Jumme ki maut : वो तड़प-तड़पकर मरता रहा और लोग तालियां पीटते रहे ।
शर्मसार हुई इंसानियत…!
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री हरीश रावत की सभा में कल एक बुजुर्ग जुम्मे की तड़प-तड़पकर मौत हो गई । बताया गया कि दर्द से तडप रहे बुर्जब की किसी ने भी मदद नहीं की, और कुछ देर में बुर्जग ने दम तोड दिया। दरअसल सीएम हरीश रावत उधमसिंह नगर जनपद की रुद्रपुर विधानसभा में
विभिन्न योजनाओं के शिलान्यास हेतु एक कार्यक्रम में पहुंचे थे । इस दौरान सीएम हरीश रावत के समर्थन में कांग्रेसी कार्यकर्ताओं समेत बडी संख्या में इलाके के लोग मौजूद थे। इन्ही में कुरैया किच्छा निवासी जुम्मे (60 वर्ष) पुत्र अली प्रधान सभा में मौजूद थे ।
सभा के दौरान उसे अटैक पड़ा और जमीन पर गिर पड़ा। काफी देर तक वह जमीन पर यूं ही तड़पता रहा। इस दौरान उसके आस-पास काफी भीड़ भी जमा हो गई थी । लोगों ने बताया कि वहीं, दूसरी ओर सीएम रावत की सभा बदस्तूर जारी रही । जैसे तैसे जुम्मे किसी तरह से पानी के स्टाल तक पहुंचा उसने पानी पिया जिसके बाद वह वहीं जमीन पर बेसुद्द लेट गया था । काफी देर जुम्मे जब उठा नहीं तो वहां मौजूद पुलिस कर्मियों ने उसे देखा तो फिर आनन-फानन में उसे जिला अस्पताल ले जाया गया जहां चिकित्सकों ने उसे मृत घोषित कर दिया । परिजनों ने बताया कि जुम्मे काफी दिनों से बीमार भी चल रहा था । उसकी सुबह से तबियत खराब थी। लेकिन, वह सभा में जाने की जिद पर अड़ा था। उधर, सभा में प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि जुम्मे के मुंह से खून निकल रहा था। अफसोश कि भीड में मौजूद लोगों में से किसी ने भी इंसानियत का परिचय नहीं दिया, अगर जुम्मे को तुरंत सहायता दी जाती तो आज शायद वह जिंदा होता ।
*Rakesh Bijlawan .
Copyright: Youth icon Yi National Media, 24.10.2016
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राकेश भाई साहब जी मुख्यमंत्री जी कि सभा मे जुम्मे जी की मृत्यू का समाचार पढ़कर बहुत दुख हुआ, आपका कहना सही है कि यदि जुम्मे जी को प्राथमिक उपचार सही समय पर मिल गया होता तो शायद उनकी जान बच सकती थी,आप इसी से अंदाजा लगा लिजिए कि एक आम आदमी का कोई मूल्य नहीं है ,हाँ यदि जुम्मे जी के स्थान पर राजनेतिक पार्टी का कोई होता तो उसके लिए हर संभव प्रयास किए जाते,यदि प्रयास करने के बाद भी एक राजनेतिक पार्टी से सम्बंधित व्यक्ति की मृत्यू हो जाती तो उस व्यक्ति के परिवार वालों को सहायता भी प्रदान की जाती।
SHAME ON HARISH RAWAT