Flowers will now get money :
अब बदल जाएगी तकदीर!मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह
रावत ने बुके को बनाया रोजगार का जरिया,
बदलेगी नारी निकेतन की तस्वीर।
* मुख्यमंत्री की पहल से उनके जीवन में आ गए रंग ।
* रोकी बर्बादी, और रोजगार का हो गया सृजन ।
Dehradun 26 Aug. Yi Creative News : जी हां पुराने फूलों / बुके का रिसाइकिल किया जा सकता है और इसे रोजगार से भी जोड़ा सकता है । और ऐसी ही एक पहल सूबे में परवान चढ़ी है । जिसके सूत्रधार बनेे स्वयं उत्तराखण्ड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत, जिन्होंने इसे सार्थक करके भी दिखा दिया है । मुख्यमंत्री श्री त्रिवेंद्र ने फुलों के बुके को भी पर्यावरण संरक्षण और रोजगार सृजन का एक शानदार जरिया बना दिया है। मुख्यमंत्री ने पुराने हो रहे बुके का सदुपयोग करके एक नई मिसाल पेश की है।
अमूमन मुलाकात या समारोह के दौरान शिष्टाचार के नाते बुके देकर अतिथि या विशिष्ट व्यक्ति का अभिवादन किया जाना एक सामान्य शिष्टाचार बन गया है। हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुके दिए जाने की परम्परा को विभिन्न पहलुओं को ध्यान में रखकर विराम देते हुए सभी से यह आह्वाहन किया कि अब बुके की जगह बुक देने का रिवाज प्रचलित किया जाना चाहिए । जिसके बाद से पूरे हिन्दुस्दतान में कमोबेश एक दूसरे के सम्मान में बुके की जगह बुक दी जाने लगी है । और इसी क्रम में उत्तराखंड में भी अब मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र रावत आगन्तुकों को किताब भेंट कर ही अभिवादन करते है । लेकिन यह भी सच है कि अभी भी अधिसंख्य लोग जो मुख्यमंत्री आवास में
मुख्यमंत्री से मिलने पहुंचते हैं तो वह बुके ही भेंट करते है। लेकिन इस बात की हमेशा मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र रावत को चिंता रही कि आखिर कैसे इतनी बड़ी मात्रा में हर रोज कूड़े में फेंककर बर्बाद होते सुंदर फूलों का सदुपयोग किया जाय ।
मुख्यमंत्री की इस चिंता के बाद मुख्यमंत्री आवास में इकट्ठे बुके को देहरादून स्थित नारी निकेतन में भिजवाया जाने लगा । जहां नारी निकेतन में रह रही दर्जनों संवासिनियां द्वारा इन बुके का रिसाइकिलिंग का कार्य शुरू हुआ । बताते चलें कि नारी निकेतन में प्रवास कर रही महिलाओं द्वारा पुराने हो चुके फूलों से अगरबत्ती और धूप बनाकर सदुपयोग किया जाने लगा । मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र रावत की इस शानदार पहल से जहां अब न केवल एक बुके का सिर्फ सदुपयोग हो रहा है बल्कि इसके द्वारा वहां मौजूद महिलाओं को रोजगार का सृजन भी हो रहा है।
मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र की इस पहल का धन्यवाद करते हुए नारी निकेतन की जिला प्रोबेशन अधिकारी(डी.पी.ओ.) सुश्री मीना बिष्ट ने कहा कि मुख्यमंत्री श्री रावत ने उक्त संदर्भ्भ में स्वत: पहल की और उन्हें भेंट किये जाने वाले बुके नारी निकेतन में भिजवाये गए । फिर नारी निकेतन में मुख्यमंत्री की भावना के अनुरूप इस दिशा में तेजी से कार्य किया जाने लगा । फूलों को रिसाइकिल किया गया और संवासिनियों द्वारा धूप अगरबत्ती बनाए जाने का कार्य शुरू हुआ जिसके सुदंर परिणाम चंद दिनों में ही हम सबके सामने दिखने लगे । सुश्री बिष्ट ने बताया कि इस पहल से न सिर्फ रोजगार का सृजन हुआ बल्कि इसके अलावा वहां रह रही संवासिनियों का मनोबल भी बढ़ा है । उन्होंने आगे बताया कि धूप और अगरबत्ती बनाने के लिए कच्चा माल भी आसानी से उपलब्ध हो रहा है । इस तरह के अभिनव पहल से निःसंदेह राज्य में अन्य महिलाएं भी कम लागत पर अगरबत्ती व धूप बनाकर अपनी आर्थिक स्थिति में सुधार ला सकती है।
अच्छु च पर तीरु दा अभी कमाल नी करणू कुछ खास