Gomukh : मामूली टुकड़ा टूटा था ग्लेशियर का । कुछ चैनलों ने बे-वजह बढ़ा चढ़ाकर दिखाई थी यह खबर …!
Youth icon Yi Report 5 July ,उत्तरकाशी , गोमुख ग्लेशियर का कुछ हिस्सा चटक कर अलग हो गया है । इस बात का पता तब चला जब गोमुख से अलग हुआ हिमखंड बारीक चूरे के रूप में भागीरथी नदी की धार के साथ बहकर 18 किलोमीटर दूर गंगोत्री धाम तक आ पहुंचा था । बहती गंगा के किनारे-किनारे कई जगहों पर इकट्ठा हुए बर्फ के चूरे को यात्रियों व स्थानीय पुजारियों ने देखा तो उन्होने तभी अंदेशा जता दिया था कि हिमालय मे स्थित गोमुख से ग्लेशियर चटक गया है । देखते ही देखते यह खबर और संबन्धित फोटो फेसबुक व्हाट्सप पर भी खूब शेयर होने लगी थी । जिसके बाद गंगोत्री नेशनल पार्क के डीएफओ ने भी गोमुख ग्लेशियर के टूटने की पुष्टि की । दूसरी ओर इस घटना को कई लोग सोशल मीडिया व समाचार माध्यमों से बहुत बढ़ा चढ़ाकर पेश करने की जुगत में भी लग गए थे, लेकिन तभी अधिकारियों के अलावा वैज्ञानिकों ने भी इसे प्रकृति में घटने वाली बेहद सामान्य प्रक्रिया का हिस्सा बताते हुए ग्लेशियर का बड़ा हिस्सा टूटने जैसी खबर का खण्डन कर अफवाहों को विराम दे दिया । लेकिन उसके बाबजूद भी कल रात व आज सुबह तक कई नेशनल चैनल बेहद डरावने अंदाज मे इस खबर को देश और दुनियाँ के दर्शकों को दिखा रहे थे । स्वयं को बेहद ज्ञानवान समझने वाला दिल्ली से संचालित मीडिया हर छोटी घटना को बेवजह बढ़ा – चढ़ाकर पेश कर रहा है । जिससे लोगों में दहशत का माहौल पनप रहा है । अभी दो सप्ताह भी नहीं बीता है जब दिल्ली नोयडा से संचालित दो बड़े न्यूज चैनलों के खिलाफ उत्तरकाशी , उत्तराखंड में लोग सड़कों पर उतर आए थे तब दोनों ही प्रमुख चैनलों का लोगों ने चौराहे पर पुतला भी जलाया था । अफशोस कि नेशनल टेलीविज़न मीडिया ने अपनी पूरी ताकत TRP बटोरने के लिए लगाई होती है ।
वर्तमान में इसके लिए सिर्फ मीडिया ही नहीं बल्कि अब वह लोग भी जिम्मेदार हैं जो व्यक्तिगत स्तर पर गली गाँव मोहल्लों व शहरों की छोटी-छोटी घटनाओं को मोबाईल कैमरे मे कैद कर फेसबुक, व्हाट्स्प आदि पर भी वाह वाही लूटने व ढेरों लाईक कमेंट्स पाने की होड मे शामिल हो गए हैं ।
दरअसल बीते शनिवार की शाम को ही गंगोत्री धाम में भागीरथी नदी के साथ बर्फ के टुकड़े बहकर आते देख स्थानीय लोगों की सूचना पर गंगोत्री नेशनल पार्क के अधिकारियों ने उक्त मामले की जांच की । तब वहाँ पर मौजूद रेंज अधिकारी प्रताप सिंह पंवार ने तत्काल भोजबासा में तैनात पार्क कर्मचारियों और पंडित गोविन्द बल्लभ पंत हिमालय पर्यावरण एवं विकास संस्थान अल्मोड़ा के वरिष्ठ वैज्ञानिकों से वायरलैस के जरिये संपर्क साधा । पता चला कि शाम को गोमुख ग्लेशियर के बायीं तरफ का एक हिस्सा टूटा है । जिसका चूरा नदी की धार के साथ बहते हुए गंगोत्री तक पहुंचा है । ग्लेशियर टूटने के बाद से गंगोत्री नेशनल पार्क और वैज्ञानिकों की टीम भी सटीक आंकड़ा जुटाने में जुट गई है। वर्तमान में भोजबासा में तीन वैज्ञानिकों का दल पहले से ही गोमुख ग्लेशियर के अध्ययन के लिए मौजूद है ।
कुलमिलाकर गोमुख में ग्लेशियर टूटने की इस घटना को वैज्ञानिकों ने बेहद ही सामान्य घटना बताते हुए कहा है कि पूर्व में भी इस तरह से ग्लेशियर टूटता रहा है । Wadia Institute of Himalyan Geology के वरिष्ठ वैज्ञानिक डा0 डी.पी. डोभाल से जब मैंने बात की तो उन्होने बताया कि जहां पर पानी का मुहाना है उसे Snout कहा जाता है वहाँ पर ग्लेशियर की चौड़ाई लगभग 100 मीटर है । इस जगह पर पानी की वजह से मूवमेंट लगातार बना रहता है । और बर्फ की थिक्नेश भी बहुत है जो लगभग 7 मीटर तक होती है, व उसके आसपास जब कभी भी कोई हलचल या मूवमेंट बढ़ती है तो बर्फ की मोटी परत में दरार आ जाती है तो वह हिस्सा कभी भी चटक कर अलग हो जाता है । जो कि ग्लेशियर में के मुहाने पर घटने वाली यह बेहद ही सामान्य घटना है । पूर्व में भी कई बार ग्लेशियर के चटकने की रिपोर्ट हुई है । इसलिए इस तरह की घटना को वैज्ञानिक दृष्टिकोण से बेहद सामान्य प्रक्रिया का हिस्सा ही माना जाएगा ।
कुलमिलाकर ग्लेशियर विज्ञानी भी गोमुख में ग्लेशियर टूटने की इस खबर को ज्यादा तबब्जो नहीं देना चाहते हैं । जानकारों ने इसे मौसम की सामान्य घटना बताया है । जरूरत है मीडिया को बेहद संयम बरतने की हर घटना को बड़ी बताकर सनसनी फैलाने पर शीघ्र रोक लगनी बेहद अवश्यकता है । हमें यह नहीं भूलना चाहिए कि हमारी समाज मे अति महत्वपूर्ण भूमिका है लाखों करोड़ों लोगों की उम्मीदें हम मीडिया जनों से रहती है हमें उसका भी खयाल रखना होगा । अन्यथा यूं ही उपहास के पात्र बनकर रह जाएंगे ।
*शशि भूषण मैठाणी ‘पारस’
Copyright: Youth icon Yi National Media, 05 .07.2016
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