उत्तराखंड सरकार में उच्च शिक्षा एवं सहकारिता मंत्री डॉ0 धन सिंह रावत
Dhan Singh Rawat : उत्तराखंड का एक नेता ऐसा भी है …..!
टीट… टीट… टी~~~ट… ये मेरी गाड़ी का होरन बजा……. !
आगे देखा तो एक के बाद एक गाड़ियों की कतार खड़ी थी । लेकिन मुझे बहुत जरूरी एक पेपर बनवाने व लेने कचहरी जाना था । दरअसल मेरा अभी तक आधार कार्ड नहीं मिला जबकि घर में अन्य सदस्यों का आधार कार्ड बहुत पहले ही डाक द्वारा घर पर पहुंच चुका है । लेकिन मेरा कार्ड नहीं मिला नेट पर भी खंगाला वहां भी नहीं मिला । अब फिर से नई प्रक्रिया अपनानी है तो वकील साहब ने बताया कि अब पहले पैन कार्ड में पहले अपने नाम की स्पेलिंग ठीक करवा लो उसके बाद ही आधार कार्ड भी बनवाओ । और इसी काम के लिए मैं कचहरी जा रहा था । लेकिन तपती गरमी और साथ मे सड़क पर लम्बा जाम होने के कारण मैने अपनी कार CMI अस्पताल के लिए मोड़ दी । क्योंकि मुझे डॉक्टर आर0 के0 जैन व डॉ0 महेश कुड़ियाल से भी कुछ जरूरी बात करनी थी ।
अस्पताल में पहुंचा तो पार्किंग से लेकर रिसेप्शन व डॉक्टरों की केबिन के बाहर तक मरीजों व तीमारदारों की अच्छीखासी भीड़ जमा थी । मैं भी भीड़ के बीच से डॉ0 जैन की केबिन तक पहुंचा । लेकिन उससे पहले जो देखा मैं आश्चर्य चकित था ।
अस्पताल की गलियों में एक छोटी बच्ची के साथ झुक-झुककर चलता हुआ पीला कुर्ता पहने हुए एक व्यक्ति दिखा । बच्ची जिद्द कर रही थी वह अपने बाल स्वभाव के चलते कभी इधर तो उधर भाग रही थी । पीला कुर्ता पहने हुए वह आदमी भी बच्चे के साथ उसी के व्यवहार के अनुरूप कदमताल कर इधर उधर भाग रहा था ।
और मजेदार बात कि इन दोनों बाप बेटी की ठिठोली चल रही थी तो गलियों में आने जाने वाले लोग इन्हें सामान्य आदमी की तरह ही इन्हें किनारे कर आगे बढ़ रहे थे या फिर कोई इनसे बचकर अपना रास्ता बनाकर आगे बढ़ रहे थे ।
जब मेरी भी अचानक से दोनों बाप बेटी पर नजर दौड़ी तो मुझे वह बच्चे के साथ आधा झुककर चल रहा इंसान कुछ जाना पहचाना लगा । मैं दो कदम पीछे आया, चेहरा देखा तो मुझे यकीन ही नही हुआ । जो इंसान लोगों की भीड़ के बीच अपनी बच्ची के साथ उसकी नटखट आदतों के साथ मसगूल था वह और कोई नहीं बल्कि उत्तराखंड सरकार में उच्च शिक्षा एवं सहकारिता मंत्री डॉ0 धन सिंह रावत थे । लेकिन, मंत्री और उनकी छुटकी के बीच जो निष्कपट संवाद और ठिठोली चल रही थी उसे देख मैंने उनके करीब जाना ठीक नहीं समझा । क्योंकि धनदा (मंत्री जी ) मुझे भी अच्छे से जानते हैं सोचा अगर जाऊंगा तो इनके बीच खलल पड़ जाएगी ।
मैं दूर से देखता रहा फोटो खींचने का मन हुआ पर नहीं खींचा क्योंकि अगर मैं कैमरा तैयार करता तो वहां मौजूद लोगों का भी ध्यान जाता, इसलिए चुपचाप देखता रहा । ख़ैर….. !
कुछ देर बाद शायद नटखट छुटकी को उसके पापा ने कोई प्रोमिश किया जिसके बाद वह डॉक्टर के पास जाने को तैयार हुई । अब मान-मनोब्बल के बीच मंत्री धन सिंह रावत ने बिटिया को प्यार किया और उसे दुलारते हुए डॉक्टर जैन की केबिन में ले गए । अब मैं भी पीछे-पीछे चल पड़ा, वहां देखा तो मंत्री जी अपने रौब व ठसक को दरकिनार कर सोफे में बैठने के बजाय सीधे जा बैठे डॉक्टर के पास मरीज के लिए रखे गए स्टील के स्टूल पर ।
और मैं बैठ गया डॉ0 जैन के सामने वाली सीट पर । इस बीच मैंने मंत्री और उनकी प्यारी सी बिटिया की दो फोटो क्लिक कर ली जिसे मै इस पोस्ट के साथ आप लोगों के सामने प्रस्तुत कर रहा हूँ ।
अब मंत्री डॉ0 धन सिंह रावत बोले मैठाणी जी आप आज बहुत दिनों बाद दिखे, वैसे तो आपको मैं पढ़ता रहता हूँ । तो मैं भी तपाक से बोल पड़ा कि भाई साहब आपने वो वंदे मातरम वाली पोस्ट को भी पढ़ लिया था , जिसमें श्रीनगर डिपो लिखा गया था ..!
धनदा मुस्करा कर बोले मैं सब पढ़ता हूँ हमारा काम है पढ़ना और आपका काम है लिखना । आपने अपनी जगह पर रहते हुए सही लिखा और मैने अपनी जगह पर रहते हुए सही निर्णय लिया है । लेकिन आप लोगों को लिखते रहना चाहिए उसी से तो बहुत सारी चीजें निष्कर्ष तक पहुंचती है । फिर उन्होंने दो दिन पहले की मेरी एक पोस्ट का जिक्र किया कि अगर आपने कुछ दिन पहले सवाल उठाया तो कहीं न कहीं आज दूसरे मसले पर सराहा भी तो है और यही निष्पक्ष पत्रकारिता भी है । अमूमन उत्तराखंड जैसे छोटे राज्य में ऐसा बहुत कम देखा गया है कि अगर किसी नेता के बारे में कभी पत्रकार ने कोई सवाल उठाती हुई रिपोर्ट चस्पा कर दी तो नेता या उसके समर्थक पत्रकार को अपना निजी दुश्मन मान लेते हैं जबकि ऐसा नहीं होता है । और आज इसी स्वस्थ परंपरा का हिस्सा दिखे धनदा ।
इस सूक्ष्म वार्ता के बीच फिर छोटी छुटकी ने मंत्री जी के कुर्ते की जेब में हाथ घुसा दिया और कुछ पेपर खींच लिए और हंसी, फिर जोर से अपने पापा पर चिपट गई और एक आंख से मुझे देखने लगी ऐसा लगा मानो कह रही हो कि इस समय ये मंत्री नहीं सिर्फ मेरे पापा हैं इस समय इनका काम है मुझे डॉ0 के इंजेक्शन से बचना और फिर बाहर जाकर आइसक्रीम खिलाना । बच्ची ने जोर से पापा का हाथ खींचा बाहर जाने की जिद्द करने लगी और मंत्री धनदा भी यह कहते अच्छा डॉक्टर साहब ,अच्छा मैठाणी जी आना आप फिर बात करेंगे अभी जरा इसे सम्भाल लेता हूँ । और मंत्री जी अकेले अकेले अस्पताल की गलियों से बाहर चले गए ।
दरअसल मैंने ऐसी ही कई जगह पर विगत वर्षों में मामूली से नेताओं को देखा है जो अपने रसूख या रौब दिखाने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ते हैं । लेकिन राजनीति में बहुत कम लोग ऐसे देखे जाते हैं जो दिखावे में विश्वास नहीं रखते हैं । और उन्ही में से एक आज मुझे दिखे उत्तराखंड में मंत्री डॉ0 धन सिंह रावत । अगर धनदा भी चाहते तो वह अपने रसूख का भरपूर इस्तेमाल कर सकते थे । अपनी पत्नी को सरकारी गाड़ी ड्राइबर गनर और बच्चे को गोद में पकड़कर लेजाने वाले चाकर को भी भेज सकते थे । और अपने को चले जाते किसी सरकारी कार्यक्रम में । लेकिन इस नेता ने ऐसा नहीं किया । शायद यही इस नेता के स्वभाव की हकीकत भी हो । जिसमें मुझे तो कहीं से भी कोई बनावटीपन नजर नहीं आया । अंत में यही कहूंगा धनदा अपने इसी व्यवहार को जिंदा रखना यही सादगी आपकी सबसे बड़ी पूंजी है । आज जो देखा उसे देख तो यही कहूंगा कि आप अवश्य शिखर तक पहुंचोगे ।
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15 thoughts on “Dhan Singh Rawat : उत्तराखंड का एक नेता ऐसा भी है …..!”
सत्य बात धन दा बहुत अच्छे इंसान है असली उत्तराखण्डी की पेहचान यही होती है
Dhan da the great Parsons
ये स्वभाव तो अपने मसूरी से विधायक रहे जोत सिंह घुनसोला जी का भी है
बिलकुल सही कहा आपने धन सिंह भाई हैं ही बहुत सरल एवं मृदु भाषी। उनपर जीवनके उतार चढ़ाव का कोई असर नहीं पड़ता।
राठ के लाल
Dev Bhoomi ki putra ki ehi pahichan hi sir.
Bhartiya Rajniti apne sankraman kaal se shayad bahar aa gayee hai. aise saomya aur sidhantvadi Janpratinidhiyo ki is Desh aur Pradesh ko aavashyakta hai. Shubhkamnayen.
Great person
dr. dhan singh rawat is very active, energic and laivorias
इसी जमीनी स्वभाव की बदौलत धन दा ने कम उम्र में बड़ा मुकाम हासिल किया है और अभी लंबी दूरी तय करेंगे ऐसा भरोसा है
धन दा तभी तो इतने लोकप्रिय हैं
सही नाम और गुणो के भी धनी है रावत जी
धन सिंह जी को धन द इसलिए ही कहते हैं क्योंकि वो सबसे सरलता से बात करते है इसलिए सबको वो अपने से लगते हैं।
I know Dhan Singh Rawat since a long and have been familiar with his working and behaviour. He is the genuine backbone of BJP as he has been a person of grassroot level. Senior journalist.
ंउत्तराखण्ड का एक नेता ऐसा भी’ लेख मेंअच्छा सन्देश दिया है़ं. वास्तव में हमें डा. धनसिंहरावत की इसी छवि की उम्मीद ऱही हैंऔर भविष्य में भी अपेक्षा करते हैं. और आप जैसे निष्पक्ष लेखकों से भी यही आशा है़ं .
सत्य बात धन दा बहुत अच्छे इंसान है असली उत्तराखण्डी की पेहचान यही होती है
Dhan da the great Parsons
ये स्वभाव तो अपने मसूरी से विधायक रहे जोत सिंह घुनसोला जी का भी है
बिलकुल सही कहा आपने धन सिंह भाई हैं ही बहुत सरल एवं मृदु भाषी। उनपर जीवनके उतार चढ़ाव का कोई असर नहीं पड़ता।
राठ के लाल
Dev Bhoomi ki putra ki ehi pahichan hi sir.
Bhartiya Rajniti apne sankraman kaal se shayad bahar aa gayee hai. aise saomya aur sidhantvadi Janpratinidhiyo ki is Desh aur Pradesh ko aavashyakta hai. Shubhkamnayen.
Great person
dr. dhan singh rawat is very active, energic and laivorias
इसी जमीनी स्वभाव की बदौलत धन दा ने कम उम्र में बड़ा मुकाम हासिल किया है और अभी लंबी दूरी तय करेंगे ऐसा भरोसा है
धन दा तभी तो इतने लोकप्रिय हैं
सही नाम और गुणो के भी धनी है रावत जी
धन सिंह जी को धन द इसलिए ही कहते हैं क्योंकि वो सबसे सरलता से बात करते है इसलिए सबको वो अपने से लगते हैं।
I know Dhan Singh Rawat since a long and have been familiar with his working and behaviour. He is the genuine backbone of BJP as he has been a person of grassroot level. Senior journalist.
ंउत्तराखण्ड का एक नेता ऐसा भी’ लेख मेंअच्छा सन्देश दिया है़ं. वास्तव में हमें डा. धनसिंहरावत की इसी छवि की उम्मीद ऱही हैंऔर भविष्य में भी अपेक्षा करते हैं. और आप जैसे निष्पक्ष लेखकों से भी यही आशा है़ं .