Jay Badarivishal : बदरीनाथ दर्शन में भी दिखा राष्टपति शासन का असर।
बदरीनाथ दर्शन में भी दिखा राष्टपति शासन का असर … । शीतकाल के 6 माह के बाद जब भगवान् बदरीविशाल के कपाट खुलने का शुभ मुहूर्त आया तो उत्तराखण्ड में…
बदरीनाथ दर्शन में भी दिखा राष्टपति शासन का असर … । शीतकाल के 6 माह के बाद जब भगवान् बदरीविशाल के कपाट खुलने का शुभ मुहूर्त आया तो उत्तराखण्ड में…
The first day Record pilgrims arrived in Badrinath : कपाट खुलने के पहले ही दिन जुटे रिकॉर्ड तोड़ श्रद्धालु बदरीनाथ में …! बदरीनाथ, 11 मई को ब्रह्म मुहर्त में जब…
Astha ke dwar : खुल गए बदरीनाथ के कपाट आम श्रद्धालुओं के लिए …..! करोड़ों हिंदुओं के आस्था के प्रतीक भगवान बदरीविशाल के कपाट आज सुबह ब्रह्ममुहूर्त में धार्मिक परंपरानुसार…
Garud Wahan : गरुड़ पर सवार होकर चल दिए नारायण बदरीनाथ धाम ...! भगवान नारायण अपने प्रिय वाहन गरुड़ पर सवार होकर चल पड़े बदरीविशाल के धाम । धार्मिक मान्यतानुसार…
शिवराज का सिंहस्थ और आस्था से लबरेज़ श्रद्धालू ( सुबह सवेरे में ग्राउंड रिपोर्ट ) टेलीविजन की नौकरी सुबह से शुरू होती है, सुबह खबरें बताओ दोपहर में खबरें करो,…
Kedarnath : बम बम भोले खुल गया द्वार …! देवभूमि उत्तराखंड के विश्व प्रसिद्द चारधामों में से आज तीन धामों के कपाट आम श्रद्धालुओं के लिए खुल गए हैं ।…
Gangotri : गंगोत्री में कपाट खुलने पर उमड़ी रिकार्ड श्रद्धालुओं की भीड़ खिले स्थानीय लोगों के चेहरे …! आज अक्षय तृतीया के शुभवसर पर केदारनाथ धाम के बाद आज ही…
सिंहस्थ का पहला शाही स्नान और डूबते उतराते हम ! कल सिंहस्थ का पहला शाही स्नान था। आखिर वो दिन आ ही गया जिसका इंतजार था। एफएम रेडियो और टीवी…
फिर से देवमय हो जाएगी देवभूमि ….! बदरीनाथ , केदारनाथ , गंगोत्री और यमुनोत्री धाम जयकारों से गूंज उठेगा । बस थोड़ा सा इंतजार और…। फिर देवभूमि उत्तराखंड के चारों…
धर्म – संस्कृति …! ढनौरासेरा …! जहाँ चोटी देवता (जिन्न/राक्षस) ने पूरा गॉव ही शमशान बना दिया था । *आखिर क्यों प्रसिद्ध हैं ढ्नौरासेरा का भनारी ग्वल देवता… ? *क्या…
प्रकृति से जुड़ा सामाजिक, सांस्कृतिक, एवं लोक-पारंपरिक त्योहार । पर्वतीय संस्कृति की त्रिवेणी है ‘फूल-फूल माई’ / ‘फूल देई’ का त्योहार । “उत्सव ध्वनि, रंगोली आंदोलन की अनूठी पहल” *…
Rich Culture of Uttarakhand – Foolfoolmai-fooldei (फूलदेई) this is being observed by through Rangoli Andolan-(Campaign) to preserve the culture of Uttarakhand, as narrated by Rangoli Andolan Founder, Shashi Bhushan Maithani