Logo Youth icon Yi National Media HindiGorkhaland Movement : अब देशभर में फैलेगा  गोर्खालैण्ड आंदोलन । उत्तराखंड में भी होगा महा-अनशन ! 

Shashi Bhushan Maithani ‘Paras’

Dehradun, अपनी खूबसूरती व आबोहवा के लिए दुनियाँभर में मशहूर दार्जीलिंग की शांत हसीन वादियाँ पिछले ढाई महीनों से अशांत है । आजकल यहाँ हिंसा, विरोध, प्रदर्शन पूरे उफान पर है । बताते चलें कि यह आंदोलन अलग गोर्खालैंड राज्य की मांग को लेकर है । पश्चिम बंगाल से अलग होने की जिद्द में अब गोरखाओं का यह आंदोलन बेहद उग्र होता जा रहा है । फिलहाल पश्चिम बंगाल सरकार और आंदोलन से जुड़े आंदोलनकारी संगठनों में से कोई भी झुकने को तैयार नहीं हैं । ऐसे में स्थिति बेहद तनावपूर्ण होती जा रही है ।

GSSS ट्रिपल एस यानी गोर्खा सयुंक्त संघर्ष समिति के संस्थापक सदस्य राजीव शर्मा ने यूथ आइकॉन Yi नेशनल मीडिया को  बताया कि बीते 81 दिनों में पश्चिम बंगाल पुलिस व CRPF की गोलियों से 12 आंदोलनकारियों को निशाना बनाकर मौत के घाट उतार दिया गया है । लेकिन उन्होने साफ किया कि ममता सरकार की इस दमनकारी नीति का गोर्खा समाज भी डटकर मुक़ाबला करने को तैयार है ।

GSSS ट्रिपल एस यानी गोर्खा सयुंक्त संघर्ष समिति के संस्थापक सदस्य राजीव शर्मा के साथ यूथ आइकॉन की Exclusive खास बातचीत का वीडियो देखने के लिए  नीचे वीडियो फ्रेम के बीच में दिखाई दे रहे प्ले वाले बटन को क्लिक करें…..  

साथ ही उन्होने केंद्र की भाजपा सरकार व प्रधानमंत्री मोदी पर भी वादाखिलाफी का आरोप जड़ते हुए कहा कि मोदी ने चुनावों के दरमियान गोर्खालैंड राज्य का सपना पूरा करने का वादा किया था लेकिन अब उन्होने भी इस मसले पर चुप्पी साध ली है ।

उधर पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने भी साफ कर दिया है कि पश्चिम बंगाल और दार्जिलिंग कभी भी अलग नहीं हो सकते हैं । राज्य सरकार के इस रवैये से आंदोलन से जुड़े संगठनों ने अब इस आंदोलन को देशव्यापी बनाने की दिशा में काम करना शुरू कर दिया है । बताते चलें कि पूरे हिंदुस्तान में लगभग डेढ़ करोड़ से भी ज्यादा गोर्खा समाज के लोग हैं, और इसी संख्या बल के आधार पर पृथक  गोर्खालैंड राज्य की मांग को देश व्यापी आंदोलन बनाने की दिशा में काम होने लगा है, आगामी 10 सितंबर को सभी राज्यों में गोरखाओं द्वारा महाअनशन व प्रदर्शन कार्यक्रम की तैयारियां भी ज़ोरों पर है । इसी क्रम में गोर्खा सयुंक्त संघर्ष समिति के संस्थापक सदस्य व राष्ट्रीय सलाहकार राजीव शर्मा दिल्ली व उत्तराखंड की कमान संभाले हुए हैं ।

पृथक गोर्खालैंड की मांग के इस आंदोलन से पूरे हिदुस्तान में फैले गोरखाओं को किस तरह से संगठित किया जाएगा ? साथ ही केंद्र के अलावा पश्चिम बंगाल की ममता सरकार को किस तरह से दबाव में लिया जाएगा ? इस बारे में जब हमने राजीव शर्मा से बातचीत की तो उन्होने क्या क्या कहा यह आप भी इस बातचीत में सुनिए

 

By Editor