Dirty Think : मिनिस्टर सामने ही उसकी बेटी और बीवी का रेप कर दें तो …….!
रेप पहले भी होते थे, आज भी होते हैं और शायद आगे भी होते रहेंगे, नेता और राजनेता अपनी राजनीति की रोटियां भी इस पर सेकते रहेंगे । सदन में हंगामा भी होता रहेगा, कुछ अधिकारी निष्काषित भी होते रहेंगे लेकिन रेप भी होते रहेंगे और राजनेता हर तरह से ऐसे मुद्दों को भुनाते रहेंगे,लेकिन रेप फिर भी होते रहेंगे । जी हाँ यही सच्चाई सी लगती है अब इस देश की जहाँ रेप जैसी घटनाएं देश के आज़ाद होने के 69 वर्षों बाद भी कम होने का नाम नहीं ले रही हैं और बावजूद ऐसी घटनाओं के हमारे महान नेतागण ऐसे मुद्दों पर भी अपनी राजनीति भुनाए बैठे हैं पुलिस लापरवाह है, प्रशासन को कोई होश खबर नहीं है, सिर्फ परेशान है वो शख्स जिसके साथ यह दरिंदगी बीती है, जिसकी सुनने वाले तो बहुत लोग हैं लेकिन सिर्फ अपने अपने लाभ के लिए कोई भी शख्स उस पीड़ित के साथ तब तक खड़ा नहीं होता जब तक उसे उसमे अपने आप का लाभ नज़र ना आए ।
कुछ दिन पहले उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर में हुई एक दरिंदगी में जहाँ कुछ दरिंदो ने माँ बेटी से उनके परिवार वालों के सामने बलात्कार किया, क्या ऐसी घटनाओं के बाद भी हमे लगता है कि हम किसी आज़ाद देश में रह रहे हैं! औरतों का शोषण शुरुआत से ही चला आ रहा है जहाँ पहले स्त्री को सती जैसी प्रथाओं से गुजरना पड़ता था वही आज के भारत में औरतों के साथ ऐसी दरिंदगी की जा रही है! इससे ज़्यादा हैवानियत का सबूत क्या हो सकता है कि एक बाप के सामने उसकी बेटी और पत्नी का बलात्कार हो जाए, वो भी देश के उस प्रदेश में जहाँ की सुरक्षा के मजबूत दावे किये जाते हैं वहां के आदरणीय मुख्यमंत्री द्वारा यह कैसी सुरक्षा मुहैया कराइ गई है प्रदेश के लोगों को जहाँ एक छोटी बच्ची और उसकी माँ के साथ रेप कर दिया जाता है । मेरा सवाल है इस भ्रष्ट तंत्र के अलावा तमाम बुद्धिजीवियों और चिंतकों से कि कौन देगा उस बच्ची को उसके साथ हुई हैवानियत का जवाब ? कौन उन जख्मो को भर पाएगा ? कौन उस माँ और बेटी की खोई हुई इज्जत लौटा पाएगा ? क्या गलती थी उस परिवार की उस माँ की उस बेटी की ? ज़रा उस बच्ची के बारे में सोचिए क्या बीत रही होगी उस बच्ची के ऊपर कैसा महसूस कर रही होगी वो ? क्या दोबारा वो पहले की तरह जी पाएगी, खेल पाएगी कौन लौटाएगा उस मासूम की हंसी ?
मैं एक माँ हूँ और उस माँ का दर्द भी महसूस कर सकती हूँ जिसके ऊपर यह सब बीत रही है । और सबसे बड़ी शर्म की बात यह है कि घटना के बाद में उत्तर प्रदेश के एक मंत्री कहते हैं कि यह एक साजिश है विपक्ष की ।
मैं उस आदरणीय मंत्री से यह पूछना चाहती हूँ कि अगर वही दरिंदे आपके सामने आपकी बेटी और बीवी के साथ बलात्कार करते क्या उस वक़्त भी आप ऐसे बयान देते । ऐसे वक़्त में राजनेताओं को अपनी राजनीतिक रोटियां सेकने के बजाय दोषियों को पकड़कर जल्दी से जल्दी सख्त से सख्त कार्रवाई करनी चाहिए ताकि आगे से कोई भी शख्स किसी भी औरत की आबरू पर हाथ डालने की हिम्मत ही न जुटा सके ।
कुल मिलाकर बुलंदशहर की घटना ने पूरी इंसानियत का बलात्कार किया है ।
*प्रस्तुति : अनुजा कपूर ,
Copyright: Youth icon Yi National Media, 03.08.2016
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निःसंदेह मंत्री का बयान शर्मनाक और दुर्भाग्यपूर्ण।
निःसंदेह मंत्री का बयान शर्मनाक और दुर्भाग्यपूर्ण। इस मुद्दे पर सांत्वना के बजाय राजनीति दुखःद।
अनुजा कपूर जी आपका कथन सत्य है, मैं पूरी तरह आपसे सहमत हूँ
मेरे ख्याल में गाली का जवाब गाली नहीं होता। अगर मंत्री या नेता ने गलत बोला है तो इसका मतलब ये नहीं की हम उसकी बेटी को वही बोलें। कुछ समय पहले गौरीशंकर बनाम मायावती के केस में भी ऐसा ही था। आखिर नेता की बेटी भी तो एक महिला ही है बिना गलती के उसको क्यूँ सुनाया जाय? आप अपनी भावना नेता की बदजुबानी तक ही रखिये।