Kedarghati : केदारनाथ क्षेत्र में हैली कंपनियों को सरकारी फ़रमान, 600 मीटर से अधिक ऊंचाई पर भरे उड़ान ।
देहरादून, 4 मई , मुख्य सचिव/मुख्य कार्यकारी अधिकारी, उत्तराखण्ड नागरिक उड्डयन विकास प्राधिकरण एस.रामास्वामी की अध्यक्षता में केदारनाथ में हैली सेवाओं के संचालन के संबंध में संबंधित हैलीसेवा प्रदाता आपरेटर के साथ बैठक कर विचार विमर्श किया गया। बैठक में केदारनाथ वाईल्ड लाईफ सेंचुरी में प्रवास करने वाले वन्य जीवों पर हैली सेवाओं के संचालन से पड़ने वाले प्रभावों पर चर्चा की गयी। इस संबंध में वाइल्ड लाईफ सेंचुरी द्वारा इस संबंध में किये गये अध्ययन की रिपोर्ट को प्रस्तुत करते हुए बताया गया कि केदारनाथ हैली सेवा हेतु गौरीकुण्ड से रामबाड़ा तक का भूभाग केदारनाथ वन्य जीव पार्क में पड़ता है। इस क्षेत्र में हैलीकाप्टर 600 मीटर की ऊॅचाई पर उड़ना चाहिए। सभी हैलीसेवा प्रदाताओं को निर्देशित किया गया कि केदारनाथ वाइल्ड लाईफ सेंचुरी में हैली सेवाओं की उड़ान 600 मीटर से अधिक ऊॅंचाई पर सुनिश्चित की जाय। हेलीकाप्टर की लंेडिंग तथा टैकआॅफ के समय यह प्रतिबन्ध नहीं रहेगा। सेवा प्रदाताओं को यह भी निर्देशित किया गया कि हैलीकाप्टरों द्वारा 600 मीटर से अधिक की ऊॅचाई पर उड़ान भरने से ध्वनि प्रदूषण भी कम होगा जिससे वन्य जीवों पर प्रतिकूल प्रभाव नहीं पड़ेगा। भारतीय वन्य जीव संस्थान से हेलीकाप्टरों की उड़ान से केदारनाथ वन्य जीव अभयारण्य में पड़ने वाले प्रभाव का अध्ययन करने के लिए कहा गया था। देश में पहली बार हुए इस अध्ययन में पाया गया कि इस क्षेत्र में जितने वन्य जीव पहले थे, उतने अभी भी हैं। यानि हेलीकाप्टरों की उड़ान से वन्य जीव कहीं और नहीं गये। यह भी बताया गया कि रामबाड़ा से केदारनाथ तक का क्षेत्र अभयारण्य में नहीं आता है।
हैली सेवा प्रदाता संस्थाओं को यह भी निर्देशित किया गया कि उनके द्वारा केदारनाथ क्षेत्र में विनिर्दिष्ट ऊॅचाई पर उड़ान भरे जाने की उत्तराखण्ड नागरिक उड्डयन विकास प्राधिकरण द्वारा निगरानी की जायेगी। हेली सेवा प्रदाताओं द्वारा अपने-अपने हेलीकाप्टर में हेलीकाप्टर की नियत उड़ान की निगरानी हेतु जीपीएस लगाया जायेगा, उक्त जीपीएस में केदारनाथ उड़ान के समय उड़ान के रिकार्ड संरक्षित किये जायेगें, उन्हे किसी भी समय बिना उत्तराखण्ड नागरिक उड्डयन विकास प्राधिकरण की अनुमति के हटाया (डीलिट) नहीं किया जायेगा, जीपीएस की प्राधिकरण द्वारा बिना किसी पूर्व सूचना के आकस्मिक चैंकिग (रेंडमली) की जायेगी। प्राधिकरण उक्त में अनियमितता पाने पर सेवा प्रदाता के विरूद्ध कार्यवाही हेतु अधिकृत होगा।