Jeet Ram, Raj-Rag : हरक सिंह रावत पर जूता फेंकना एक नेच्युरल गुस्सा था लोगों का, लेकिन यह ठीक नहीं है । परन्तु सच यह भी है कि हरीश रावत से बड़ा कोई दूसरा प्रदेश में नेता है नहीं …!
*दोहरे लाभ के मामले में फंसे जीतराम की कैसी बची विधायकी ?
*सीएम हरीश रावत ने क्यों कहा जीतराम का दिल मांगे मोर ?
शिक्षक से नेता बने थराली विधायक जीतराम भी सुर्खियों में बने रहना सीख गए हैं। मार्च महीने में हुई राजनीतिक उठापटक में भले ही जीतराम का कोई रोल न रहा हो। लेकिन हरीश सरकार को बचाने में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका रही है। इसी का असर है कि थराली को जिला बनाने की मांग को लेकर उन्होनें मुख्यमंत्री हरीश रावत को इस्तीफे की धमकी तक दे डाली जिसके बाद मुख्यमंत्री के मनाने पर वह मान भी गए। सीएम हरीश रावत ने भी चुटकी लेते हुए कहा कि जीतराम कुछ ज्यादा ही महत्वकांक्षी हो गए हैं और उनकी स्थिति दिल मांगे मोर-मोर वाली हो गई है।
परिचय :
चमोली जिले की थराली विधानसभा सीट से विधायक जीतराम अपने सौम्य व्यवहार, मिलनसार स्वभाव, मजबूत प्रशासनिक पकड़, विधानसभा क्षेत्र में विकासकार्यों को लेकर सक्रियता, के कारण बहुत कम समय में जनता के लोकप्रिय विधायक बन गए। थराली विधानसभा के आरक्षित होने के बाद जब कांग्रेस के टिकट पर साल 2012 के विधानसभा चुनाव के दंगल में जीतराम उतरे तो उनकी राह आसान नहीं थी। थराली से 14 प्रत्याशी चुनाव लड़े रहे थे। जिनमें विधायक डा. जीतराम, मगन लाल, राजपाल कन्याल, सुन्दर लाल, महेश शंकर, गोविंद लाल शाह, राधा बल्लभ, नरेंद्र कुमार, मंजीत राम, राकेश लाल खनेड़ा, विनोद कुमार, बालक राम, बली राम, प्रेम आदि शामिल थे। लेकिन पहले से ही शिक्षक और समाजसेवी होने के कारण जनता के बीच उनकी सीध पकड़ थी। जिसका उन्हें फायदा भी मिला और उन्होंने यहां से जीत हासिल की। जीतराम की खूबी यह है कि विधायक बनने के बाद जनता से जो वायदे उन्होनें किये थे उसको प्राथमिकता के साथा पूरा करना शुरू किया।
डा. जीतराम के मुताबिक पिछले साढ़े चार सालों में थराली क्षेत्र का व्यापक स्तर पर विकास किया गया और सड़कों का जाल बिछाया गया है। ऐसा विकास पिछले पच्चीस वर्षों में नहीं किया गया जिससे क्षेत्र की जनता में उत्साह है। वर्ष 2013 में क्षेत्र आपदा से प्रभावित हो गया था और आज विकास की गंगा व्यापक स्तर पर सरकार के सहयोग से बहाई जा रही है। अब तक 120 घोषणाओं में से 70 प्रतिशत कार्य पूर्ण हो चुके है और कुछ कार्य अभी निर्माणाधीन है। कुलसारी गांव में पाॅलिटेक्नीक की स्थापना की गई है। नारायणबगड में विद्युत डिवीजन स्थापित किया गया है और 33 केवी का सब स्टेशन थराली में स्थापित किया गया है जिससे लोगों को समुचित बिजली की आपूर्ति की जा रही है। नारायणबगड, देवाल, थराली, चैपडो, गौरा गाड, घाट बाजार व कुलसारी में बाढ़ सुरक्षा के कार्य किये गये और कहीं कहीं पर यह कार्य अब भी जारी है। आपदा के समय पुल बह गये थे तो तात्कालिक प्रभाव से ट्राली की व्यवस्था की गई और आज विश्व बैंक की मदद से पुलों का टैंडर हो गया है और निर्माण कार्य प्रारंभ कर दिया गया है। थराली क्षेत्र में चार तहसीलें स्थापित की गई है, जिनमें घाट, थराली, नारायणबगड़ एवं देवाल प्रमुख है, पहले छोटे से कार्य के लिए कर्णप्रयाग जाना पड़ता था। अब सारे काम तहसीलों में ही हो रहे है। पैथोली में भरसार विश्वविद्यालय के शोध केन्द्र व प्रशिक्षण केन्द्र की स्थापना की गई है और यहां पर होने वाले माल्टा आदि उत्पाद का सही रूप से क्रियान्वयन हो का प्रयास किया गया है और तलवाडी में पीजी व ग्वालदम में नंद केसरी पेयजल योजना का कार्य पर्यटक हब के रूप में विकसित किया जा रहा है।
शिक्षक से नेता बने थराली विधायक जीतराम भी सुर्खियों में बने रहना सीख गए हैं। मार्च महीने में हुई राजनीतिक उठापटक में भले ही जीतराम का कोई रोल न रहा हो। लेकिन हरीश सरकार को बचाने में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका रही है। इसी का असर है कि थराली को जिला बनाने की मांग को लेकर उन्होनें मुख्यमंत्री हरीश रावत को इस्तीफे की धमकी तक दे डाली जिसके बाद मुख्यमंत्री के मनाने पर वह मान भी गए। सीएम हरीश रावत ने भी चुटकी लेते हुए कहा कि जीतराम कुछ ज्यादा ही महत्वकांक्षी हो गए हैं और उनकी स्थिति दिल मांगे मोर-मोर वाली हो गई है।
विधायक जीतराम दौहरे लाभ के पद को लेकर विवादों में भी घिरे । इसके अलावा और भी कई सवाल हैं जिनके जवाब सिर्फ विधायक जीतराम ही दे सकते हैं। और ऐंसे ही कई सवालों का जबाब देने के लिए मेरे साथ हैं यूथ आइकॉन ‘राज-राग’ में थराली से कांग्रेस के विधायक जीतराम ।
Yi शशि पारस : आपने शिक्षा के क्षेत्र से राजनीति के क्षेत्र में कदम रखा है, दोनों में से कौन सा बेहत्तर लगा आपको और क्यों ?
जीतराम : मुझे शिक्षा का क्षेत्र अच्छा लगा। शिक्षा सभी चीजों की बुनियाद होती है। जिसमें राज्य, परिवार, राजनीति सबकुछ आ जाता है। शिक्षा जितनी मजबूत होगी अपने फील्ड में व्यक्ति उतना ही आगे बढेगा।
Yi शशि पारस : 2017 विधानसभा चुनाव को लेकर आप कितना तैयार हैं ?
जीतराम : मै 2017 विधानसभा चुनाव को लेकर पूरी तरह तैयार हूं। वर्तमान में विधायक हूं आगे की भूमिका पार्टी हाईकमान को तय करनी है।
Yi शशि पारस : आपके विधानसभा क्षेत्र में हाल ही में दौरे पर गए बीजेपी नेता हरक सिंह रावत पर महिलाओं द्वारा चप्पल फेंकी गई। देवभूमि में इस तरह का व्यवहार किया जाना क्या ठीक है ?
जीतराम : मै इसको ठीक नहीं मानता। चाहे वह नेता हो या अन्य कोई सामाजिक व्यक्ति, इस तरह का व्यवहार ठीक नहीं है। वह लोगों का जनाक्रोश था। उन लोगों का किसी पार्टी विशेष से कोई संबध नहीं था। लोगों में गुस्सा था जिस पर उन्होने अपनी प्रतिक्रिया दी।
Yi शशि पारस : अगर ये हरक सिंह रावत के खिलाफ नेचुरल गुस्सा था तो आपके खिलाफ भी घाट क्षेत्र में गुस्सा दिखाया गया था। उसे क्या मानते हैं आप ?
जीतराम : बिल्कुल वो भी लोगों का आक्रोश था। नेचुरल ही जब लोग परेशान होंते हैं तो वो नाराजगी व्यक्त करते हैं। वो आक्रोश किसी न किसी के उपर फूठना था। क्योंकि में उनका जनप्रतिनिधी हूं तो उनका आक्रोश मेरे उपर फूटा। लेकिन मैने इसको कभी गलत नहीं लिया।
Yi शशि पारस : कांग्रेस में पिछले कुछ समय से अपने ही लोगों के अंदर कलह मची हुई है। सरकार पर तमाम आरोप लग रहें हैं। ऐसे में आपके पास क्या मुद्दे हैं जिनको लेकर आप चुनाव मैदान में उतर रहें हैं ?
जीतराम : मेरा विकास का मुद्दा है। आप जानते हैं कि मै राजनीतिक बैकग्राउंड से नहीं हूं। हम पीडियों से सामाजिक क्षेत्र में लगातार काम कर रहे थे। जब हमने देखा कि आजादी के बाद जितना विकास हमारे क्षेत्र का होना चाहिए था वह नहीं हो पाया तो उस विकास को करने के लिए मैने राजनीति के क्षेत्र में कदम रखा। आज हमने उस विकास को करने की भूमिका रख दी है।
Yi शशि पारस : आपको अपने विधानसभा क्षेत्र में किस बात की दिक्कत ज्यादा आती है ?
जीतराम : थराली विधानसभा का क्षेत्र विषम भौगोलिक परिस्थिीतियों वाला क्षेत्र है। चमोली जनपद के में ब्लाकों में से 4 ब्लाक थराली विधानसभा के अंतर्गत आते हैं। देवाल, थराली, नारायणबगड और घाट के अलावा आधा दशोली का पाठ भी इसमें शामिल है। नारायणबगड नगर पंचायत है। हमें बहुत ट्रैब्लिंग करना पड़ता है। रोड़ नेटर्वककिंग की दिक्कत थी। जिसको दूर करने के लिए थराली घाट मोटरमार्ग मेरी प्राथमिकता है। वन पर्यावरण के कारण इस पर दिक्कतें आ रहीं हैं लेकिन में लगा हूं। इस रोड के बन जाने से 25 किलोमीटर के लगभग का सफर कम हो जायेगा।
Yi शशि पारस : हरीश रावत किस तरह के नेता हैं आपकी नजर में ?
जीतराम : हरीश रावत जमीन से जुड़े नेता हैं। मै उनके संपर्क में 2002 से था। उत्तराखंड की भौगोलिक स्थिति से वह भलीभांति परिचित हैं। उत्तराखंड के प्रति उनका गहरा लगाव है। और मुझे उम्मीद है कि उनके नेतृत्व में राज्य का चहुंमुखी विकास होगा।
Yi शशि पारस : आप उनकी तारीफ कर रहें हैं लेकिन कई बार आप भी नाराजगी ब्यक्त करने उनके दरबार में गए हैं ?
जीतराम : देखिए मेरी लड़ाई क्षेत्र के विकास की लड़ाई है। नाराजगी भी क्षेत्र के विकास को लेकर रहती है। मेरी जनता ने एक गैर राजनैतिक व्यक्ति को अपना प्रतिनिध बनाया है तो मुझे उनकी उम्मीदों और आशा के अनुरूप कार्य करना होता है। मैं सीएम साहब के पास उन्ही काम को लेकर जाता हूं जो क्षेत्र के विकास से जुडे़ हों।
Yi शशि पारस : आपकी एक जिद् है कि आप थराली को जिला बनाना चाहते हैं ?
जीतराम : जिद् नहीं डिमांड है। नेता प्रतिपक्ष भी कह चुके हैं, भोगौलिक परिस्थीति को देखते हुए छोटी प्रशासनिक इकाईयां होती हैं। मैने भी जिले की मांग इसी स्थिती को देखते हुए उठाई थी। आपदाएं हर साल आती हैं। हम छोटी इकाईयां बनाएंगे तो प्रशासन की जनता तक मजबूत पकड़ होगी।
Yi शशि पारस : साढे़ चार ब्लाकों की विधानसभा में विकासकार्यों को लेकर कैसे साम्जस्य बैठाते हैं ?
जीतराम : सभी क्षेत्रों में समान रूप से विकास कार्य कराए हैं। हां घाट क्षेत्र पिछडा होने के कारण मेरी प्राथमिकताओं में रहा है। विधानसभा में सड़को की समस्या को प्राथमिकता के आधार पर मैने दूर किया है। कई सड़के बन चुकी हैं तो कई का सर्वे कार्य पूरा हो कर निर्माणकार्य शुरू होने जा रहा है। हमने नंदप्रयाग तहसील के जीओ का शासनादेश होने जा रहा है। ये इतिहास होगा कि साढे़ चार ब्लाॅक में 4 तहसील बन चुकी है। विकास तेजी से हो रहा है।
Yi शशि पारस : तहसीलें बन रही हैं लेकिन अधिकारी तो कहीं है नहीं ?
जीतराम : अधिकारियों की कमी बनी हुई है। लेकिन आने वाले समय में सब ठीक होगा। हमारे प्रदेश के आर्थिक संसाधन लिमिटेड है। हमें उन्हीं का प्रयोग कर इसे आगे बढाना है। आने वाले समय में सब ठीक होगा। नई भर्ती की प्रकिया शुरू होने जा रही है।
Yi शशि पारस : बदरीनाथ नेश्नलन हाईवे पर मैठाना क्षेत्र में स्लिाइड डबल्प हो गया है। अब लोगों की डिमांड स्लिाइड के सामने से कनैक्टबटी दी जाए। इसमें राजनीति शुरू हो गई है आपके और राजेन्द्र भंडारी के बीच ?
जीतराम : सड़क पर राजनीति की बात गलत है। हम दोनों ने ही मिलकर उस कनैक्टबटी के लिए सीएम साहब से घोषणा कराई है। ताकि लोगों को किसी प्रकार की समस्या का सामना न करना पड़ेे। पुल के माध्यम से दोनों क्षेत्रों को जोड़ा जायेगा। कहीं और पर पुल बनने की बात मेरे संज्ञान में नहीं है। अगर इस तरह का कोई मामला सामने आयेगा तो इसे दिखाया जायेगा।
Yi शशि पारस : पलायन बढ़ रहा है। आपके विधानसभा क्षेत्र में भी पलायन हो रहा है तो आप किसके लिए विकास करेंगे ?
जीतराम : पहाड़ो से पलायन नेशनल चिंता का विषय है। यह अंतराष्ट्रीय दृष्टि से संबेदनशील एरिया है। अभी हाल ही में चीनी सैनिक बाॅर्डर पर देखें गए हैं। हमें इस बारे में गंभीरता से सोचना होगा। मोदी सरकार स्मार्ट शहरों की बात कर रही है यह भी पलायन की एक बड़ी वजह बनेंगे। हमें स्मार्ट शहरों के साथ-साथ स्मार्ट विलेज की बात भी हम लोगों को करनी होगी। जब पहाड़ों में आर्दश गांव बनेंगे तो लोग वहीं रूकेगें। हमारी सरकार ने पलायन रोकने के लिए स्थानीय उत्पाद कोदा, मंडुवा, झंगोरा, माल्टा, हाॅल्टीकल्चर को बढावा देने का काम कर रही है। लोकसंस्कृति को बढावा देने के लिए सकरार प्रयासरत है।
Yi शशि पारस : विधायक जी जिन लोगों ने ये सब करना है वो तो हैं ही नहीं वहां ?
जीतराम : बेरोजगारी दूर करने के लिए कुटीर उघोगों को बढावा दिया जा रहा है। तमाम क्षेत्रों में काम हो रहें हैं आने वाले दिनों में रिवर्स पलायन होगा। मेरे क्षेत्र में सड़को का जाल विछने के बाद दिल्ली, मुम्बई से लोग अपने गांवों का रूख कर रहें हैं। नारायणबगड क्षेत्र के अंतिम गांव झिझोंडी तक रोड पहुचने के बाद लोग अपने गांव को लौट रहे हैं। लोगों ने कहा विधायक जी आप ने क्षेत्र की तस्वीर बदल दी।
Yi शशि पारस : गैरसैंण स्थाई राजधानी के लिए आपकी क्या प्रतिक्रिया है?
जीतराम : गैरसैंण पूर्ण राजधानी होनी चाहिए। पहाड़ की राजधानी पहाड़ में होनी चाहिए, हिमाचल की राजधानी शिमला है, उत्तराखण्ड की राजधानी गैरसैंण में ही होनी चाहिए। हरीश रावत जी इस पर लगे हुए हैं। मूलभूत सुविधाएं जुटाई जा रहीं हैं। विधानभवन तैयार हो रहा है, अन्य भवन भी तैयार हो रहें हैं।
Yi शशि पारस : रायपुर में भी सरकार विधानभवन के लिए जमीन तलाश रही है। तो यह दोहरी नीति क्या है कांग्रेस की। एक तरफ गैंरसैंण तो दूसरी तरफ रायपुर ?
जीतराम : बहुत से प्रदेश ऐसें हैं जहां दो-दो राजधानी है। राजधीन गैरसैंण बनेगी, शीतकालीन सत्र रायपुर में होगा। गैंरसैंण में जबतक मूलभूत सुविधाएं नहीं जुटेंगी तभ तक वहां राजधानी नहीं ले जायी जा सकती।
Yi शशि पारस : गैरसैंण में निर्माणकार्य करा रहे ठेकेदार ने हाल ही में कहा कि उसके पास अब आगे काम के लिए बजट नहीं है। विधानसभा अध्यक्ष और सीएम साहब कह रहें हैं कि समय से काम पूरा होगा। कथनी और करनी में अंतर नजर नहीं आ रहा है आपको ?
जीतराम : मार्च के बाद से जुलाई तक आपने देखा प्रदेश में राजनैतिक अस्थिरता का वातावरण था। अब बजट पास हुआ है। धीरे-धीरे सारी स्थितियां सामान्य होगी। मैं पूर्ण रूप आश्वस्त हूं राजधानी गैरसैंण बनेगी।
Yi शशि पारस : 2017 में कांग्रेस की कितनी सीटें आएंगी ?
जीतराम : मेरा मानना है कि आगामी चुनाव में हमें 40 से 45 सीटें आएंगी। सरकार ने विकास कार्य किए हैं। सड़क, बिजली, पानी, स्वास्थ्य, हर क्षेत्र में काम हुआ है। बीजेपी कुछ भी कहती रहे आगामी चुनाव में सब साफ हो जाएगा।
Yi शशि पारस : दोहरे लाभ के पद को लेकर भी आपको जांच का सामना करना पड़ा रहा है। दो-दो जगह से वेतन लेने का आरोप लगे आप पर ?
जीतराम : कुछ लोग इस मामले को लेकर हाईकोर्ट गए, हाईकोर्ट ने इसे खारिज कर दिया है। महामहिम राज्यपाल के पास गए भारतीय चुनाव आयोग के पास गए सभी ने इसे खारिज कर दिया। सभी जगह से मेरे पक्ष में फैसला आया है। मैनें वही किया जो हमारे यूर्निवसिटी के एक्ट में लिखा है। उस ऐक्ट के अंतर्गत थे। हम कैम्पस में जाते हैं वहां पडाते हैं। सेलरी हम विश्वविधालय से लेते हैं, यहां से केवल हम भत्ता लेते हैं। अगर हम छुट्टी नहीं ले रहे हैं और वहां काम कर रहें तो सेलरी ले सकते हैं। विधानसभा और क्षेत्र में जाते हैं तो लीव लेते हैं।
Yi शशि पारस : आप मैनेज कैंसे करते हैं, विधानसभा में भी जाना, बच्चों को भी पड़ाना, क्षेत्र में भी जाना ?
जीतराम : मैं एक ऐसे परिवार से आया हूं जहां दो जून की रोटी भी बड़ी मुश्किल से मिलती थी। अपने क्षेत्र के आखिरी गांव के हम रहने वाले थे। हमनें अपने बड़ों से मेहनत और लगन से काम करना सीखा है। मैनें बचपन से आज तक संघर्ष में ही जीवन जिया है। पिताजी पूजा पाठ और खेती किया करते थे। अपनी मेहनत और लगन के बलबूते प्रोफेसर की पोस्ट को अचीव किया। लोगों को भी लगा जो अपनी मेहनत के बलबूते यहां तक पहुंच गया वह क्षेत्र के लिए भी कुछ करेगा।
Yi शशि पारस : आपको लगता है 2017 में भी जनता आप पर भरोसा करेगी ?
जीतराम : बिल्कुल विधायक बनने से पहले भी मेरा एक ही मकसद था अपने क्षेत्र का विकास। विधायक बनने के बाद विकासकार्यों को आगे बढाने में मैने कोई कोरकसर नहीं छोड़ी। आज सभी मूलभूत सुविधाएं हमारे क्षेत्र में धीरे-धीरे पूरी होती जा रहीं हैं। मुझे क्षेत्र की जनता पर पूरा भरोसा है कि वह मुझे दुवारा मौका अवश्य देगी।
थराली विधायक जीतराम ने हर सवाल का वेबाकी से जवाब दिया। और कबूल भी किया कि उन्हें राजनीति से ज्यादा शिक्षा का क्षेत्र पंसद है। जीतराम जी ने जो दावे किए उनमें कितनी सच्चाई है इसका फैसला आपको करना है। राज-राग की अगली कड़ी में मेरे साथ फिर किसी नई हस्ती से लेंगे आपके सवालों के जवाब। तब तक के लिए नमस्कार ।
*प्रस्तुति : शशि भूषण मैठाणी ‘पारस’ , एडिटर Yi मीडिया । संपर्क – 9756838527, 7060214681 , 9412029205
Copyright: Youth icon Yi National Media, 21.10.2016
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यूथ आइकॉन : हम न किसी से आगे हैं, और न ही किसी से पीछे ।
शशी भूषण मैठाणी’पारस’ जी आपके द्बारा विधायक जीतराम जी का लिया गया साक्षात्कार पढ़ा बहुत अच्छा लगा,आज के समय में ऐसे विधायक बहुत ही कम हैं जो जनता से किये गए वायदों को पुरा करने का भरसक प्रयास करते हैं।