Raibar : ए भाई, पत्रकार ..! कन ह्वे त्येरु यु “रैबार” । क्या केदार के जख्मों को कचोट रही है कलम ?
Raibar : ए भाई, पत्रकार ..! कन ह्वे त्येरु यु “रैबार” । क्या केदार के जख्मों को कचोट रही है कलम ? जिन कलमकारों को हमारे पलायन, बेरोजगारी, और दु:ख-दर्द…