Latest Update : चमोली से लेकर पिथौरागढ़ तक दो दर्जन से ज्यादा लोग मरे कई हो गए मलवे में दफन …!
देहरादून। उत्तराखंड में 72 घंटे के भारी बारिश के अलर्ट के बाद चमोली और पिथौरागढ़ जिले में बादल फटने कि कई घटनाए सामनें आ रही है। जिसमें तबाही का मंजर दिल दहला देने वाला है। चमोली और पिथौरागढ़ में बादल फटने से दर्जनों लोग मलबे में दब गए हैं और कई लोगों की मौत हो गई है। चार धाम यात्रा पूरी तरह से बाधित हो चुकी है वही हजारों यात्री रास्तों मे फसे हुए है।
मानसूनी बारिश प्रदेश में एक बार फिर आफत बन कर बरसी है। जिसनें प्रदेश में लोगों के जहन एक बार फिर से 2013 की आपदा की यादे ताजा कर दी है। बदरीनाथ हाईवे मे कई जगह मलबा आने से जगह-जगह सड़क यातायात बंद हो गया है। प्रदेश के सीमांत जिले चमोली का देश और दुनिया से संपर्क पूरी तरह से कट गया है। इस बारिश में बीएसएनएल की संचार व्यवस्था को ठप्प कर दिया है। आप को बता दे कि बदरीनाथ से गौचर के बीच तकरीबन तीन हजार यात्रियों को सुरक्षित स्थानों पर रोका गया है। बारिश से अलकनंदा और उसकी सहायक नदियों में आए ऊफान से चमोली जिले में आठ लोगों की मौत होने की सूचना है। वहीं पिथौरागढ़ में पांच लोगों के शव मलवें से बरामद किए जा चुके हैं।
गैरतलब यह है कि मौसम विभाग ने प्रदेश में अलर्ट की चेतावनी दी थी जिसमें चमोली जिले का नाम नदारद था। जिसे मौसम विभाग की बड़ी चूक माना जा रहा है। पिथौरागढ़ में बादल फटनें की कई घटनाओं की सूचना मिल रही है। पूरे कुमाऊ मंड़ल में जनजीवनअस्थव्यस्थ हो गया है गुरुवार रात से हो रही बारिश से पिथौरागढ़ जिले के बतसड़ी, सिगली और नोलेरा में बादल फटने की घटना हुई है।
बादल फटने से कई घरों केजमींदोज होने की सूचना है। इस घटना में 30 लोगों के जिंदा दफन होने की आशंका जताई जा रही है। पांच के शव स्थानीय लोगों द्वारा निकाले जाचुके हैं। फिलहाल, रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है। मुनस्यारी के नौलेरा में तीन लोगों की मौत की घटना सामनें आई है।
पिथौरागढ़ जिले के नाचनी में बारिश से आए मलबे में तीन लोगों के दबे होने की सूचना है।
बागेश्वर के कपकोट में छह सड़कें बंद होने से जन जीवनप्रभावित हो रहा है।
जिले के समा और धन्नार गांव में दो मकानों ध्वस्त हो गए हैं। बीसा में आठ दुकानों में मलबा घुसने से तबाही मच गई है।
चमोली जिलें के नंदप्रयाग घाट में भारी बारिश ने जमकर कहर बरपाया है। पिछले 8 घंटे से हो रही लगातार बारिश मे अब तक 6 लोगो के नदी में बह कर मरनें की खबर सामनें आ रही है। अमूमन शांत स्वभाव की मानी जानें वाली नंदाकनी नदी के अचानक ऊफान में आनें से नंदप्रयाग घाट बाजर में अफर तफरी मच गई। इससे पहले की लोग कुछ समझ पाते अचानक से नदी में आए तेज बहाव नें नदीं के तटवर्ती इलाके को अपनी चपेट में ले लिया। नंप्रयाग घाट में पुराना बाजार में दर्जनों घर नंदाकनी नदी के उफान का शिकार बन गए है। पुराना बाजार से दादा और पोते के बहनें की खबर सामनें आ रही है। वही पास ही के गांव जाखड़ी मे 4 आदमी बहनें की सूचना मिल रही है। नंदप्रयाग घाट बाजार के ऊपर विंसर पर्वत है जिसमें भारी बारिश से भू-खलन होनें लगा है जिससे स्थानीय लोग काफी डरे हुए है। वही इलाके का संपर्क देश और दुनिया से बिलकुल
कट चुका है। मौठाणा और घाट रोड़ पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गई है। पहले भी बारिश से इलाके में यातायात सुविधा वाधित रही है रसद सीमित मार्ता में बचा है, साथ ही पेयजल की समस्या भी गहरा गई है।
स्थानीय लोगों ने बातचीत में बताया कि देर रात से मौसम बेहद डरावना हो गया था पूरी रात सहमे सहमे रहे जबकि सुबह होते –होते गोपेश्वर, पठियालधार, कोठियालसैन, चमोली, छिनका, बाजपुर, गोलिम , कुहेड, बांजबगड़, मैठाना, पलेठी , बैराशकुंड , सहित घाट क्षेत्र मे जबर्दस्त तबाही मची । बद्रीनाथ हाइवे पर स्थित मैठाना से चमोली की दूरी महज 6 किलोमीटर है और इस बीच दो दर्जन से अधिक जगह पर हाइवे साफ हो गया है , अनुमान लगाया जा रहा है कि 20 से 25 दिनों मे भी इस बीच हाइवे की दशा को सुधार पाना टेढ़ी खीर जैसा काम होगा ।
फोटो साभार : मैठाना से महेंद्र चौहान , घाट से पंकज मैंदोली ।
*पूजा दोरियाल
Copyright: Youth icon Yi National Media, 01.07.2016
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