• वकील को हुआ नोटिस जारी! • डॉक्टर पर वकील के आरोप कमजोर पड़े! • आखिरकार करवाना ही पड़ा महिला मरीज का ऑपरेशन!
👉क्या है पूरा मामला आगे पढ़ें पूरी खबर!
बीते दिनों एक मामला सोशल मीडिया पर खूब वायरल हुआ था जिसमें पेशे से एक वकील ने सिनर्जी अस्पताल और उसके डॉक्टर प्रवीण मित्तल पर अपने महिला मरीज की रिपोर्ट को लेकर गंभीर आरोप लगाकर एक लम्बी चौड़ी पोस्ट सोशल मीडिया पर खूब तेजी से वायरल की थी, जिसके बाद अस्पताल और डॉक्टर पर सोशल मीडिया यूजर्स ने भारी तादात में अनर्गल टिप्पणियाँ (कॉमेंट्स) भी किए हैं। जिससे अस्पताल प्रबंधन असहज हुआ और तत्काल मामला डॉक्टर्स एसोसिएशन तक पहुँच गया, और निर्णय लिया गया कि झूठे आरोप लगाने वाले वकील राकेश भट्ट के खिलाफ मानहानि का मामला दर्ज किया जाएगा।
👉 आखिर क्या था यह मामाला!
दरअसल 27 दिसंबर को एक महिला मरीज जिन्हें सड़क दुर्घटना में चोट लगा जाती है, उन्हें नजदीकी सिनर्जी अस्पताल में ले जाया गया। इस दौरान उनका प्राथमिक उपचार शुरू हुआ। जांच एवं रिपोर्ट के उपरांत डॉक्टर प्रवीण मित्तल ने मरीज के कंधे में कुछ जगहों पर फ्रैक्चर बताया और उन्हें ऑपरेशन की सलाह दी। लेकिन मरीज पक्ष ने गोल्डन कार्ड से उपचार कराने की बात कही तो अस्पताल ने कहा कि हमारे यहां गोल्डन कार्ड इम्पेनल्ड नहीं हैं लिहाजा आपको अपने खर्चे पर या किसी अन्य अस्पताल जहां गोल्डन कार्ड सुविधा है, में ईलाज करवाना चाहिए।
इस बीच मरीज पक्ष अपने मरीज को लेकर सिनर्जी अस्पताल से वापस चला गया और किसी अन्य डॉक्टर से सलाह ली फिर मैक्स अस्पताल गया (ऐसा मरीज पक्ष से वकील राकेश भट्ट ने अपनी वायरल पोस्ट में बताया है) वकील ने आगे बताया कि सिनर्जी अस्पताल के डॉक्टर प्रवीण मित्तल ने उन्हें झूठी रिपोर्ट बताई जबकि उनके महिला मरीज को मामूली चोट आई हैं। वकील राकेश भट्ट ने अपनी पोस्ट में यह भी दावा किया था कि मैक्स अस्पताल ने भी चोट को सामान्य बताया है।
👉आखिर सच्चाई है क्या :
सच्चाई यह है कि महिला मरीज जिन्हें सड़क दुर्घटना में चोट आई थी उन्हें वास्तविक रूप से कंधे में गंभीर चोटे आई थी, जैसा कि पहले ही सिनर्जी अस्पताल बता चुका था।
30 दिसंबर को उक्त महिला रोगी को जब मेक्स अस्पताल में डॉ. हिमांशु कोचर को दिखाया गया, तो उन्होंने भी सी टी स्कैन करा कर हड्डी को चार हिस्सों में टूटा बताया एवं ऑपरेशन की सलाह दी।
👉 और अब करवाना ही पड़ा ऑपरेशन :
जिस मरीज की रिपोर्ट को लेकर लगातार सोशल मीडिया पर भ्रामक सूचना प्रसारित कर सिनर्जी अस्पताल के डॉक्टर प्रवीण मित्तल को दोषी ठहराया जा रहा था, अब मैक्स अस्पताल के बाद ग्राफिक एरा अस्पताल ने भी मरीज को सिनर्जी अस्पताल जैसी ही रिपोर्ट दी और उसके बाद
उसी महिला मरीज का 3 जनवरी को ग्राफिक एरा हॉस्पिटल में डॉ राहुल अग्रवाल द्वारा ऑपरेशन किया जा चुका है और प्लेट भी डाली गई है। जैसे की सिनर्जी अस्पताल के डॉ प्रवीण मित्तल व मेक्स अस्पताल के चिकित्सक ने मरीज को पहले ही सलाह दी थी।
👉 सोशल मीडिया पर जल्दबाजी में कभी भी गलत एवं भ्रामक जानकारी साझा न करें :
आजकल सोशल मीडिया, वॉट्सअप पर बिना सत्य को जाने परखें अनेकों मैसेज प्रचारित प्रसारित किए जाते हैं जिनमें लेसमात्र की सच्चाई नहीं होती है । कभी कभी ऐसी गलत सूचनाओं का आदान प्रदान करना आपके लिए खतरनाक साबित हो सकता है। अब नए क़ानूनों में कठोर सजा एवं अर्थ दण्ड का भी प्राविधान शामिल है। इसलिए कभी सोशल मीडिया पर पोस्ट लिखने या किसी की पोस्ट पर कॉमेंट लिखने से पहले भलीभांति दुष्परिणामों के बारे में भी सोच लें।
सोशल मीडिया पर अधिकांश पोस्ट या कॉमेंट्स कुंठा वो भड़ास से भरे होते हैं।
सोशल मीडिया यूजर्स द्वारा कभी कभी बिना सोचे समझे या जल्दबाजी में किए गए ऐसे पोस्ट या कॉमेंट किसी भी व्यक्ति या संस्थान की छवि पर किसी षड्यंत्र, दुर्भावना से लांछन लगाने व हानि पहुंचाने के लिए प्रसारित किए जाते हैं।
👉 वकील को नोटिस जारी झूठी खबर फैलाने का आरोप :
देहरादून आर्थोपेडिक एसोसिएशन के अस्थि रोग विशेषज्ञ चिकित्सकों ने 03 जनवरी को प्रेस कॉन्फ्रेंस करके इस विषय में भ्रान्ति को पूरी तरह से स्पष्ट किया है और डॉ प्रवीण मित्तल के ऊपर लगे झूठे आरोप को एक साजिश करार दिया है।
आर्थोपेडिक एसोसिएशन ने कहा कि भ्रामक सूचना प्रसारित करने वाले व्यक्ति ने जानबूझकर कर मनगढंत कहानी लिखकर डॉक्टर के पेशे तार तार करने के कुत्सित प्रयास किया है। ऐसे लोगों की मानसिकता का आर्थोपेडिक एसोसिएशन
की कड़ी निंदा तो करता ही है साथ ही क़ानूनी कार्रवाई को भी अमल में लाएंगे।
उक्त सोशल मीडिया वायरल पोस्ट के क्रम में डॉ प्रवीण मित्तल एवं सिनर्जी अस्पताल के द्वारा आपराधिक अवमानना (criminal and civil defamation) का विधिवत् नोटिस भी आरोपी पक्ष को दे दिया गया है।
(नोट : उक्त खबर स्रोत द्वारा डॉक्टर प्रवीण मित्तल सिनर्जी अस्पताल व्हाट्सप्प)