A late night incident in Dehradun : कौन पड़ा था विवेक के पीछे, जो उसने घुसा दी गाड़ी कर्नल की कोठी में…!
वारदात
Dehradun youth icon Yi Media Report,
वह बेहद डरा हुआ था ! वह कांप रहा था ! वह अपनी जान बचाने की हर वह कोशिस कर रहा था जिससे कि वह अपना पीछा करने वाले से बच सके ! जब एक शहर में वीवीआईपी ईलाके वाली कालोनी की गलियों में जब यह मौत की रेस चल रही थी, तब कोई चाहकर भी इन्हे नहीं रोक सकता था । क्योंकि समय मध्यरात्रि से भी ऊपर का था जब लोग घनघोर निंद्रा में थे । नतीजतन दो गाड़ियों की रेस का अंत जो हुआ उसका सच तस्वीरों के हवाले से आपके सामने है । लेकिन देर रात सुनसान हुई इन गलियों में इस खतरनाक जानलेवा रेस का कारण क्या था ? और क्यों एक व्यक्ति अपनी जान की परवाह किए बगैर दूसरे व्यक्ति का पीछा करता रहा ? इस बात को लेकर भी घटना के बाद से पूरे ईलाके में तरह-तरह की जोरदार चर्चाएं व कानाफूसी भी जारी है ।
दरअसल यह पूरा वाकिया है, देवभूमि उत्तराखंड की अस्थाई राजधानी देहरादून का । जहां रात में सन्नाटा पसरा हुआ था । लोग चैन की नींद सो रहे थे तभी अचानक दो गाडियां एक दूसरे का पीछा करते हुए कालोनी में दाखिल होती हैं । बातचीत में सामने आई कहानी से अंदाजा लगाया जा सकता है कि, आगे चल रही गाडी की स्पीड इतनी तेज थी कि मानों जैसे उसके पीछे कोई पुलिस पड़ी हो । तभी गाड़ी चला रहा व्यक्ति अचानक अपनी गाड़ी से नियंत्रण खो बैठता है वह गाड़ी को संभाल नहीं पाया और फिर गाड़ी सीधे एक घर की चारदीवारी तोड़ती हुई अंदर दाखिल हो जाती है । टक्कर इतनी तेज थी कि मजबूत कंक्रीट और सीमेंट की दीवार को तोड़ते हुए गाड़ी गार्डन तक जा पहुचीं । वो तो गनीमत ये रही कि कि गार्डन में आम का एक पेड़ था और उससे टकराकर गाड़ी रूक गई । अगर आम का पेड़ न होता तो गाड़ी सीधे कर्नल साहब के बैडरूम में जाकर रूकती । और वहां सो रहे लोगों पर यह मध्यरात्रि, कालरात्रि बनकर टूटती । डालनवाला (आराघर) स्थित एक बटा तीन तेगबहादुर रोड वाली कोठी की जिस मजबूत बाउंडरी वॉल को तोड़ते हुए एक कार कोठी में जा घुसी थी, तब वक्त रात के सवा एक से डेढ़ बजे के बीच का रहा होगा, प्रत्यक्ष दर्शियों के अनुसार टक्कर इतनी जबर्दस्त थी कि आस-पास की कोठियों में भी जोरदार कम्पन महसूस की गई, जिसके बाद ईलाके के सभी लोग दहशत में अपने-अपने घरों से बाहर निकल आए । दरअसल पहली बार में लोगों को लगा कि यह भूकंप का झटका है, लेकिन जब घरों से बाहर निकले लोगों ने देखा तो मामला कुछ और ही था ।
कर्नल डी0 एस0 रावत की 1/3 तेगबहादुर रोड स्थित कोठी की दीवार को तोड़कर एक कार अंदर लॉन तक जा घुसी थी, और एक दूसरी कार ठीक उसके पीछे खड़ी थी, जो कार कर्नल रावत के घर में जा घुसी थी उसका नंबर UK07 BJ 0019 था । जिसे विवेक सैनी नाम का युवक चला रहा था । लेकिन पीछे खड़ी कार किसकी थी ? कौन उसे चला रहा था ? और क्यों वह विवेक सैनी का पीछा कर उसे रात के डेढ़ बजे डालनवाला की इन सुनशान गलियों में दौड़ लगाने को मजबूर कर रहा था ?
और अब जितने मुँह उतने सवाल, और उतनी ही चर्चाए भी पूरे ईलाके में गरम हैं । यह बात विवेक सैनी ने भी मानी कि एक कार काफी दूर से उसका पीछा कर रही थी, लेकिन विवेक ने यह नहीं बताया कि वह आखिर रात के अंधेरे में इस ईलाके में कर क्या रहा था ! मेरे पूछने पर विवेक ने बताया कि जब वह लक्ष्मी रोड तेग बहादुर रोड पर आया तो इस जगह पर उसे सड़क का बैन्ड नजर नहीं आया जिस कारण उसकी कार कर्नल रावत के घर में घुस गई थी । बाकी युवक विवेक ने किसी भी अन्य कारणों की बात को नक्कार दिया । जबकि भवन स्वामी कर्नल डी0 एस0 रावत ने बताया कि जोरदार आवाज के बाद पूरा मकान हिल गया था । जब आसपास के लोग बाहर आए तो देखा कि जबर्दस्त टक्कर के बाद कार के एयर बैग तक खुल गए थे, और इस सबके बीच दुर्घटनाग्रस्त कार चालक व पीछे खड़ी कार के चालक में जोरदार बहस भी हो रही थी जिससे कि प्रतीत हो रहा था कि मामला दोनों के परिवार में किसी बात को लेकर है । घरों से बाहर निकले लोग भी तमाशबीन बन उन्हे देख रहे थे । कर्नल रावत ने बताया कि इस बीच पीछा करने वाले आदमी ने ही पुलिस को भी बुला लिया था और स्वयं कर्नल रावत ने भी तब तक पुलिस को फोन कर सूचना दे थी ।
इस बीच विवेक सैनी ने भवन स्वामी कर्नल डी0 एस0 रावत से माफी मांगते हुए उनके नुकसान की भरपाई की बात की और किसी तरह कार्यवाही न करने का आग्रह किया जिस कारण भवन स्वामी ने विवेक सैनी के खिलाफ किसी तरह की लिखित शिकायत पुलिस को नहीं दी । अंधेरा छंटते ही कार स्वामी विवेक सैनी ने क्रेन मंगवाकर आनन-फानन में अपनी कार घटनास्थल से हटवाने के बाद क्षतिग्रस्त हुई दीवाल व गेट को बनवाने के लिए मिस्त्रीयों को भी काम में लगा लिया था ।
दूसरी ओर पुलिस भी मामले की तहकीकात में जुट गई है । फिलहाल विवेक सैनी की गाड़ी का धारा 144 के तहत चालान काट लिया गया है । देहरादून के एस एस पी डा0 सदानंद दाते ने उक्त मामले को गंभीरता से लेते हुए गहन जांच के आदेश दे दिये है । फोन पर हुई बातचीत में एस एस पी ने बताया कि आरोपियों के खिलाफ पीड़ित भवन स्वामी के द्वारा भले ही पुलिस रिपोर्ट दर्ज नहीं कराई गई है, फिर पुलिस घटना स्थल पर मौजूद थी जिसके साक्ष्य मौजूद हैं । उन्होने बताया कि गाड़ी संख्या UK07 BJ 0019 को सीज करने के निर्देश दिये गए हैं । जबकि आराघर पुलिस चौकी इंचार्ज महिपाल सिंह रावत ने बताया कि फिलहाल उक्त वाहन का चालान कर दिया गया है और जल्दी ही पूरी जांच के बाद आरोपी वाहन स्वामी के खिलाफ भी कानूनी कार्यवाही की जाएगी ।
बहरहाल हकीकत यह है कि, अब अगर आप यह सोचकर घर में चैन की नींद सो रहे हैं कि घर में चोरों के अलावा अन्य किसी दुर्घटना का खतरा नहीं है तो आप गलत साबित हो सकते हैं । क्योंकि घर की चारदीवारी के अंदर भी आप असुरक्षित हैं । पुलिस चौकी से महज 150 मीटर की दूरी पर घटी यह घटना इस ओर साफ-साफ ईशारा करती है कि, इस शहर के मनमौजियों के मन में अब कोतवाल का रत्तीभर भी खौफ नहीं रहा है । अगर होता तो शायद आज इस वीवीआईपी ईलाके में यह घटना न घटती । लेकिन इस घटना के बाद यह भी सवाल ईलाके के लोगों की जुबान पर है कि इतनी बड़ी घटना घटी पुलिस भी मौके पर पहुंची और उसके बाबजूद सब कुछ इतना समान्य हो गया कि जैसे यहाँ पर कुछ घटा ही न हो, तो क्या यह कहीं ऊंची रसूख वालों का खेल तो नहीं है ? अब देखना यह भी दिलचस्प होगा कि पुलिस कितनी तत्परता से उक्त मामले में अगली कार्यवाही करती है ।
© शशि भूषण मैठाणी ‘पारस’ ,
Copyright: Youth icon Yi National Media, 29.11.2016
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शशि भूषण मैठाणी ‘पारस’ भाई साहब जी तभी तो बुजुर्ग कहते हैं बड़े लोगो की बड़ी बात ।