In Aggresive Mode- CM Uttarakhand : बरखुरदार ....खबरदार... होशियार... त्रिवेंद्र का खुल चुका है तीसरा नेत्र !
In Aggresive Mode- CM Uttarakhand : बरखुरदार ….खबरदार… होशियार… त्रिवेंद्र का खुल चुका है तीसरा नेत्र !
* त्रिवेंद्र के आमरस में किसने मिलाई खटाई ?
* कौन थे वह तीन जिन्होंने आमरस को किया खट्टा ?
Shashi Bhushan Maithani Paras
आज तो छा गए सुबे के सूबेदार । सूबेदार साहब गए तो थे रस भरे आमों का मजा लेने, लेकिन कुछ सिपहसालारों ने सुबेदार साहब के रस भरे मौसम में कर डाली ऐसी गुस्ताखी कि, अक्सर शांत रहने वाले सुबेदार साहब का तीसरा नेत्र खुल ही गया । सूबेदार साहब को गुस्से में देख, लगे सिपहसालार थरथर कांपने । लेकिन तब तक तो बहुत देर हो चुकी थी । सूबेदार साहब ने गरजदार शब्दों के साथ साफ कर दिया कि बहुत हो गया अब ! बिना काम के नहीं मिलेगा कोई दाम।
अब साफ है कि सूबे में लापरवाह अधिकारियों-कर्मचारियों की खैर नहीं है । क्योंकि हर एक पर है अब CM की तीसरी नज़र । हुजूर यह मत सोचिएगा कि अब आप सरकारी मीटिंग में WhatsApp और Facebook के मजे ले पाएंगे । अगर जान बूझकर आपने ऐसा करने की गुस्ताखी की तो इसका अंजाम आपके परिवार को भुगतना पड़ सकता है । अक्सर देखा गया है कि अधिकारी कर्मचारी दफ्तरों के अलावा सरकारी मीटिंगों को भी सीरियसली नहीं लेते । विभागीय अधिकारी कितने भी महत्वपूर्ण विषय पर बोलता रहे पर कुछ लोग अपनी ही दुनिया में मस्त रहते हैं । और ऐसा ही एक वाकिया आज उत्तराखंड के मुख्यमंत्री के सम्बोधन के दरमियान हो गया । लेकिन आज तीन अधिकारियों को मुख्यमंत्री की एक झिड़क क्या पड़ी कि अब सभी अधिकारी कर्मचारी सहम गए हैं ।अगर मुख्यमंत्री अपने इसी तेवर को आने वाले दिनों में भी जारी रख पाएंगे तो निसंदेह सूबे की अफसरशाही पर जरूर लगाम लग जाएगी । कुल मिलाकर फिलहाल हम कह सकते हैं कि अधिकारियों की मस्ती पर आने वाले दिनों में और ज़ोर का ब्रेक लगने वाला है ।
सुने कैसे लगाई CM ने तीनों अधिकारियों को भरी सभा में फटकार सुनने के लिए नीचे दिए गए वीडियो को क्लिक करें या प्ले वाले बटन को दबाएं ।
बाते चलें कि मामला है देहरादून रिंग रोड स्थित किसान भवन का । जहां कृषि विभाग द्वारा आम महोत्सव का आयोजन किया गया था । प्रदेश में किसानों की दशा पर जब CM बोल रहे थे तो तभी कुछ बेलगाम सरकारी अधिकारी अपने आप में ही मस्त थे बहुत देर तक CM इन लोगों को देखते रहे लेकिन जब काफी देर तक भी इन लोगों को कुछ फर्क नहीं पड़ा तो CM ने खचाखच भरे सभागार में तीनों को खड़ा करवा दिया और लगाई जमकर फटकार (इसके लिए आप फोटो के अलावा वीडियो देखें)। यही नहीं तेज तर्रार उद्यान सचिव डी सेंथिल पांडियन को इशारों- इशारों में सब समझा भी दिया। जिसका असर भी देखने को भी मिला । सूत्रों का कहना है कि तीनों अधिकारियों को नोटिस जारी करने के साथ ही 1 महीने का वेतन काटने के निर्देश जारी हो गए हैं ।
सुबोध उनियाल कृषि मंत्री उत्तराखंड सरकार
यह बहुत गंभीर प्रकरण है अधिकारियों और कर्मचारियों का इस तरह का आचरण बताता है कि हम जनहित से जुड़े विषयों पर बिल्कुल भी गंभीर नहीं है। यह प्रकरण सबक है राज्य के तमाम सरकारी कर्मचारियों अधिकारियों के लिए कि वह अपनी गरिमा बनाए रखें और कोई ऐसा काम ना करें की सरकार को उनके खिलाफ अनुशासनहीनता की कार्रवाई करनी पड़े। भविष्य में यदि इस तरह का प्रकरण दोहराया गया तो दोषी लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
सुबोध उनियाल कृषि मंत्री उत्तराखंड सरकार
यह सबक है उन तमाम सरकारी कर्मचारियों के लिए भी है जो विभागों की मीटिंग और तमाम कार्यक्रमों को औपचारिकता मात्र समझते हैं। इन लाटसाहबों को कुछ फर्क नहीं पड़ता कि सामने प्रदेश का मुखिया बोल रहा है या उनके विभाग का मुखिया । दरअसल पिछले 17 सालों में अक्सर यही परिपाटी उत्तराखंड में देखने को मिली है कई बार देखा गया है कि सरकारी मीटिंग में छोटे ही नहीं बड़े-बड़े नौकरशाह अपने मोबाइल पर ही बिजी रहते हैं या यूं कह सकते हैं कि Facebook और WhatsApp से बाहर निकलना ही नहीं चाहते ।ऐसे में ये सूबे में विकास क्या रोड मैप तैयार करते होंगे इसका अंदाजा आप लोग खुद ही लगा लीजिये ।
यही हैं वो तीन अधिकारी जिनकी लगी आज जमकर क्लास
शायद यह उत्तराखंड में पहली बार हुआ है जब किसी मुख्यमंत्री ने अधिकारियों पर नकेल कसने की यह शानदार कोशिश की हो। अधिकारियों की अनुशासनहीनता को गंभीरता से लेते हुए मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने रविवार को उद्यान एवं प्रसंस्करण विभाग द्वारा किसान भवन रिंग रोड में आयोजित उत्तराखंड आम महोत्सव में उनके भाषण के दौरान बातचीत कर रहे उद्यान विभाग के तीन अधिकारियों को जमकर डांट लगाई। मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि हम इस मंच पर किसानों के विकास तथा कल्याण जैसे महत्वपूर्ण विषय पर बात कर रहे हैं। और आपके द्वारा इसे गंभीरता से नहीं लिया जा रहा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि अधिकारियों की अनुशासनहीनता जरा भी बर्दाश्त नहीं की जाएगी । ऐसे गैर जिम्मेदाराना व्यवहार पर उन्हें निलंबित किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि अधिकारी यह समझ ले कि राज्य सरकार किसानों के लिए समर्पित है। अधिकारियों को जनता और जनता से जुड़े मुद्दों के प्रति गंभीर होना चाहिए। सूबे में विभागीय मंत्री सुबोध उनियाल ने भी माना कि यह बहुत गंभीर प्रकरण है अधिकारियों और कर्मचारियों का इस तरह का आचरण बताता है कि वे जनहित से जुड़े विषयों पर बिल्कुल भी गंभीर नहीं है। आज का यह प्रकरण सबक है राज्य के उन तमाम अधिकारी कर्मचारियों के लिए कि वह अपनी गरिमा बनाए रखें और कोई ऐसा काम ना करें की सरकार को उनके खिलाफ अनुशासनहीनता की कार्रवाई करनी पड़े। भविष्य में यदि इस तरह का प्रकरण दोहराया गया तो दोषी लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
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