Emotional Story of Innocent Nanda : आखिर मासूम नंदा का क्या है कसूर ! कैसे उलझ गई नंदा की जिंदगी कागजी खेल में ? कौन है नंदा के गुनहगार ? क्यों उसे छोड़ भाग गई उसकी माँ ? पंकज मैंदोली की खास खबर पढ़ने के लिए लिंक को क्लिक करें ।
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मासूम नंदा को डेढ माह से अधिक समय का वक़्त हो गया अस्पताल में लेकिन नहीं पसीज रहा है किसी का भी दिल !
शासन प्रशासन के कागजी खेल में नंदा का जीवन फसा हुआ है। जिसके चलते पीछले डेढ माह से नंदा अपने हाल पर बेस चिकित्सालय के एनआईसीयू के बेड पर अकेली पड़ी हुई है। नंदा को गोद लेने के लिए दर्जनों हाथ आगे बढ़ रहे हैं लेकिन कागजी कार्यवाही लोगों के मार्ग में बाधा बनी हुई है।
यह नंदा कोई और नहीं वह अभागी लड़की है जिसे एक निर्दयी मां ने चिकित्सालय के टायलेट में जन्म दिया और उसे उसके हाल पर छोड़ गयी थी । इस बच्ची को कई लोग नंदा के नाम से पुकार रहे है तो काई परी । चार सितम्बर से अब तक नंदा को गोद देने की प्रक्रिया पूरी नहीं हो पाई है। जिन विभागों के पास इसका जिम्मा है। वह एक दूसरे पर इस बात का ठिकरा फोड़ रहे हैं ।
बेस चिकित्सालय श्रीनगर गढ़वाल प्रशासन का कहना है कि उन्होंने नंदा की पूरी जानकारी जिला प्रशासन को दी हुई है। प्रशासन ही इस पर अब कार्यवाही करेंगा । वहीं इसकी जिम्मेदारी संभाले विभाग भी एक विभाग से दूसरे विभाग को पत्र लिखते जा रहा हैं , लेकिन इसके बाद भी कोई ठोस समाधान नहीं निकल पा रहा है। देखभाल के आभाव में नंदा हास्पिटल में बीमार हो गयी थी लेकिन अब चिकित्सकों का कहना है की वह पूरी तरह स्वस्थ है। आगे की कार्यवाही प्रशासन को ही करनी है। वही जिला बाल संरक्षण समिति पौडी के सदस्यों का कहना है कि नंदा के स्वास्थ्य को देखते हुए उसे हास्पिटल में रखा गया है। उधर बेस चिकित्सालय प्रशासन अभी तक भी नंदा की वास्तविक मां का पता नहीं कर पाया है।
अभी भी चिकित्सालय में रहस्य बना हुआ है कि बच्ची को टायलेट में ही जन्म दिया गया या बाहर से जन्म देने के बाद किसी ने बच्ची को टायलेट में छोड़ा। जिस तरह की स्थिति नजर आ रही है उससे प्रशासन का संवेदनहीन चेहरा साफ तौर पर सामने आ रहा है। नंदा की खबर लेने आने वाला हर कोई प्रशासन व जटिल नियम कानूनों को कोस रहा है। दूसरी ओर हर दिन नंदा को गोद लेने के लिए लोग बेस चिकित्सालय पहुंच रहे हैं , लेकिन स्थानीय प्रशासन के नुमाईन्दे मानो सबको नजरंदाज कर कान में तेल डाले हुए बैठे हैं ।
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