अगर राष्ट्रीय दलों का भूत सर से उतर चुका हो तो आगामी नगर निकाय चुनावों में मतदाता की शक्तियों का प्रयोग करते हुए नीचे चस्पा चेहरों पर भी नजर मार दीजियेगा।
तय कीजिये कि आपका नगर सेवक कौन और क्यों होना चाहिए ….? उसकी योग्यता क्या है..? उसका thought process क्या है ..? उसके संघर्षों के इतिहास क्या है …? इसलिए तय कीजिये ! आखिर अब बारी आपकी है…..! याद रखिये आप मतदाता हैं कोई मदारी के हाथों का जमूरा नही कि जो मदारी कहे आप वो करते फिरें।
देहरादून से Jagmohan Mendiratta जोशीमठ से Atul Sati Joshimath वो नाम हैं जिनसे आप आज भी उम्मीद रख सकते हैं, वरना जिन से आप उम्मीद रखते आये हैं उन्होंने आपकी उम्मीदों को मलिन बस्ती वोट बैंक विधेयक 2018 पर नीलाम कर दिया और नागरिक अभिनन्दन के पोस्टरों पर लटके हुए नजर आए।
ये वो जो बड़े बड़े पोस्टरों में आज ढोल नगाड़ों के साथ नगर सेवक होने की हुंकार भरते हुए नजर आ रहे हैं ये ही वे लोग थे जिन्हें 18 सालों में इस पहाड़ी राज्य के सरोकार तो नही दिखाई दिए लेकिन अवैध बस्तियों की छत जरूर दिखाई दी, वो छत जिसके नीचे इनके बसाए वोटर रहते हैं, अब फिर ये बनेंगे तो कुछ और बस्तियां बनेंगी जिसके
नीचे इनके वोटर बसाए जाएंगे , जिनके लिए ये सड़कों पर भी आ सकते है, न्यायालय से टकरा सकते हैं आदेशों की अवमानना करने तक का दुस्साहस कर सकते हैं…? जरा याद कीजिये तो कि ये आपके लिए कब कब इतनी शिद्दत के साथ धरने प्रदर्शनों पर बैठे जितनी शिद्दत के साथ ये अवैधों के लिए बैठे थे ….?
तय कीजिये कि आपका नगर सेवक कौन और क्यों होना चाहिए ….? उसकी योग्यता क्या है..? उसका thought process क्या है ..? उसके संघर्षों के इतिहास क्या है …?
यकीन मानिए नगर निकाय के चुनावों से इस देश का प्रधानमंत्री कौन बनेगा ये बात नही तय होती लेकिन अधिनायकवाद की परछाई हो चुके लोकतंत्र में मतदाता की ताकत दिखाई जा सकती है, मतदाता की यही ताकत आने वाले समय में फजूल की बहसों को मुख्य धारा की बहस से अलग करेगी। वर्ना फसे रहिये गाय गोबर, जनेऊ, मंदिर मस्जिद की बहसों में ….?
तय कीजिये आखिर अब बारी आपकी है…..! याद रखिये आप मतदाता हैं कोई मदारी के हाथों का जमूरा नही कि जो मदारी कहे आप वो करते फिरें।
Mendiratta g is the best choice in this scenario.. we should support him if We are aware of today’s dirty politics..