खुशखबरी ! उम्मीदों के साथ, एक छोटा सा प्रयास, उत्तराखंड में शुरू ।
दोनों संगठन देहरादून में शहरीकरण विकास योजनाओं के कार्यान्वयन में सरकारी एजेंसियों का सहयोग करेंगे। यह सहयोग मुख्यतः गवर्नेंस, बजट, नागरिक शिकायत निवारण, वित्त व्यवस्था और पारदर्शिता जैसे उन क्षेत्रों में किया जाएगा, जहां स्थानीय निकायों को नागरिक सहयोग की आवश्यकता है। जनाग्रह एक ऐसा संगठन है जो “I Change My City”, भारत सरकार के ‘स्वच्छता एप’ और हाल ही में लॉन्च किए गये ‘स्वच्छ मंच’ जैसे पोर्टल के साथ नागरिक सहभागिता बढ़ाने में सफलता पूर्वक कार्य कर चुका है। संगठन के सह-संस्थापक रमेश रामनाथन जवाहरलाल नेहरू राष्ट्रीय शहरी नवीकरण मिशन (जे एन एन यू आर एम) के तकनीकी सलाहकार रह चुके हैं।
Dehradun, Yi Media. उत्तराखंड की Gati Foundation ने Urban reforms के क्षेत्र में काम करने वाली बेंगलुरु की जनाग्रह Janaagraha संस्था के साथ देहरादून में शहरी विकास के मसलों पर मिलकर काम करने का फैसला किया है। इस संबंध में 29 अगस्त, 2018 को दोनों संगठनों के बीच एक MoU पर हस्ताक्षर किए गए। इस समझौते के साथ ही देहरादून और गति फाउंडेशन, जनाग्रह द्वारा स्थापित देश के Network for City-Reforms Systems (NCRS) का पहला सदस्य बन गया है।
31 दिसंबर, 2020 तक प्रभावी रहने वाले इस MoU पर देहरादून में दोनों संगठनों के प्रतिनिधियों के बीच हुई बैठक में हस्ताक्षर किये गये। गति फाउंडेशन की ओर से Founder अनूप नौटियाल और जनाग्रह की ओर से Annual Survey of India City Systems (ASICS) प्रमुख विवेक आनन्दम नायर ने MoU पर हस्ताक्षर किए। इस मौके पर दोनों संगठनों के अन्य सदस्य भी मौजूद थे। यह समझौता दोनों संगठनों के बीच NCRS के सदस्य के रूप में किया गया। समझौते के तहत दोनों संगठन देहरादून में शहरीकरण विकास योजनाओं के कार्यान्वयन में सरकारी एजेंसियों का सहयोग करेंगे। यह सहयोग मुख्यतः गवर्नेंस, बजट, नागरिक शिकायत निवारण, वित्त व्यवस्था और पारदर्शिता जैसे उन क्षेत्रों में किया जाएगा, जहां स्थानीय निकायों को नागरिक सहयोग की आवश्यकता है।
जनाग्रह एक ऐसा संगठन है जो “I Change My City”, भारत सरकार के ‘स्वच्छता एप’ और हाल ही में लॉन्च किए गये ‘स्वच्छ मंच’ जैसे पोर्टल के साथ नागरिक सहभागिता बढ़ाने में सफलता पूर्वक कार्य कर चुका है। संगठन के सह-संस्थापक रमेश रामनाथन जवाहरलाल नेहरू राष्ट्रीय शहरी नवीकरण मिशन (जे एन एन यू आर एम) के तकनीकी सलाहकार रह चुके हैं।
गति फाउंडेशन के संस्थापक अनूप नौटियाल ने कहा कि मेरी सोच है की उत्तराखंड भले ही एक पर्वतीय राज्य हो लेकिन हमारे यहाँ पर शहरीकरण की गति काफी अधिक है। ऐसी स्थिति में यहां व्यवस्थित शहरीकरण की बहुत आवश्यकता है। मुझे उम्मीद है की जनाग्रह से साझेदारी और राज्य प्रशासन के सहयोग से देहरादून में urban reforms सिस्टम के क्रियान्वयन में गतिशीलता लाई जा सकेगी।
जनाग्रह में ASICS के प्रमुख विवेक नायर का मानना है कि शहरी क्षेत्र में बेहतर जीवन सुविधाएं उपलब्ध कराना अर्बन गवर्नेंस की प्राथमिकता होनी चाहिए। आज शहरों की सबसे बड़ी समस्याओं में सड़कों के गड्ढे, अनवरत ट्रैफिक जाम, वायु प्रदूषण और किफायती आवास व्यवस्था की कमी शामिल हैं। जब तक अर्बन गवर्नेंस इन मसलों का स्थाई समाधान नहीं तलाशती, तब तक ये मुद्दे बार-बार सामने आते रहेंगे।
उल्लेखनीय है कि जनाग्रह द्वारा देश के 23 बड़े शहरों में किए गए पिछले दो अध्ययनों, ASICS की रिपोर्ट में देहरादून को 10 में से 3.1 अंक मिले हैं। इस सर्वे में सबसे ज्यादा 5.1 अंक पुणे को मिले। खास बात यह है कि देहरादून ने 2017 में भी अपनी स्थिति में कोई सुधार नहीं किया, जबकि भुवनेश्वर और रांची जैसे शहर ऐसा करने में सफल रहे हैं। ऐसी स्थिति में देहरादून की शहरी जीवन संबंधी परिस्थितियों में सुधार करने के लिए बहुत अधिक अध्ययन करके सुधारात्मक कदम उठाने की आवश्यकता है।
शहरी समस्याओं के निदान में जनाग्रह ASICS का उपयोग करके कई राज्य सरकारों और शहरी विकास एजेंसियों का सहयोग कर रहा है। वर्तमान में यह संगठन रायपुर और बेंगलुरु नगर निगम के साथ ही गुरुग्राम मेट्रोपोलिटन डेवलपमेंट अथॉरिटी (GMDA) का सहयोग कर रहा है। कर्नाटक, झारखंड और राजस्थान सरकार भी जनाग्रह की मदद ले रही हैं।