ढाई महीने से झुकी कमर महज ढ़ाई घंटे में कैसे हो गई सीधी ! मरीज और परिजन बोले वरदान साबित हुए डाक्टर उनके लिए .
बिना बेहोशी के इंजेक्शन, बिना चीरा व टाँके लगाए कर दिया रीढ़ की हड्डी का सही उपचार !
सर्जरी के बारे में जब मैंने स्वयं डॉ. से बात की तो उन्होंने बताया कि जिस तरह की परेशानी में मरीज कल्पेश्वर प्रसाद डिमरी थे ऐसे में उनकी ओपन सर्जरी या इस तरह के फ्रेक्चर में नेटबोल्ट सर्जरी कारगर नहीं हो सकती थी . क्योंकि इसकी मुख्य वजह उनकी बढ़ी हुई उम्र है . डॉ. ने बताया कि जब मरीज मेरे पास आए तो यह बिल्कुल झुके हुए थे मैंने जब इनका चैकअप किया तो पाया कि इनकी रीढ़ की हड्डी में फ्रेक्चर है . जब मैंने मरीज और उनके परिजनों को बताया कि इनका ईलाज काईफोप्लास्टी तकनिकी से किया जा सकता है . जिसके बाद उन्होंने भी हामी भर दी और मैंने ईलाज शुरू कर दिया था जिसका परिणाम महज ढाई घंटे में हमारे सामने था कि मरीज खुद के पैरों पर सीधे खड़े होकर ऑपरेशन थिएटर से चलकर बाहर आ गए .
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उत्तराखंड में मूलरूप से चमोली जनपद में उमटा (कर्णप्रयाग) व वर्तमान में देहरादून के जोग्गिवाला निवासी कल्पेश्वर प्रसाद डिमरी जिनकी उम्र 62 वर्ष है वह ढाई महीने पहले अपने घर की सीढियों से गिर गए थे, जिस कारण उनकी रीढ़ की हड्डी में फ्रेक्चर आ गया था . तब से वह लगातार कई चिकित्सकों के पास गए लेकिन उन्हें आराम नहीं मिला मरीज कल्पेश्वर प्रसाद डिमरी ने स्वयम भी बताया कि वह अब सीधे खड़े नहीं हो पा रहे थे. उन्हें चलने फिरने में बेहद तकलीफ़ भी थी, कई डाक्टरों के पास गए ज्यादातर ने रीढ़ की हड्डी की ऑपन सर्जरी और फ्रेक्चर में नेटबोल्ट सर्जरी की सलाह दी थी . मामला रीढ़ की हड्डी से जुड़ा हुआ था तो इस लिहाज मरीज और परिजनों ने बहुत सोच समझकर ऑपन सर्जरी के निर्णय तक पहुँचने पर विचार किया अंततः वह अब किसी परचित द्वारा बताये जाने पर ढ़ाई महीने बाद देहरादून स्थित सी.एम.आई. में डाक्टर लवकुश पाण्डेय से परामर्श लेने पहुंचे तो यहाँ उन्हें महज ढाई घंटे में ही राहत मिल गई .
श्री डिमरी और उनकी पत्नी सरोजनी डिमरी ने डाक्टर लवकुश पाण्डेय की तारीफ़ करते हुए कहा कि वह हमारे लिए चमत्कार बनकर आए है . डाक्टर पाण्डेय की इस उपलब्धी पर CMI अस्पताल के निदेशक पद्मश्री डॉ. आर. के. जैन ने ख़ुशी व्यक्त करते हुए डॉ. लवकुश पाण्डेय को बधाई देते हुए कहा कि वह एक जुझारू एव उत्साही उर्जावान युवा कुशल चिकित्सक हैं, पहले भी डॉ. पाण्डेय ने इस तरह के अनूठे प्रयोगों से मरीजों को राहत दी है . डॉ. आर. के. जैन ने कहा कि CMI अस्पताल प्रबंधन शीघ्र ही स्वास्थ्य सेवाओं को लेकर लोगों में जागरूकता के उद्देश्य से सेमीनार आयोजित करेगा .
क्या कहते हैं अब कल्पेश्वर डिमरी :
मै उस दिन भी रोज की तरह घर में कुछ घरेलू कार्यों में लगा था कि तभी अचानक से मेरा पैर फिसल गया जिसके बाद में दिवार से नीचे जा गिरा था . तब बहुत चोट और मोच आई तेज दर्द हुआ लेकिन पहले पहल में लगा कि यह मामूली मोच होगी जो कुछ समय में ही ठीक हो जाएगी . लेकिन कुछ ही घंटो में मेरी रीढ़ की हड्डी से लेकर पैरों तक बहुत असहनीय दर्द होने लगा . मुझे ठीक से चलने फिरने व सीधे खड़े होने में बहुत परेशानी हो रही थी तुरंत डाक्टर के पास गए आराम नहीं मिला उसके बाद पिछले ढाई महीनों से अलग-अलग अस्पतालों के चक्कर काटे लेकिन कहीं आराम नहीं मिला लगभग सभी ने दवाईयां देकर डेढ़ से दो महीने तक कम्प्लीट बेड रेस्ट की सलाह दी लेकिन दो दिन पहले ही हमें डाक्टर लवकुश पाण्डेय के बारे में किसी ने बताया था . कल ही हम लोग CMI सी. एम. आई. अस्पताल में उनके पास आए तो डाक्टर साहब ने कहा परेशान मत होइए तुरंत ठीक हो जाएगा . मै ढ़ाई महीने से परेशान था कमर झुक गई थी सारे डाक्टरों ने केवल दवाई दी और आराम की सलाह दी तो मुझे इस नाते डाक्टर लवकुश पाण्डेय के द्वारा दी गए भरोषे पर बहुत यकीन नहीं हुआ फिर भी मैंने और परिवार के लोगों ने डाक्टर साहब पर विश्वास किया, और उनसे ईलाज शुरू करवाया .
परन्तु अब जो रिजर्ट मेरे सामने है वो वाकही यह मेरे लिए अब किसी चमत्कार से कम नहीं है . मै ढाई महीनों से सीधे खडा नहीं हो पा रहा था लेकिन डाक्टर पाण्डेय ने एक ख़ास तकनिकी से मुझे महज ढ़ाई घंटे में फिट कर दिया . और कुछ ही घंटो बाद मुझे अस्पताल से छुट्टी भी दी जा रही है . मै तो यही कहूंगा कि डाक्टर पाण्डेय मेरे लिए वरदान साबित हुए हैं जिन्होंने बेहद कम समय व कम खर्चे में बेहद सरलता से मुझे इस जटिल समस्या से निजात दिला दी है .
काईफोप्लास्टी तकनीकि आखिर है क्या ?
काईफोप्लास्टी सर्जरी के बारे में जब मैंने स्वयं डॉ. लवकुश पाण्डेय से बात की तो उन्होंने बताया कि जिस तरह की परेशानी में मरीज कल्पेश्वर प्रसाद डिमरी थे ऐसे में उनकी ओपन सर्जरी या इस तरह के फ्रेक्चर में नेटबोल्ट सर्जरी कारगर नहीं हो सकती थी . क्योंकि इसकी मुख्य वजह उनकी बढ़ी हुई उम्र है .
डॉ. पाण्डेय ने बताया कि जब मरीज मेरे पास आए तो यह बिल्कुल झुके हुए थे मैंने जब इनका चैकअप किया तो पाया कि इनकी रीढ़ की हड्डी में फ्रेक्चर है . जब मैंने मरीज और उनके परिजनों को बताया कि इनका ईलाज काईफोप्लास्टी तकनिकी से किया जा सकता है . जिसके बाद उन्होंने भी हामी भर दी और मैंने ईलाज शुरू कर दिया था जिसका परिणाम महज ढाई घंटे में हमारे सामने था कि मरीज खुद के पैरों पर सीधे खड़े होकर ऑपरेशन थिएटर से चलकर बाहर आ गए .
डॉ. पाण्डेय ने काईफोप्लास्टी सर्जरी के बारे में जानकारी देते हुए कहा की इस तकनिकी में रीढ़ की हड्डी में जिस जगह फ्रेक्चर होता है वहाँ कैनुला द्वारा बॉन सीमेंट भरकर हड्डी को स्टेवलाईज कर दिया जाता है .
Creative Report : Shashi Bhushan Maithani “Paras”
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Hi. Maine apki puri post padhai. Bahut Acha laga, actually mere papa Ki bhi almost same problem hai, so kya ap mujhe in surgeon ji phon number ya email address send Kar sakte ho, mai unse bat karna chahta hun,
Thanku regard
Dhanbeer Singh bhandari