लगातार धार धार रोये जा रही है। उस रोती महिला की पीठ से चिपका है उसका सात साल का बेटा जो मां को रोते देख हैरान है, वो भी रो रहा है और बीच बीच में वो अपने छोटे हाथों से मां के आंसू भी पोंछता है। मगर आंसू हैं कि थमते नहीं। ये महिला जिस काले से संदूक पर बैठी है उस पर लिखा है वायपी सिंह।
Ground report : रीवा में क्यों रोती है सैनिक की बीबी…?
इन कमरों में बसी है लोगों की छोटी छोटी गृहस्थी। घुप्प अंधेरे में शुरूआत के कमरों को लांघते जाने के बाद आखिरी के कमरे से किसी महिला के रोने की आवाज सुनायी देने लगती है। पास जाने पर दिखता है कि तकरीबन तीसेक साल की उम्र वाली दुबली पतली महिला मोबाइल फोन को कान में लगाकर लगातार धार धार रोये जा रही है। उस रोती महिला की पीठ से चिपका है उसका सात साल का बेटा जो मां को रोते देख हैरान है, वो भी रो रहा है और बीच बीच में वो अपने छोटे हाथों से मां के आंसू भी पोंछता है। मगर आंसू हैं कि थमते नहीं। ये महिला जिस काले से संदूक पर बैठी है उस पर लिखा है वायपी सिंह।
वहीं मिलते हैं लवकुश बघेल जो इन महिला के भतीजे हैं। वो बताते हैं कि ये रिचा सिंह हैं और इनके पति यज्ञप्रताप सिंह 14 राजपूताना राइफल्स के लांस नायक के पद पर हैं। मगर यज्ञप्रताप ने सेना में होने वाली सेवादारी के खिलाफ आवाज उठायी तो उनको उनकी यूनिट में मोबाइल छीनकर नजरबंद कर दिया है। अब चाचा किसी दूसरे के मोबाइल से बात कर रहे हैं। मेरे साथ कैमरा और माइक देख कर अचानक वो महिला अपने आंसू पोंछकर मुझसे कहती है इनकी ये बातें आप रिकार्ड करिये। देखिये कैसे परेशान किया जा रहा है मेरे पति को। उनको किसी से मिलने नहीं दे रहे। वो भूख हडताल पर है। मैंने कहा आपने भी तो दो दिन से खाना नहीं खाया। आप अपने आपको क्यों परेशान कर रही हैं। छोटा बच्चा भी है आपका। मेरे पति भूख हडताल पर हैं तो मैं भी यहां पर अनशन कर रहीं हूं। मेरे पति ने बडा काम किया है इस देश की जनता जाने देश सेवा के नाम पर सेना में जाने वाले जवानों के साथ कैसा सलूक किया जाता है। अफसर उनसे जूते पालिश कराते हैं तो बंगलों में अफसरों की गाडियां धोना और कुत्ते घुमाने के काम कराये जाते हैं क्या यही है देश सेवा। छह साल पहले मेरी शादी हुयी है उसमें से मैं सिर्फ दो साल ही उनके साथ रह पायी। अब यहां देखिये इस एक कमरे के मकान में जिदगी बीत रही है। ढाई हजार रूप्ये के किराये वाले उस अंधेरे भरे कमरे में नजरें दौडाने पर दिखता है एक गैस चूल्हा जिस पर दूध उफना पडा है, तो एक बिखरा हुआ सा सूना पलंग, छोटा कूलर और एक बडा सा संदूक जिस पर बैठी है रिचा। मेरे घर में दो दिन से सिर्फ दूध ही गरम हुआ है बाकी कुछ नहीं पका। ये बेटा भी अडोस पडोस में ही खाना खा रहा है। देश जवानों से उम्मीद बहुत करता है मगर देता क्या है आप दिखाइये मीडिया में। मेरे पति को घर आने के लिये छुटटी नहीं मिलती। हर छुटटी पर किसी बडे अफसर से लड कर ही आते हैं। मुझे ढेरों बीमारियां हैं मगर बेटे को पढाने के लिये गांव छोडकर यहीं अकेले रहती हूं।
दरअसल सीमा सुरक्षा बल के जवान तेज बहादुर यादव के वीडियो के बाद देश के सैनिकों और अर्ध सैनिक जवानों ने सोशल मीडिया पर अपने किस्से और वीडियो डालने शुरू कर दिये थे उसी कडी में यज्ञप्रताप ने भी अपनी यूनिट के सैनिकों का वीडियो बनाया और उसे प्रचारित किया। हांलाकि पहले भी वो पीएम मोदी को चिटठी लिख चुका था। सैनिकों की इन दुख तकलीफों पर देश बंट सा गया। एक तबका ये मानता था कि सेना अनुशासन वाला संगठन है इसलिये इन चीजों को मीडिया हवा ना दे। दूसरा हम मीडिया वाले इसे निर्विकार भाव से दिखाने में लगे रहे। आखिर सैनिकों और जवानों की तकलीफों को दिखाने में हम क्यों मुंह मोडें। तेज बहादुर और यज्ञ प्रताप सरीखे कुछ और सैनिक भी आये जिन्होंने अपनी पहचान छिपाकर बताया कि सेना में अनुशासन की आड में भ्रष्टाचार पनप रहा है। सच तो ये है कि सैनिकों के हाथ लगे स्मार्ट फोन ने सेना की बहुत सारी ऐसी चीजों को सामने ला दिया जिनके बारे में पहले सुनते ही थे।
रीवा से लौटकर कटनी आया तो यहां कांग्रेस के कई नेता हवाला कांड पर प्रदर्शन करने आये थे। कांग्रेस के एक उत्साही नेता को जब मैंने जवान की पत्नी की तकलीफ बतायी तो उन्होने उससे मिलने की इच्छा जतायी। नाम पता मुझसे लिया। कटनी में प्रदर्शन निपटा कर वो रीवा पहुंचे और मुझे फोन लगाया यार कलेक्टर उस महिला से मिलने को मना कर रहे हैं उनका कहना है सेना का मामला है हवा नहीं देना चाहिये हांलाकि वो महिला को तबियत बिगडने के बाद अस्पताल में भर्ती करा दिया है।
अब मैं क्या कहता,,, यार हवा मत दो मगर हौसला तो दो सैनिक और उनके परिजनों का। आप क्या कहते हैं,,,,,,
Copyright: Youth icon Yi National Media, 22.01.2017
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बेहद दुःखद शर्मनाक। #मोदी जी को पर शीघ्र ध्यान देना चाहिए।