डीएम  चमोली के समर्थन में जनता अंदर ही अंदर हो रही है लामबंद!

*सोशल मीडिया में जमकर हो रही है युवा IAS संदीप तिवारी की तारीफ़!

* जिला आबाकारी अधिकारी के खिलाफ दिखाई दे रहा है लोगों में आक्रोश! त्रिपाठी को तुरंत जिले से बाहर करने की उठ सकती है मांग।

चमोली के जिलाधिकारी डॉ. संदीप तिवारी पर लगाए गए आरोपों से न केवल जनता में आक्रोश पनप रहा है, बल्कि यह एक गंभीर प्रशासनिक संकट की ओर भी इशारा करता है। यदि सरकार ने इस मामले को शीघ्र गंभीरता से नहीं लिया, तो यह एक खतरनाक परिपाटी की उत्तराखंड राज्य में शुरुआत होगी, जिससे #प्रशासनिक ढांचा पूरी तरह चरमरा सकता है।

क्या अब हर अधिकारी अपने वरिष्ठ के खिलाफ सीधे मुख्यमंत्री से शिकायत करेगा?

अगर इसी तरह कोई भी छोटा अधिकारी, जब चाहे अपने वरिष्ठ अधिकारी की शिकायत सीधे मुख्यमंत्री से करने लगे, तो फिर प्रशासन में अनुशासन कैसे बना रहेगा? एक डीएम जिले का मुखिया होता है, उसकी जिम्मेदारी पूरे जिले को सुचारू रूप से चलाने की होती है। अगर वह किसी कर्मचारी की लापरवाही पर सवाल उठाता है और कर्मचारी इसके जवाब में सीएम से शिकायत कर देता है, तो भविष्य में कोई भी डीएम किसी भ्रष्ट या अक्षम अधिकारी के खिलाफ कार्रवाई करने की हिम्मत नहीं करेगा।

सवाल यह कि, क्या प्रशासन अब यूनियन के दबाव में चलेगा?

सबसे बड़ा सवाल यह भी है कि क्या अब प्रशासन यूनियनों और संगठनों के दबाव में काम करेगा? यदि कोई कर्मचारी बार-बार अपने संगठन की ताकत की हवा जनता के बीच छोड़कर धमकाने की कोशिश करे, तो क्या यह स्वीकार्य होगा? लोगों का कहना है कि आबकारी संगठन बड़ा है और पैसे वाला है… अगर आज एक अधिकारी अपने संगठन की ताकत दिखाकर जिले के मुखिया डीएम के खिलाफ शिकायत दर्ज करवा सकता है, तो कल को क्या IAS अधिकारियों का संगठन अपने IAS साथी अधिकारी के खिलाफ ऐसे अनर्गल आरोपों पर चुप रहेगा? क्या  IAS बिरादरी अपने साथी के खिलाफ हो रही अनुचित कार्रवाइयों को यूं ही देखती रहेगी? (अगर कार्रवाई होती है तो)

सरकार को जल्द निर्णय लेना होगा , वरना जनता DM के समर्थन में सड़कों पर उतरने को मजबूर हो सकती है !

आज पूरे दिन जिस तरह आम हो या ख़ास हर कोई दलगत राजनीति से ऊपर उठकर #सोशल_मीडिया में
डीएम संदीप तिवारी IAS के खिलाफ लगाए गए आरोपों को निराधार मानते हुए एक मुहीम चलाए हुए हैं और धामी सरकार से तत्काल मामले को समाप्त करने की बात कर रहे हैं ।

आबकारी अधिकारी दुर्गेश त्रिपाठी को तुरंत चमोली से हटाकर उनकी कार्यशैली की जांच कराए जाने की भी मांग लोग अपनी पोस्ट में कर रहे हैं ।
प्रशासनिक अनुशासन बनाए रखने के लिए स्पष्ट निर्देश जारी किए जाएं कि कोई भी छोटा अधिकारी अनुशासनहीनता कर अपने वरिष्ठ के खिलाफ राजनीतिक दबाव न बनाए।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से अपेक्षा : 

हमें पूरी उम्मीद है कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी इस मामले में सकारात्मक पहल करेंगे और जल्द से जल्द इस विवाद का पटाक्षेप करेंगे। साथ ही, वह यह भी सुनिश्चित करेंगे कि कोई भी अधिकारी या कर्मचारी अनुशासनहीनता करने के बजाय अपने कर्तव्यों का ईमानदारी से निर्वहन करे।

जनता भ्रष्टाचार और प्रशासनिक अराजकता को बर्दाश्त नहीं करेगी!

सरकार की भूमिका भी इस वक़्त हो जाएगी अहम.. जनता देखना चाहेगी कि युवा मुख्यमंत्री धामी का रुख क्या रहने वाला है..! आगे यह देखना दिलचस्प होगा कि राज्य सरकार एक कर्मठ और ईमानदार IAS अधिकारी का साथ देती है या नहीं!!!!
यदि ऐसे सरकार ने आम जन मानस की भावना के अनुरूप फैसला लिया तो अच्छी खासी किरकिरी भी हो सकती है और जनता सड़क से डिजिटल माध्यम तक पर खरी खोटी सुनाने से पीछे नहीं हटेगी फिलहाल आज के सोशल मीडिया ट्रेंड को देखकर तो यही लग रहा है।

कुलमिलाकर बात इतनी सी है कि DM चमोली ने बैठक से नदारद रहने वाले अपने मातहत आबकारी अधिकारी के कार्यालय जाकर छापा मारा तो आबकारी अधिकारी वहाँ से भी गायब मिले तो DM ने अपने अधिकारों का प्रयोग करते हुए दोषी अधिकारी के खिलाफ प्रशासनिक कार्रवाई शुरू क्या कर दी कि आबकारी अधिकारी की शिकायत पहुँच गई सीधे मुख्यमंत्री दरबार में और आरोप क्या लगाए हैं वह आप लोग इस रिपोर्ट के साथ संलग्न शिकायति पत्र को पढ़ सकते हैं।

शशि भूषण मैठाणी पारस

By master