The Government will make the mistake of money laundering will make it easier : आसानी से काला धन ऐसे हो जाएगा सफ़ेद ! जहां मोदी के फैसले का कल तक हुआ जोरदार स्वागत वहीं आज उठ खड़े हुए सवाल …!
Youth icon Yi Media Report, 8 नवम्बर की शाम भारत के प्रधानमन्त्री नरेंद्र मोदी ने भारतीय अर्थव्यवस्था में सुधार के लिए जो कदम उठाया उसने अचानक से क्या आम और क्या ख़ास सभी को भौंचक कर दिया था । देश और देश के बाहर तक तमाम मीडिया जगत में भारत ही भारत छाया रहा । और सुर्ख़ियों में आता भी क्यों नहीं, जिस देश की आबादी
125 करोड़ के पार हो वहां के प्रधानमंत्री के एक फैसले ने पलभर में बाजार में चलन की 86% मुद्रा को प्रतिबंधित जो कर दिया था । भ्रष्टाचार, कालाबाजारी, जमाखोरी, घूसखोरी के बीच आए दिन नकली मुद्रा से त्रस्त सवा सो करोड़ देश वाशियों ने प्रधामन्त्री के इस कड़े कदम की जोरदार सराहना की । लेकिन आज जिस तरह मुद्रा परिवर्तन का तरिका लोगों ने देखा तो उससे भी लोग खासे नाराज नजर आए । कई लोगों ने तो माना कि यह बेहद ही जल्दबाजी में उठाया गया कदम है । जिसका वह असर देखने को नही मिल सकेगा जैसी उन्होंने कल्पना की थी ।
दरअसल रुपया 500 और रुपया 1000 के नोटों के बदले रुपया 100 या रुपया 500 व रुपया 2000 के नए नोट हासिल करने का जो फॉर्मूला केंद्र सरकार ने आम लोगों को मुहय्या कराया है वह जानकारों को रास नहीं आ रहा है । आज सुबह सुबह जैसे ही लोग बैकों में गए तो पता चला कि कोई भी व्यक्ति अपनी अलग-अलग आठ पहचान पत्रों के मार्फत आठ बार 4 – 4 हजार रुपया बदलवा कर एक दिन में 32 हजार रुपया अकेले एक बैंक से प्राप्त कर सकता है ।
जब इस बारे में बैंक अधिकारियों से जानकारी जुटाने का प्रयास किया गया तो उन्होंने किसी भी तरह के बयान देने से मना कर दिया लेकिन बाद में नाम न छापने की दशा में कुछ ने अनौपचारिक तौर पर बताया कि सरकार को इस नियम में जल्द से जल्द बदलाव करने की जरूरत है, बैंक ऊपर से प्राप्त निर्देशों पर ही कार्य करेंगे और निर्देशों में कहीं भी स्पष्ट नहीं किया गया है कि एक दिन में एक व्यक्ति को एक ही बार नोट बदलने का मौक़ा दिया जाय ।
एक अन्य बैंक कर्मी ने भी नाम न छापने की शर्त पर बताया कि लोग वोटर आई डी लेकर नोट बदलने आ रहे या ड्राइविंग लाईसेन्स पर अब ऐसे में सरकार वोटर आई डी के आधार पर कैसे उस व्यक्ति को सिस्टम से लिंक करेगी । जबकि आधार कार्ड के द्वारा नोट बदलवाने की प्रक्रिया को बैंक कर्मियों ने सही बताया उनका कहना है कि आधार कार्ड के नम्बर को कम्प्यूटर में फीड किया जा सकता है और फिर बाद में कभी भी यह पता लगाया जा सकता कि उक्त कार्ड के धारक द्वारा कितनी बार में कितने नोट बदलवाए गए हैं ।
वैसे अगर चुनावों के वक़्त में प्रयोग की जानी वाली स्याही का पक्का निशान नोट बदलने वाले की ऊँगली में लगाया जाता तो भी काफी हद तक मिशन सफल माना जाता लेकिन फिलवक़्त में अपनाए जा रहे फॉर्मूले से बैंक कर्मी भी संतुष्ट नहीं हैं वह भी इस प्रक्रिया को अव्यवहारिक ही मान रहे हैं ।
शाम तक कई बैंकों में छानबीन करने बाद देना बैंक के जोनल मैनेजर प्रेम प्रकाश सचदेवा से जब बात हुई तो उन्होंने बताया कि फिलहाल अगले 3 से 4 दिनों तक कमोबेश सभी बैंकों में भारी भीड़ रहने की संभावना है , जिसमे कि हर एक व्यक्ति को लाईन में घंटो तक खड़े रहना पड़ेगा तो ऐसे में एक व्यक्ति एक आई डी से दिनभर में मुश्किल से एक बार ही पुराने नोटों के
बदले नए नोट प्राप्त कर सकेगा । जोनल मैनेजर सचदेवा ने बताया कि बैंक भारत सरकार व रिजर्व बैंक की गाईड लाईन को ही फॉलो कर सकते हैं निर्देशानुसार बैंकों द्वारा किसी भी व्यक्ति को 8 आई डी में से एक पर ही नोट बदलने की अनुमति है परन्तु यह भी सच है कि अगर भारी भीड़ के बीच कोई व्यक्ति बैंक में मौजूद अलग-अलग काउण्टर से अपनी अलग – अलग आई डी पर प्रतिबन्धित नोटों के बदले नए नोट प्राप्त कर लेता है तो उसे पहचानना मुश्किल तो होगा । हालांकि बैंक कर्मी यह नजर तो रख रहे हैं कि एक व्यक्ति , एक काउण्टर से फिर दूसरे काउण्टर तक न पहुँच सके, बैंकों में कैमरे भी लगे हैं । लेकिन अगर वही व्यक्ति देना बैंक से बाहर जाकर फिर किसी दूसरे बैंक से अपनी एक और आई डी पर कैश प्राप्त कर सकता है, तो उसे कैसे रोका या पहचाना जाएगा यह एक बड़ा प्रश्न है । हालांकि जो फॉर्म लोगों से बैंकों में भरवाए जा रहे हैं उन्हे सॉफ्टवेयर के मार्फत आगे भेजा जा रहा है, उच्च स्तर पर छानबीन चल रही है, किसी तरह की गड़बड़ी करना आसान भी नहीं है । फिर भी बातचीत में सचदेवा ने उम्मीद जताई कि आम लोगों के मन का जो भ्रम है वह मीडिया के मार्फ़त एक फीड बैक उच्च स्तर के अधिकारियों व सरकार तक पहुंचेगा और जल्दी ही इस बावत भी नए दिशा निर्देश भी प्राप्त हो सकते हैं ।
इसी मसले पर जब यूनाइटेड फ़ोरम ऑफ़ बैंक यूनियन उत्तराखंड के संयोजक जगमोहन मेदिरत्ता से बात कर उनकी राय ली गई तो उन्होंने भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के इस कदम की सराहना की, लेकिन आज जो व्यवस्था विभिन्न बैंकों में उन्होंने देखी तो उसके बाद उन्होंने भारत सरकार के इस रवय्ये को बिना होम वर्क का करार देते हुए कहा कि सरकार द्वारा घोषित रुपया 500 व रुपया 1000 के नोटों को बंद करने के बाद सरकार ने उक्त नोटों के बदले में 4 हजार रूपये तक सीमा तय है , नोटों की बदली के लिए लोगों को रिज़र्व बैंक द्वारा भेजे गए फॉर्म को भरकर जमा करने की बात है । मेंदिरत्ता ने बताया कि जो निर्देश देश के विभिन्न बैंकों को ऊपर से मिले हैं वह बेहद ही अपरिपक्वता के साथ लिया गया निर्णय है ।
उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा हर व्यक्ति को छूट दी गई है कि वह किसी भी शहर के बैंक या पोस्ट ऑफिस में जाकर मात्र आई डी दिखाने पर प्रतिबंधित किये गए नोटों के बदले नए नोट प्राप्त कर सकता है । ऐसे में तो कोई भी व्यक्ति एक ही दिन में अपनी 8 अलग-अलग पहचानों के आधार पर रुपए 32 हजार तक प्राप्त कर लेगा और सोचिए सरकार ने आपको ऐसा करने के लिए 50 दिनों तक की छूट दी है जो कि बेहद ही हास्यास्पद है ।
बैंक यूनियन के संयोजक व पूर्व बैंक कर्मी रह चुके जगमोहन मेंदिरत्ता ने आशंका जताते हुए कहा कि इस संभावना से कोई इनकार नहीं कर सकता है कि बड़े स्तर पर कालाबाज़ारी व काला धन जमा करने वाले लोग देश में उपलब्ध सस्ती लेबर व राजनीतिक पार्टियों के नेता अपने छोटे छोटे कार्यकर्ताओं के मार्फ़त हालिया हल्के नियमों का फायदा उठा कर अपने काले धन को आसानी से सफ़ेद कर लेंगे ।
मेंदिरत्ता ने भारत सरकार से निवदेन किया है कि वह जल्द से जल्द नियमों में बदलाव करे और लोगों से शपथ पत्र भी लिया जाए साथ ही यह निर्देश जारी हो कि रुपयों की अदला बदली केवल आधार कार्ड, पैन कार्ड या CBS बैंक अकाउंट वाली पास बुक आधार पर हो और डाटा कंप्यूटर में सुरक्षित किया जाय ताकि इसके दुरुप्रयोग पर अंकुश लगाया जा सके ।
कुलमिलाकर भारत सरकार व रिजर्व बैंक को इस तरह के फीड बैक को एक सकारात्मक सुझाव के तौर पर अपनाना चाहिए और तुरंत नियमों में कुछ आवश्यक बदलाव करने की भी जरूरत है, जिसके बाद ही प्रधानमन्त्री नरेंद्र मोदी की यह शानदार मुहीम भी परवान चढ़ सकेगी ।
(रिपोर्ट विभिन्न बैंकों के बाहर लाईन में खड़े लोगों से बातचीत, बैंक यूनियन के नेता, बैंक कर्मचारियों के साथ अनौपचारिक बातचीत व बैंक अधिकारियों से हुई बातचीत के आधार पर तैयार की गई है ।)
© शशि भूषण मैठाणी ‘पारस’ ,
Copyright: Youth icon Yi National Media, 10.11.2016
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अगर आपसे नोट बदलने के दौरान बैंक निर्धारित फार्म के साथ आपकी आईडी की फोटोकापी मांगता है तो आप उस फोटोकापी पर दिनांक और एमाउंट अवश्य लिख दें अन्यथा बैंक द्वारा आपकी आईडी को कई बार फोटोस्टेट करके दूसरे की ब्लैकमनी बदलने का प्रयास किया जा सकता है।
Namaste sir.. ye pura system galat ha..isse to jinke paas paisa ha wo 100 100 note katt pe le rhe ha..apko nayi currency launch krke ek dam se 500,1000 and as well 100 k note bhi bann karne the.ta jo jinke paas jitni white money ha utni hi change hoti.aur sabko new currency milti.ab bhi hogi but 50%.