Harela Parwa : हरेला की कहानी हरदा की जुबानी ।
आम पार्टी के बाद अब पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने हरेला पर्व पर कंण्ड़ाली की चाय, पहाड़ी अर्से, बड़े, बेड़ु की रोटी, अम्टा, पहाड़ी रायता, सिंगोड़ी, पतोड़ें, अल्मोड़ा की बाल मिठाई की दी पार्टी।
देहरादून । (यूथ आइकॉन) पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत पहाड़ से जुड़े जन सरोकारों को छोड़ने को तैयार नहीं हैं। अपनी काफल, आम, आड़ू, जामन आदि की दावत के बाद उन्होंने हरेला पर्व को मनाते हुए ‘‘जी रया-जागि रया, ये दिन बार-बार भेंटना रया’’ कार्यक्रम को अपने राजपुर निवास 18 ओल्ड मसूरी रोड़, देहरादून पर सांस्कृतिक, सामाजिक, बुद्विजीवी लोगों के साथ मिलकर बनाया है। उन्होंने अपने मेहमानों को पहाड़ी व्यजनों में कांण्ड़ली की चाय, पहाड़ी अर्से, बड़े, बेड़ु रोटी, अम्टा, पहाड़ी रायता, सिंगोड़ी, पतोड़ें अल्मोड़ा की बाल मिठाई का स्वाद चखाया और इस अवसर पर बोलते हुए कहा कि अपने राज्य के सरोकार व परम्परायें आने वाली पीड़ी तक पहुंचे, जिससे हम अपने राज्य की विरासत का संरक्षण कर सके व अपनी इस बहुमूल्य संस्कृति, साहित्य व पराम्पराओं को अपनी भावी पीड़ी को भी सौंप सके। उन्होंने कहा कि हरेला के माध्यम से अपने राज्य को हरा-भरा करने की जो भावना निहित है उस पर हम आगे भी चलते रहे, आज इसकी
आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि मैंने लगभग ग्यारह सौ छोटी-2 पहल मुख्यमंत्री के रूप में की थी। उनका संबन्ध किसी ना किसी रूप में हमारे जल, जंगल, जमीन से रहा है। चाहे मेरी कोदो, झंगोरा, मडुवा हो, चाहे मेरा वृक्ष-मेरा धन हो चाहे राज्य में जल संरक्षण के लिए छोटे-2 तालाब बनाने की पहल रही हो, उन सबका आर्थिकी व सांस्कति से संबन्ध रहा है। उन्होंने घी सक्रान्त को भी इसीलिए मनाते हैं। श्री रावत ने जनरल टी.पी.एस. रावत को तित पाती को सेवन कराते हुए कहा कि ये तित पाती हमारी पहाड़ की एक जड़ी बूटी का काम करती है। उन्होने पहाड़ी पत्ता चंद्रा दिखाते हुए भी कहा कि अगली बार आपको चंद्रा की सब्जी का भी चखाउंगा। पदम्भूषित बसंती बिष्ट एवं महिलाओं ने साथ में लोक गायन किया व धाद संस्था द्वारा सांस्कृतिक कार्यक्रम किया गया।
उनके निवास पर इस अवसर पर राज्य के कई सांस्कतिक, सामाजिक, कलामंच से जुड़े लोगों ने सिरकत की व हरेला पर्व की उपयोगिता पर प्रकाश डाला। इस अवसर पर कार्यक्रम में पदम्भूषित बसंती बिष्ट, कांग्रस प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम सिंह, सह प्रभारी संजय कपूर, विधायक हरीश धामी, ललित, र्फस्वाण, पूर्व मुख्य सचिव इन्दु कुमार पाण्ड़े, पूर्व सचिव एस.एस. पांगती, कुर्माचल सभा से चन्द्रशेखर जोशी, गोविन्द पाण्ड़ें, आर.एस. परिहार, जी0एस0 भट्ट, कमल रजवार, कलाकार नन्दलाल भारती, धादसंस्था से पी.सी. थपलियाल, हर्षमणी व्यास, तन्मय मंमगाई, ब्रिगेडियर के0जी0 बहल, उदय भट्ट, गढ़वाल सभा, माधुरी बड़थ्वाल, गायिका धाद, लोकेश नवानी, धाद, इतिहासकार डी0एन0 पाण्डे, जी0एस0 भट्ट, कुर्मांचल, आई0जी0 कोठियाल, ड़ा0 योगेम्बर बर्थवाल, श्री प्रेम कश्यप, कलाकार, एस0एस0 रजवार, शेर सिंह लटवाल, केरला से वैन्कटेश राम कृष्णान डिप्टी चीफ एडिटर फ्रन्ट लाईन मैगजीन, पदमश्री वैद्ध प्रकाश बालेन्दु, वैद्ध शिखा बालेन्दु, राजेश शर्मा, होटल मधुबन के एस.पी. कोचर, मौ0 इलियास, प्रभुलाल बहुगुणा, बागेश्वर जिला पंचायत अध्यक्ष हरीश एठानी, कुवर सिंह नेगी, अनुपमा रावत, सरिता आर्य, सरोजनी कैन्थूरा, आशा मनोरमा डोबरियाल शर्मा, कमलेश रमन, गरिमा दसौनी, मनीष कर्णवाल, विवेक मनोरमा डोबरियाल शर्मा, सरदार हरजीत सिंह, गिरधर बम, आनन्द रावत, अमित रावत आदि सैकड़ों की संख्या में काग्रेसजन मौजूद रहे।