर इलाज मिल गया और आज अंजलि की जान बच पाई थी ।
लेकिन लवाणी गाँव के राजे सिंह की किस्मत अंजलि जैसे नही है । शनिवार को पेड़ से गिरने के बाद गम्भीर अवस्था में राकेश को घाट अस्पताल तो पहुचाया गया लेकिन डाक्टरों ने हायर सेंटर रेफर के लिए कहा है लेकिन 1 जुलाई से सेरा के पास सड़क बंद होने से घायल को किस तरह हायर सेंटर पहुंचाया जाय यह एक बड़ी समस्या खड़ी हो गयी है । जिंदगी और मौत के बीच फंसी राजे की जान को बचाने के लिए भी कोई उड़नखटोला या एनडीआरएफ़ की टीम आ पाएगी यह भी बड़ा सवाल है । बीते हर किसी आपदा प्रभावित की किसम्मत अंजलि जैसी होगी , या फिर आपदा में जिन्दा लोगो को आपदा क्षेत्रों में बिना संसाधनों और
शासन प्रशासन के लेट लतीफी के चलते जान गवानी पड़ेगी।
*सुरेन्द्र रावत , गोपेश्वर चमोली
Copyright: Youth icon Yi National Media, 17.07.2016
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बहुत बुरी स्थिति है घाट की । मैं खुद विकासखंड घाट का रहने वाला हूँ पिछले दिनों जब मैं खुद घाट गया तो 3 km की चढ़ाई चढ़ने में ही पसीना निकल गया खैर हम युवा तो जैसे तैसे चढ़ गए पर जैसे ही एक वृद्ध पर नजर पड़ी पीठ पर बड़ा सा बैग सांस फूलती हुयी और चेहरे पर अजीब सी परेशानी,देखकर आँखे नम हो गयी । जब बात की मैंने उनसे तो बहुत ही मार्मिक बाते बताई ,कहते हैं बेटा परिवार में अलग रहता हूँ गाली भी दूँ तो किसको दूँ जब अपने कर्म ही फूटे हैं तो दोष किसको दूँ ।।। फिर मै भी उनसे आगे निकल गया । आपदा के शुरूआती दिनों में डीएम एस डीएम साहब मुख्यमंत्री सांसद विधायक सब हमारे साथ थे तब लग रहा था क़ि सबको हमारी बहुत चिंता है लेकिन अब समझ में आया की उनको तो अपनी ही चिंता थी ।। खैर वो चले अपनी दुनिया में और हम और हमारी परेशानी हमारे साथ ।