
Amit Shah Kumbh snaan : समरसता का शाह स्नान….!

Youth icon Yi Report

भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने सिंहस्थ कुम्भ में क्षिप्रा नदी के तट पर आस्था के साथ ही समरसता की भी डुबकी लगाई । राष्ट्रीय अध्यक्ष का आस्था के साथ साथ राजनीतिक स्नान भी सम्पन्न हुआ । उन्होने दलित संतों के साथ कुम्भ स्नान किया जो उनके पार्टी एजेंडे के समरसता अभियान का हिस्सा था । भारतीय जनता पार्टी के कलेंडर में अपने घोषणा पत्र और राजनीतिक कार्यक्रमों के साथ ही धार्मिक अनुष्ठानों में भागीदारी भी प्रमुखता से रहती है । राष्ट्रीय अध्यक्ष ने हिन्दू मूल्यों, परम्पराओं और पर्वों के प्रति अपनी पार्टी की निरंतर चली आ रही निष्ठा को भी इस स्नान के साथ निभाया । मध्यप्रदेश की शिवराज सरकार ने इस समय सिंहस्थ कुम्भ के प्रमोशन को प्राथमिकता से लिया है, कुम्भ के प्रचार -प्रसार के लिए विज्ञापन और योजनाएं दिखाई भी दे रही है । हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मन की बात कार्यक्रम में सिंहस्थ कुम्भ पर विस्तृत चर्चा की थी और कुम्भ की विभिन्न तस्वीरों को सोशल मीडिया पर प्रमुखता से अपलोड करने की अपील भी की थी ।
कुम्भ आयोजन भी धीरे-धीरे सरकारों के द्वारा बड़े प्रोजेक्ट की तरह आयोजित किए जा रहे हैं । भीड़ का नियंत्रण, जन सुविधावों के प्रति गंभीरता, सुरक्षा, यातायात आदि पहलुओं पर अब विस्तार से रणनीतियाँ बन रही हैं और बाकायदा आईएएस अधिकारियों की फौज इसमें जुट रही है । उत्तराखंड के मुख्यमंत्री रहे डा0 रमेश पोखरियाल ‘निशंक’ ने 2010 हरिद्वार कुम्भ के आयोजन को राष्ट्रीय आयोजन बना डाला था जिसके प्रबंधन की अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर खूब चर्चा हुई । भले ही इस आयोजन पर विपक्षी कांग्रेस ने उन्हें विभिन्न मुद्दों और अनियमितताओं के आधार पर घेरने कोशिस भी की । हरिद्वार कुम्भ का ही दबाव था कि उत्तर प्रदेश की समाजवादी सरकार को भी प्रयाग कुम्भ आयोजन को गंभीरता से लेना पड़ा और इसी कड़ी में स्वाभाविक रूप से भाजपा शासित मध्यप्रदेश सरकार सिंहस्थ कुम्भ के आयोजन में कोई कोर कसर नहीं छोड़ना चाहती ।
उत्तराखंड में चारधाम यात्रा भी छ: माह के लिए प्रारम्भ हो चुकी है , जिसका आयोजन भगवान भरोसे ही रहता है । यात्री सुविधाओं, सूचनाओं, सुरक्षा का पूरी तरह अभाव रहता है इसी कारण सुंदर पर्यटन प्रदेश केवल श्रद्धालुओं के भरोशे अपनी आर्थिकी मजबूत करता है । अगर वैष्णो देवी यात्रा की आयोजक श्राईन बोर्ड की तर्ज पर धामों की व्यवस्था और सूचना, सुरक्षा और सुविधा के लिए सरकारें गंभीर हो जाए तो श्रद्धालुओं के अलावा भारी मात्रा में पर्यटक राज्य का रुख करेंगे, पूरे देश के सुंदर प्राकृतिक स्थल इसी अनदेखी के चलते पर्यटन मानचित्र पर नहीं उभर पा रहे हैं । पूरे यात्रा मार्गों पर शौचालयों व पेयजल का अभाव भोजन और होटल के मूल्यों पर नियंत्रण के साथ-साथ राज्यों में पुलिस प्रशासन का सद्व्यवहार और जवाबदेही तय हो जाय तो राज्यों को अपनी आर्थिकी के केंद्र के सामने हाथ नहीं पसारने पड़ेंगे और शहरों की ओर बढ़ते पलायन के दंश से भी बच सकेंगे साथ ही लुप्त हो रही वैभवशाली, संस्कृति का भी संरक्षण हो सकेगा । अमित शाह का कुम्भ स्नान जहां शिवराज सरकार के रिपोर्ट कार्ड को भी चैक करेगा वहीं भाजपा की राष्ट्रीय मूल्यों, संस्कृति तथा धार्मिक आयोजनों के प्रति अपनी निष्ठा भी प्रदर्शित करेगा ।
शशि भूषण मैठाणी ‘पारस’
Copyright Youth icon Yi National Creative Media , 12.05.2016