Mil gai mukti : हनुमान ने कराया मल सिंह को 18 साल बाद बेड़ियों से मुक्त…!
जयपुर। आपको जानकर हैरानी होगी लेकिन यह सच है कि पिछले 18 साल से एक युवक को उसके अपनों ने ही जंजीरों में जकड़ा हुआ था। युवक की गुहार की खुद को आजाद कर देने की गुहार के बाद भी अपनों का दिल नहीं पसीजा। ये पूरा वाक्या है राजस्थान के जालौर जिले में रानीवाडा के गांव सेवाडा का। इस गांव में पिछले 18 साल से बेड़ियों से बंधे मलसिंह को आखिर मुक्ति मिल गई। यहां के एक अधिकारी के प्रयासों से 18 साल से चार फीट के दायरे में अपनी जिंदगी जी रहे मलसिंह का अब ढंग से उपचार हो सकेगा।
गौरतलब है कि आज से 18 वर्ष पहले मलसिंह एक पुत्र और पत्नी के साथ हंसी खुशी जीवन बिता रहा था, तभी एक दिन उसकी पत्नी की मौत हो गई, जिससे वह अपना सुध-बुध खो बैठा और धीरे-धीरे मानसिक रोगी बन गया। मानसिक बीमारी से पीड़ित मलसिंह विद्युत पोल पर चढ़ कर तार पकड़ना, राह चलते लोगों पर पत्थर फेंकने जैसी हरकतें करने लगा। इसे देखते हुए 18 वर्ष पहले उसके बड़े भाई पदमसिंह ने गांव के पुराने सूने मकान में मलसिंह को जंजीर से बांध दिया और मलसिंह की जिंदगी चार फीट के दायरे में सिमट कर रह गई। परिवार के लोग मलसिंह को यहीं आ कर खाना-पानी दिया करते थे, लेकिन न कोई उससे मिलता था और न बात करता था।
गांव में पिछले माह रानीवाड़ा उपखण्ड अधिकारी हनुमान सिंह राठौड़ ने गांव में समस्याओं को लेकर ग्रामीणों की बैठक ली तो मलसिंह का मामला सामने आया। राठौड़ ने मौके पर जाकर मलसिंह का हाल देखा तो उनसे रहा नहीं गया। राठौड़ ने निशक्तजन आयुक्त धन्नाराम पुरोहित से सम्पर्क कर पूरा मामला बताया। पुरोहित ने पूरी सहायता का वादा किया। जिसके बाद मलसिंह को बेडियों से मुक्त कर उनके उचित ईलाज की प्रकिया शुरू हो पाई।