हरीश रावत पूर्व मुख्यमंत्री

Logo Youth icon Yi National Media HindiJimmedar kaun : आप की नजर में कौन है कांग्रेस की हार के लिए जिम्मेदार ? हरीश रावत, संगठन, टिकट बंटवारा या फिर सलाहकार ?

RAKESH BIJALWAN,

देहरादून, (यूथ आइकाॅन)।  उगते हुए सूरज को सभी सलाम करते हैं और डूबते हुए को डुबाने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ना चाहते। यही नहीं आम जिंदगी हो या राजनीति जिंदगी दिल का गुब्बार गाहे-बगाहे कभी न कभी बाहर जरूर निकलता है। कुछ ऐसा ही देखने को मिल रहा है आजकल उत्तराखंड कांग्रेस में। विधानसभा चुनाव 2017 में हुई करारी हार के बाद अब नेताओं ने विरोध के स्वर बुलंद कर दिए हैं। नेताओं से लेकर आम कार्यकर्ता तक इस हार से बुरी तहर टूटा हुआ और गुस्से में नजर आ रहा है। खुलकर कहने से सभी बच रहे हैं लेकिन जिन कार्यकर्ताओं और नेताओं का गुब्बार फूट कर बाहर निकल रहा है वह नेताओं की आपसी गुटबाजी, गलत टिकट बंटबारे और मुख्यमंत्री हरीश रावत के सलाहकारों को कांग्रेस की लुटिया डुबोने के लिए जिम्मेदार ठहरा रहे हैं। वहीं विधानसभा चुनाव से पहले एक दूसरे के लिए ढाल की तरह खड़े रहने वाले इंदिरा हृदयेश और हरीश रावत अब हार के बाद एक-दूसरे के सामने आ गए हैं और दोनों के बीच बयानी जंग तेज हो गई है। आपको बता दें कि ये बयानी जंग नेता प्रतिपक्ष के चयन के समय से चल रही है। नेता प्रतिपक्ष इंदिरा हृदयेश ने जहां हरीश रावत पर हार का ठीकरा फोड़ते हुए कहा कि पूर्व सीएम का दो सीटों से चुनाव हारना राजनीति का सबसे काला दिन है। तो वहीं पूर्व सीएम हरीश रावत ने पलटवार कर अपने कार्यकाल में किए गए सभी कार्यो और हार के लिए पहले ही खुद को जिम्मेदार मानकर इंदिरा हृदयेश को आइना दिखाने का काम किया है। दोनों दिग्गजों की जुबानी जंग के बाद अब कांग्रेस की हार के लिए जिम्मेदार लोगों के खिलाफ विरोध के स्वर बुलंद हो गए है। कोई हरीश रावत तो कोई संगठन तो कोई टिकट बंटवारे तो कोई सलाहकारों को जिम्मेदार ठहरा रहा है। आखिर है कौन आपकी नजर में कांग्रेस की हार के लिए जिम्मेदार?

इन्दिरा हृदयेश , वरिष्ठ कांग्रेस नेता ।
इन्दिरा हृदयेश , वरिष्ठ कांग्रेस नेता ।

हरीश की हार राजनीति का काला दिन है: इंदिरा हृदयेश

राजनीति का काला दिन है हरीश रावत का दोनों सीटों से हारना, यह कहना है वरिष्ठ कांग्रेस नेता और पूर्व वित्त मंत्री और वर्तमान में नेता प्रतिपक्ष इंदिरा हृदयेश का। इंदिरा हृदयेश का कहना है कि विधानसभा चुनाव में पार्टी के निराशाजनक प्रदर्शन के लिए पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत को जिम्मेदारी लेनी चाहिए, क्योंकि कांग्रेस ने उनके नेतृत्व में चुनाव लड़ा था। हरिद्वार में एक कार्यक्रम में कहा, ‘हरीश रावत को पार्टी की निराशाजनक हार के लिए जिम्मेदारी लेनी चाहिए, क्योंकि चुनाव उनके नेतृत्व में लड़ा गया था.’ इंदिरा को राज्य विधानसभा में विपक्ष का नेता बनाया गया है। उन्होंने कहा कि हरीश रावत का दोनों सीटों से चुनाव हार जाना ‘राजनीति का काला अध्याय’ है। गौरतलब है कि हरीश रावत ने दो सीटो  हरिद्वार (ग्रामीण) और किच्छा से चुनाव लड़ा था और दोनों ही जगह उन्हें हार का सामना करना पड़ा था।
हरीश रावत पूर्व मुख्यमंत्री

लेकिन प्रदेश में सफेद दिन ले आएंगी इंदिरा जी : हरीश रावत

प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने अपने ही अंदाज में उन पर उंगली उठाने वालीं नेता प्रतिपक्ष इंदिरा हृदयेश को जवाब दिया है साथ ही इंदिरा को एक जिम्मेदारी भी सौंप दी है। आपको बता दें कि गुरुवार को धर्मनगरी पहुंची नेता प्रतिपक्ष इंदिरा हृदयेश ने कांग्रेस की हार के लिए बातों ही बातों में पूर्व सीएम हरीश रावत को ही जिम्मेदार ठहरा दिया था। उनका कहना था कि मुख्यमंत्री का दो सीटों पर हार जाना कांग्रेस के लिए सबसे काला दिन साबित हुआ है। राजनीति के इतिहास में यह पहली बार हुआ है। उन्होंने कहा कि प्रदेश की जनता ने चेहरे को स्वीकार नहीं किया इसलिए कांग्रेस की यह स्थिति हुई। इंदिरा के इसी बयान पर तंज कसते हुए रावत ने कहा कि उनका हारना तो काला दिन था लेकिन अब इंदिरा से जरूर उम्मीद है कि वो प्रदेश में सफेद दिन ले आएंगी। मैं अपने कार्यकाल के सभी काले कार्य, पार्टी उम्मीदवारों का चयन भी व हार की सार्वजनिक जिम्मेदारी ले चुका हूं। फिर भी यदि पार्टी नेता उन्हें कोई दण्ड देना चाहते हैं तो मैं उसके लिए अपने को प्रस्तुत करता हूं। अब पार्टी को उजाले में लाने की जिम्मेदारी प्रदेश अध्यक्ष किशोर उपाध्याय व नेता प्रतिपक्ष इंदिरा हृदयेश की है और हम सब उनके साथ हैं, उनके कार्यकाल में हुए हर काले कार्य की भी सभी जिम्मेदारी सिर्फ मेरी है।
 

 

प्रदीप भट्ट प्रवक्ता
प्रदीप भट्ट प्रवक्ता कांग्रेस

सीएम के सलाहकारों ने डुबोई कांग्रेस की लुटिया :  प्रदीप भट्ट प्रवक्ता  

विधानसभा चुनाव में बीजेपी के हाथों मिली करारी शिकस्त के बाद उत्तराखंड कांग्रेस जहां हार के कारणों को खोज रही है। वहीं उसके तमाम नेताओं का गुब्बार बाहर निकलने लगा है। नेता प्रतिपक्ष इंदिरा हृदयेश के बाद अब कांग्रेस के तेज तर्रार नेता और प्रदेश प्रवक्ता प्रदीप भट्ट ने भी हार का ठीकरा सीएम के सलाहकारों के सिर फोड़ा है। कांग्रेस में मचे अदरूनी घमासान और हार के कारणों को लेकर हमने बात की प्रदेश प्रवक्ता प्रदीप भट्ट से। क्या कुछ कहा उन्होंने आप खुद ही पढ़ लीजिए।
सवाल: कांग्रेस की हार के लिए जिम्मेदार कौन है?
जवाब: देखिए कांग्रेस की हार के लिए लगातार हमारी समीक्षा बैठकें चल रही हैं और जिस तरह से हरीश रावत ने खुद कहा है कि वह हार की जिम्मेदारी लेते हैं क्योंकि चुनाव उन्ही के नाम पर लडा गया था। हरीश रावत जी कई बार मीडिया के सामने स्वीकार कर चुके हैं कि विधानसभा चुनाव उनके चेहरे और उनके नाम पर लड़ा गया इस लिए हार की जिम्मेदारी उनकी है। लेकिन इसमें आप यह बात नहीं भूल सकते कि हमारी सरकार ने पर्वतीय क्षेत्रों के लिए बहुत सारी योजनाएंे धरातल पर लाई थी और जिसका कि उत्तराखंड की जनता को आभास भी था की हमारा विकास हो रहा है, लेकिन जिस तरह से बीजेपी ने चुनाव में जनता को भ्रमित करने के लिए और तरह-तरह के जुमले जो चुनाव में दिए खुद प्रधानमंत्री जी ने उत्तराखंड आए और डबल इंजन की मांग की उससे जनता उन झूठे वादों में आ गई। आज उत्तराखंड की जनता ने उन्हे डबल इंजन दे दिया, केंद्र की सरकार और राज्य की सरकार दोनों जगह बीजेपी की सरकार है। इसलिए अब उनको करना है।
सवाल: आपका यह कहना है कि उत्तराखंड में कांग्रेस की हार के लिए मात्र हरीश रावत जिम्मेदार हैं?
जवाब: देखिए उत्तराखंड में जो हार हुई है हम सब स्वीकार करते हैं अपनी हार को। हरीश रावत जी ने हार की बात खुद स्वीकार की है।
सवाल: हरीश रावत को लेकर इंदिरा हृदयेश के बयान का आप समर्थन करते हैं ?
जवाब: देखिए बडा दुर्भाग्यपूर्ण है कि रावत जी जैसा नेता जिन्हांेने उत्तराखंड के विकास के लिए यहां के गाड गदेरों की बात करने वाले मुख्यमंत्री जिन्होनें कि प्रत्येक सुदूरवर्ती क्षेत्रों मंे जा करके वहां पर गए और लोगोें की समस्याओं को सुनते थे और पुर्ननिमाण कार्यों में जिस तरह से रावत जी ने तेजी लाई थी वो बडी काबिले तारीफ है। उसके बावजूद भी हरीश रावत का दो सीटों से चुनाव हार जाना बडा दुर्भाग्यपूर्ण है।
सवाल: किशोर उपाध्याय भी संगठन के सर्वेसर्वा थे, ऐसे मंे वो भी चुनाव नहीं जीत पाए तो क्या ऐसे मंे उनकी कोई भूमिका नहीं बनती?
जवाब: देखिए वो संगठन के मुखिया हैं और उन्हाने संगठन को काफी मजबूती प्रदान की है जबसे वो प्रदेश अध्यक्ष बने हैं तब से उन्होने कार्यकताओं में काफी जोश भरा है। इससे ज्यादा में कुछ नहीं कहना चाहता।
सवाल: क्या उनकी हार के लिए कोई जिम्मेदारी नही बनती?
जवाब: हार के लिए जिनके नेतृत्व मंे चुनाव लडा गया है उनकी है। हालांकि किशोर उपाध्याय कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष हैं और हम सब अपनी हार को स्वीकार करते हैं। पार्टी हारी हैतो सबकी जिम्मेदारी है। लेकिन जिस तरह से वो टिहरी से चुनाव लडना चाह रहे थे लेकिन उनको जो है सहसपुर से चुनाव लडाया गया तो यह बड़ा दुखद रहा क्योंकि सहसपुर से हमारे पुराने प्रत्यासी आर्येन्द शर्मा थे अगर उनको टिकट देते तो ज्यादा बढिया रहता।
सवाल: आप भी मानते हैं कि जो टिकटों का बंटवारा हुआ वह सही नहीं हुआ?
जवाब: जी टिकटों के बंटवारें मे भारी अनियमितताऐं हुई हैं और ऐसे लोगों को टिकट दिए गया जिनका हारना तय था। जिनका धरातल पर बिल्कुल भी काम नही था। हमारे कई ऐसे सिटिंग विधायक थे। जिनके कामों से जनता बहुत परेशान थी कई हमारे ऐसे मंत्री थे जो जनता की समस्याओं को ठीक से नही सुलझा पाते थे। जिसका खामियाजा हमें विधानसभा चुनाव में भुगतना पड़ा है।
सवाल: आप आलाकमान की बातों से इत्तेफाक रखते हैं कि हरीश रावत जी को छूट देना भारी पडा है?
जवाब: निश्चित रूप से पीडीएफ को लेकर सरकार का जो रवैया था वो बडा दुर्भाग्यपूर्ण था। पीडीएफ पर जो भरोसा रावत जी करते थे उन्हें उम्मीद थी की पीडीएफ के साथी उनका साथ देगें। हालाॅकि उन्होने हमारा साथ दिया लेकिन उन्होने सत्ता का भरपूर मजा भी लिया। चुनाव के वक्त पीडीएफ के साथियों को टिकट देना दुर्भाग्यपूर्ण रहा आपने देखा की उनके परिणाम कैसे रहे और ये हमारा सबसे कमजोर प्वांइट रहा।
सवाल: मानते हैं कि प्रत्याशियों को लेकर दिए गए फीडबैक में कहीं ना कहीं खामियाॅं थी?
जवाब: देखिए हरीश रावत जी को जिस तरह से फीडबैक दिया गया और उनके आस पास के जो लोग, जिन्हें सलाहकार कहा जाता है वो काॅफी हद तक इस हार के लिए जिम्मेदार हैं। क्योंकि जो रवैया मुख्यमंत्री कार्यालय के लोगों का था वह ठीक नहीं था। उत्तराखंड की जनता से, चाहे कार्यकताओं से, जो बातचीत का उनका व्यवहार था वो बड़ा गलत व्यवहार करते थे। जनता और कार्यकताओं के साथ में बल्कि कई कांग्रेस कार्यकताओं को तो वह अपमानित करने का भी काम करते थे और यह हमारे लिए बहुत दुर्भाग्यपूर्ण रहा। वहाॅं पर अधिकाशं कुछ ऐसे लोग थे जो अपने स्वार्थ के लिए और उनका उत्तराखंड की जनता से और यहाॅं के जनसरोकारों से कांग्रेस के कार्यकताओं से कोई मतलब नही था। वो सिर्फ औैर सिर्फ अपने निजी स्र्वाथांे के लिए और हरीश रावत जी को गुमराह करने का काम करते थे।
सवाल: मतलब कांग्रेस की लुटिया डुबाने में ऐसे लोगों का भी योगदान हैं ?
जवाब: निश्चित रूप से, हार हुई तो उसके बहुत सारे कारण हैं और मुख्यमंत्री कार्यालय में जो भी ऐसे लोग थे वो भी हार के लिए काफी हद तक जिम्मेवार हैं।
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By Editor