Bathroom : नहाने गई 22 वर्षीय आस्था के साथ बाथरूम जो हुआ उसके बाद लोग डरे सहमें हैं । अब बाथरूम में भी नहीं हैं हम आप सुरक्षित !
बी कॉम की छात्रा आस्था कुछ ही समय पहले तक घर के अंदर अपने परिजनों के साथ हँसते खेलते चहक रही थी । फिर वह हर रोज की तरह अपने बाथरूम में नहाने चली गई । घर के अन्य सदस्य भी अब अपने-अपने अन्य घरेलू कामों में व्यस्त हो गए । लेकिन इस बीच आस्था का दुश्मन मानो बाथरूम में उसका इंतजार कर रहा था । 22 साल की जवान लड़की बाथरूम में नहाते वक़्त एक ऐसी अप्रत्याशित घटना से दो चार हो रही थी जिसकी कोई कल्पना भी नहीं कर सकता था । आस्था बंद बाथरूम में छटपटा रही थी वहीं महज एक दरवाजे के बाहर मौजूद उसके घरवालों को आस्था के साथ घट रही घटना की भनक तक नहीं लग रही थी । लेकिन जब अंदेशा हुआ भी तो तब तक बहुत देर हो चुकी थी । आस्था के साथ घर के बाथरूम में इस घटना से सभी स्तब्ध हैं जिसके बाद अन्य लोग भी डरे सहमें हैं । आज इस घटना की शिकार आस्था बनी कल हो सकता किसी और की बारी आ जाय ।
बताते चलें कि यह घटना है पूर्वी दिल्ली के गनेश नगर ईलाके की है, जहां के एक घर में एक जवान लड़की खुशी-खुशी अपने पैरों से चलकर बाथरूम मे नहाने गई लेकिन, कुछ ही देर बाद वह लांश बनकर बाहर आती है । इस घर का बाथरूम और उसमें लगा गीजर 22 वर्षीय जवान आस्था की मौत की वजह बन गया । अब इसे इंसानी भूल का नतीजा माने या आस्था के जीवन के सफर का यहीं तक का होना । क्योंकि कहते हैं मौत जब आती है तो उसके बहाने भी साथ में लेकर आती है । हो सकता है घर के सदस्यों को जवान बेटी के सदमे से उबारने के लिए यह बहाना कुछ काम अवश्य आ जाये पर हम इस मौत के पीछे इंसानी भूल को भी नजर अंदाज नहीं कर सकते हैं ।
आस्था की मौत पूरी तरह से इंसानी भूल का नतीजा :
जी हाँ …. बी. कॉम की छात्रा की जिंदगी पर इंसानी भूल भारी पड़ गई । अब आप लोग भी सोच रहे होंगे कि आस्था की मौत का इंसान की भूल से क्या लेना देना । लेकिन सच तो यही है कि आस्था की मौत के लिए इंसान खुद जिम्मेदार है न कि उसका भाग्य । आज तेजी से आधुनिकता के आवरण में ढकती दुनिया हर तरह की हाइटैक चीजों को यूज तो करना चाहती है लेकिन उसके यूज करने के तरीकों को कभी नहीं सीखना चाहा और उसीका नतीजा है आज हमारे सामने आस्था की मौत ।
आस्था के घर के बाथरूम में भी गीजर लगा था, लेकिन कभी उसने या उसके घर के सदस्यों ने इस बात पर गौर नहीं किया कि जिस बाथरूम में गीजर लगा है उसमें एक अदद छेद तक नहीं था, और यही सबसे बड़ी भूल रही । यह भूल हम और आपमें से कईयों के घरों में देखने को मिल जाएगी । दरअसल आजकल अमूमन घरों में यह देखा जाता है कि बाथरूम कभी सीढ़ियों के नीचे तो कभी बेडरूम, स्टोर और ड्राईंग की दीवारों के बीच बनाया जाता है जिस पर कहीं से भी हवा आने व जाने की जगह तक नहीं बची रहती है । और ऐसे ही घुप्प बाथरूम की दीवारों पर टांग दिए जाते हैं गीजर, जो बन जाते हैं मौत के कारण । जी हाँ मौत का कारण इसलिए क्योंकि गीजर से रंग एवं गंध हीन गैस का रिसाव धीरे-धीरे होता है, जिसका इंसान को पता ही नहीं चलता है और वह नहाते-नहाते कब मीठी मौत के आगोश मे चला जाता है इसका उसे पता ही नहीं चलता । और ऐसा ही कुछ हुआ दिल्ली की आस्था के साथ । इसलिए आप इस रिपोर्ट को सिर्फ पढे नहीं बल्कि आज से ही अमल में भी लाएं अगर आपके घरों में बिना खिड़की वाले बाथरूम हैं तो तुरंत उसकी दीवार को तुड़वाएं और बाथरूम की दो विपरीत दीवारों पर जालीदार खिड़कियाँ अवश्य लगवाएं । कई बार लोग ठंड से बचने के लिए भी बाथरूम में मौजूद खिड़कियों व रोशन दान को सर्दियों में कपड़े ठूंस-ठूंस कर बंद कर देते हैं, जो कि कभी भी जानलेवा साबित हो सकता है ।
पूर्वी दिल्ली के गनेश नगर में 22 वर्षीय आस्था की मौत भी इसी तरह से हुई है । पोस्टमार्टम की रिपोर्ट में खुलाशा हुआ कि आस्था की मौत दम घुटने से हुई है । दरअसल आस्था नहाने गई थी, जब वह काफी देर से बाहर नहीं आई तो घर वालों ने बाथरूम का दरवाजा तोड़ा तो देखा कि आस्था बेशुद पड़ी थी । वहीं गीजर के बगल में एक काला धब्बा भी दिखाई दिया । जिससे यह मालूम हुआ कि गीजर से गैस का रिसाव हुआ था । जो आस्था की मौत का कारण बनी । अगर उस बाथरूम में वेंटीलेशन की पहले से ही उचित व्यवस्था की होती तो, गीजर से रिसाव हुई गैस बाथरूम से बाहर निकल जाती और आज आस्था अपने परिवार के बीच में होती ।
पहले भी हो चुकी है गीजर की गैस मौतें :
ग्रेटर नोयडा के अल्फा सेक्टर 2 में एक नवविवाहित जोड़े चेतन सैनी व किरण सैनी की भी मौत का मामला सामने आया था । तब भी जांच में यह बात सामने आई थी कि जिस बाथरूम में नवविवाहित जोड़ा नहाते वक़्त मृत मिला था उसमें भी वेंटीलेशन वाली खिड़की को बंद किया गया था, जिस कारण गीजर से रिसती गैस उसी बाथरूम में घूमती रही और विवाहित जोड़े की मौत हो गई थी ।
बेहद खतरनाक होती है गीजर की गैस :
देहरादून CMI अस्पताल के एम. डी. व कार्डियोलाजिस्ट डॉ0 आर0 के0 जैन बताते हैं कि अमूमन लोग गीजर को एक बार दीवार पर टांग देने के बाद उसके रखरखाव (मेंटीनेंस) पर ध्यान नहीं देते हैं । डॉ0 जैन ने बताया कि एक समय बाद गैस गीजर के बर्नर से पैदा होने वाली आग से गीजर ऑक्सीज़न गैस कि खपत जब अत्यधिक होने लगती है तो उसके बाद उससे कार्बनडाई ऑकसाईड गैस बढ़ जाती है जिस कारण फिर कार्बन मोनो ऑकसाईड बनती है और वह बेहद खतरनाक हो जाती है, जो सांस लेते वक़्त शरीर में प्रवेश कर जाती है और धीरे-धीरे शरीर में चल रहे खून में ऑक्सीज़न को प्रभावित कर शरीर में ऑक्सीजन की मात्रा को कम कर देती है । डॉ0 आर0 के0 जैन बताते हैं कि गीजर से रीसाव होने वाली गैस का कोई रंग नहीं होता है और न ही उससे कोई गंध आती है, इसलिए बाथरूम में नहाते वक़्त किसी को भी गैस रीसाव का पता नहीं चल पाता है । डॉ0 जैन आगे बताते हैं कि यह गैस इतनी खतरनाक होती है कि इसकी चपेट में आने वाले लोग बिना तकलीफ धीरे-धीरे मीठी नींद में चले जाते हैं या कुछ देर बाद दम घुटने के कारण निष्क्रिय होकर वहीं गस खाकर गिर जाते हैं ।
डॉ0 आर0 के0 जैन ने अपनी सलाह में बताया कि हमारे दिल और दिमाग के लिए ऑक्सीजन की सख्त जरूरत होती है जिसे न मिलने के कारण किसी की भी मौत हो सकती है । इसलिए सभी लोगों को इस बात का विशेष ध्यान रखना चाहिए कि घर मे कमरों के अलावा रसोई व बाथरूम को हमेशा हवादार और बड़ा (स्पेशियस) बनाएं और गैस गीजर को सावधानी पूर्वक प्रयोग करें । खासकर बच्चों को बंद बाथरूम में ज्यादा देर तक न रहने दें । डॉ0 जैन ने बताया कि इस तरह की घटना में हार्ट अटैक की संभावना ज्यादा हो जाती है साथ ही अन्य गंभीर बीमारियों की भी संभावना बढ़ जाती है ।
Copyright: Youth icon Yi National Media, 21.01.2017
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Very informative article.