The Difference in the two Chief Ministers : दो मुख्यमंत्रियों की कहानी है….!
इसके पहले कि अगली लाइन लिखूं……बता देना ठीक रहेगा कि मैं वामपंथी नहीं हूँ । न ही दक्षिणपंथी।
(इन दोनों विचारधाराओं ने ही विश्व के पिछले 150 से ज्यादा वर्षों के इतिहास को रक्तरंजित किया है। अर्थव्यवस्था के तौर पर भी समाजवाद असफल ही हुआ है । जर्मनी का दक्षिणपंथ सबको याद ही है)
ये पोस्ट दो मुख्यमंत्रियों के बारे में है। एक केरल के वामपंथी मुख्यमंत्री पिन्यारी विजयन और दूसरे अपने मध्यप्रदेश के शिवराज सिंह चौहान ।
* ब्रजेश राजपूत
Bhopal MP, कल केरल के वामपंथी मुख्यमंत्री पिन्यारी विजयन विजयन भोपाल आए, दो कार्यक्रम थे । पहला जनवादी महिलाओं का राष्ट्रीय सम्मेलन और दूसरा भोपाल के मलयाली समाज द्वारा उनका नागरिक अभिनन्दन । मुख्यमंत्री पिन्यारी विजयन को दूसरे कार्यक्रम में मध्यप्रदेश पुलिस ने उन्हें जाने नहीं दिया । क्योंकि विजयन का वहां पर विहिप और बजरंगदल के लोग विरोध कर रहे थे, इसलिए उनकी जान को खतरा बताया गया । व सुरक्षा कारणो का हवाला देकर पुलिस ने केरल के वामपंथी मुख्यमंत्री पिन्यारी विजयन को कार्यक्रम में जाने से रोक लिया था ।
मुख्यमंत्री पिन्यारी विजयन बड़ी ही सादगी के साथ केरल से नियमित हवाई जहाज़ से उड़कर बम्बई आये एवं वहां से सुबह 3 बजे उठकर भोपाल की फ्लाइट पकड़ी और फिर रात को सर्विस फ्लाइट से दिल्ली चले गए । बिलकुल साधारण नागरिकों की तरह । सादगी से ज्यादा विजयन मानते हैं कि जनता का पैसा चार्टर्ड फ्लाइट या सरकारी विमान में क्यों उड़ाना ।
अब कहानी के दूसरे किरदार में हैं हमारे लोकप्रिय और किसान-पुत्र मुख्यमंत्री शिवराज सिंह जो भाजपा शासित मध्यप्रदेश की कमान संभाले हुए हैं । प्रदेश के बहुत कम लोगों को याद होगा जब मुख्यमंत्री विदिशा भी सड़क मार्ग से गए होंगे । बताते चलें कि विदिशा में उनका फार्म हाउस है । एक समय तो हर मंगलवार, सरकारी हेलीकाप्टर मुख्यमंत्री शिवराज के परिजनों को लेकर छींद, बरेली, जाया करता था । अब क्या करें भोपाल से बाड़ी-बरेली का रोड जो खराब ठहरा ।
हमारे मुख्यमंत्री के पास एक सरकारी जहाज़ और दो हेलीकाप्टर हैं । फिर कई बार उनको जब जल्दी जाना होता है तो जेट इंजिन वाले जहाज़ को किराए पर भी ले लिया जाता है । ये सब जानकारी सरकारी स्रोतों की है ।
अब आप पाठक जन ही फैसला कीजिये, कि दोनों मुख्यमंत्रियों में कौन ठीक है । आर.एस.एस से दीक्षित हमारे सीएम या विदेशी विचारधारा वामपंथ के अनुयायी केरल के सीएम।
(साभार : दीपक तिवारी की फ़ेसबुक वाल से, )
Youth icon Yi National Media, 12.12.2016
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श्री ब्रजेश राजपूत जी नेताओं की बात नेता ही जाने क्योंकि नेता जनता के पैसों का किसी भी प्रकार से दूरउपयोग करले कोई पूछने वाला नही है, हाँ कोई भी आम व्यक्ति जरा सा भी गलत काम करदें तो भूचाल आ जायेगा।
क़ाबलियत के साथ ईमानदारी और सादगी हो तो तब प्रदेश -देश की प्रगति होती है I यदि कहीं भी उपरोक्त सामंजश्य न हो तो तुलना का एक स्तर नहीं बन पाता I क़ाबलियत से प्रशाशनिक तंत्र का सही उपयोग, ईमानदारी से राजश्व रक्षा व नियोजन तथा सादगी से मतदाताओ के मन को विश्वाश हासिल किया जा सकता है I इसलिए दोनों मुख्यमंत्रियों को एक ही तल पर नहीं रखा जा सकता I तुलना के लिए बराबर गुणों का होना आवश्यक है I