कांग्रेस नेता किशोर उपाध्याय का दर्द फेसबुक से छलक रहा है बाहर । पढ़ें विस्तार से उनकी लिखी हुई पोस्ट ।
किशोर उपाध्यय की फेसबुक वॉल से : देवभूमि की राजनीति में आज का दिन एक काले अध्याय के रूप में अंकित है, जब सब कुछ मिलने के बाद भी लोभ-लालच में 2016 में 9 कांग्रेसी विधायकों ने अपनी दलीय निष्ठा बदल कर कांग्रेस सरकार को गिराने का कुत्सित प्रयास किया था।अपितु, सरकार गिरा ही दी थी।
उस समय अगर कांग्रेस परिवार के साथी और जनता “लोकतंत्र-बचाओ” कांग्रेस के आंदोलन को समर्थन न देते तो शायद सरकार न बचती।
महामहिम राज्यपाल, माननीय विधान सभा अध्यक्ष जी ,मा. उच्च न्यायालय और मा. उच्चतम न्यायालय के क़ानून सम्मत निर्णयों ने संविधान और क़ानून की रक्षा की।
लेकिन, अगर कांग्रेस का कार्यकर्त्ता ‘करो या मारो’ की भावना से जनता का आशीर्वाद न लेते तो सरकार न बचती।मैं, किसी पर ऊँगली नहीं उठा रहा। सभी जानते हैं कि 10वीं विधायक जी की तरह कुछ और भी सटक जाते।
जनता के अभूपूर्व सैलाब के कारण कईयों के पैर ठिठक गये
न्यायालय और महामहिम संविधान में निहित शक्तियों और प्रावधानों के अनुसार विधान सभा में बहुमत साबित करने के निर्देशों के अलावा और कोई दूसरा रास्ता नहीं सुझा सकते।
हमें, उन कांग्रेस कार्यकर्ताओं के चरण पखारने चाहिये जिन्होंने मोदी-शाह की जोड़ी को मात दी।
हम उनकी मेहनत की रक्षा नहीं कर पाये।
अफ़सोस, अपनी नालायकी से हम 2017 में इतनी मेहनत से बचायी सरकार की रक्षा नहीं कर पाये।
लोगों ने कुछ इस प्रकार किए किशोर की पोस्ट पर कमेंट्स : आगे देखें स्क्रीन शॉट –