पूजा डोरियाल Pooja Dobriyal । news . University . Srinagar . Uttarakhand . Shashi bhushan Maithani paras . Youth icon award . Media . Garhwal . गढवाल विश्वाविद्यालय की शैक्षणिक व्यवस्थाओं को जो सुधारना चाहते हैं उनके लिए इस विश्वाविद्यालय मे कोई जगह नही है। विश्वाविद्यालय मे कई असिस्टेंट प्रोफेसर, अतिथि शिक्षक हैं जो  शिक्षा के क्षेत्र मे जी-तोड़ मेहनत कर रहे हैं लेकिन ठेकेदारी मे लिप्त कर्मचारी, प्रोफेसर ऐसे शिक्षकों पर  भारी पड़ते दिख रहे हैं। शिक्षा के इस मन्दिर मे राजनीति अखाड़ा चलाने वाले कर्मचारी इतने हावी हो चुके हैं कि  लाॅ के प्रोफेसर, विक्रम युनिवर्सिटी के कुलपति पद पर बखूबी खरे उतरने वाले पूर्व कुलपति प्रो0 जे0एल0काॅल को भी विवि के कर्मचारियों  की राजनीति समझ नही आई।पूजा डोरियाल Pooja Dobriyal । news . University . Srinagar . Uttarakhand . Shashi bhushan Maithani paras . Youth icon award . Media . Garhwal . गढवाल विश्वाविद्यालय की शैक्षणिक व्यवस्थाओं को जो सुधारना चाहते हैं उनके लिए इस विश्वाविद्यालय मे कोई जगह नही है। विश्वाविद्यालय मे कई असिस्टेंट प्रोफेसर, अतिथि शिक्षक हैं जो  शिक्षा के क्षेत्र मे जी-तोड़ मेहनत कर रहे हैं लेकिन ठेकेदारी मे लिप्त कर्मचारी, प्रोफेसर ऐसे शिक्षकों पर  भारी पड़ते दिख रहे हैं। शिक्षा के इस मन्दिर मे राजनीति अखाड़ा चलाने वाले कर्मचारी इतने हावी हो चुके हैं कि  लाॅ के प्रोफेसर, विक्रम युनिवर्सिटी के कुलपति पद पर बखूबी खरे उतरने वाले पूर्व कुलपति प्रो0 जे0एल0काॅल को भी विवि के कर्मचारियों  की राजनीति समझ नही आई।

LTC Ghotala : उत्तराखंड में  जेल जाएंगे 50 से अधिक प्रोफेसर व अधिकारी ! क्लिक कर पढ़ें कमल पिमोली की Exclusive Report 

 

कमल पिमोली kamal pimoli shrinagar
कमल पिमोली

गढ़वाल विश्वविद्यालय में एक बार फिर एलटीसी (लीव ट्रैवलिंग कंसेशन) का जिन्न बोतल से बाहर आ गया है। अब पूरी तरह से इस घोटाले की जांच शुरू हो गयी है। इसमें 93 प्रोफेसरों से सम्बंधित मामलों पर पुलिस जांच कर रही है। जिसमें से करीब 50 प्रोफसर्स एवं कर्मचारियों का जेल जाना तय माना जा रहा है। जांच अधिकारी ने सोमवार को इस संदर्भ में विश्वविद्यालय की कुलपति से भी वार्ता की। माना जा रहा है कि पुलिस जल्द ही विश्वविद्यालय के घोटाले बाज शिक्षकों का नाम उजागर करेंगी। मामले में गढ़वाल विश्वविद्यालय के पहले कुलपति का नाम भी बताया जा रहा है।

एलटीसी में की गई धोखा- धडी विश्वविद्यालय के 93 से अधिक शिक्षकों व अधिकारियों को भारी पड़ सकती है। जांच में पुष्टि होने के बाद विश्वविद्यालय के अधिकारियों व शिक्षकों में हडकम्प मच गया है। एलटीसी में हुयी इस धोखाधड़ी की शिकायत सोसाइटी फार रिवोल्यूषन अगेस्ट करप्न द्वारा वर्ष 2015 में दिल्ली पुलिस में की थी,  शिकायत का संज्ञान लेते हुये दिल्ली पुलिस ने इस शिकायत की जांच करने के लिए एसएसपी पौड़ी को कहा। एसएसपी पौड़ी ने फरवरी 2016 में मुकदमा लिख एलटीसी घोटाले की जांच शुरू करी। दो साल बाद गत महीने एलटीसी जांच रिर्पोट आने पर इस बात की पुष्टि हुयी है कि एलटीसी जाने वाले विवि के शिक्षकों व कर्मचारियों ने फर्जी टिकट में यात्रा कर सरकार को लाखों का चूना लगाया। जांच अधिकारी एसएसआई जितेन्द्र चैहान ने कहा कि एलटीसी जांच गत महीने आ गयी है . जांच रिर्पोट में एलटीसी घोटाले की पुष्टि हुयी है। उन्होने कहा कि पुलिस द्वारा इस मामले में शीध्र चार्ज शीट दाखिल की जायेगी। यदि पुलिस द्वारा इस मामले में चार्जशीट दाखिल की जाती है, तो विवि के पूर्व कुलपति समेत कई प्रोफेसरों व अधिकारियों को जेल की रोटी खानी पड़ सकती है।

पूजा डोरियाल Pooja Dobriyal । news . University . Srinagar . Uttarakhand . Shashi bhushan Maithani paras . Youth icon award . Media . Garhwal . गढवाल विश्वाविद्यालय की शैक्षणिक व्यवस्थाओं को जो सुधारना चाहते हैं उनके लिए इस विश्वाविद्यालय मे कोई जगह नही है। विश्वाविद्यालय मे कई असिस्टेंट प्रोफेसर, अतिथि शिक्षक हैं जो  शिक्षा के क्षेत्र मे जी-तोड़ मेहनत कर रहे हैं लेकिन ठेकेदारी मे लिप्त कर्मचारी, प्रोफेसर ऐसे शिक्षकों पर  भारी पड़ते दिख रहे हैं। शिक्षा के इस मन्दिर मे राजनीति अखाड़ा चलाने वाले कर्मचारी इतने हावी हो चुके हैं कि  लाॅ के प्रोफेसर, विक्रम युनिवर्सिटी के कुलपति पद पर बखूबी खरे उतरने वाले पूर्व कुलपति प्रो0 जे0एल0काॅल को भी विवि के कर्मचारियों  की राजनीति समझ नही आई।

सोसाइटी के मीडिया प्रभारी अतुल ममगांई ने बताया कि सोसाइटी द्वारा सबसे पहले इसकी शिकायत सीबीआई को की गयी थी। सीबीआई ने जांच में धोखधडी पाने पर एमएचआरडी को इस पर कार्यवाही की संस्तुति की थी, तब एमएचआरडी ने विवि को इस मामले पर अपने स्तर से कार्यवाही के लिये कहा। पर विश्वविद्यालय स्तर व अन्य स्तरों पर यह मामला दबा दिया गया। तब सोसाइटी ने एक बार फिर इसकी शिकायत 2015 में दिल्ली पुलिस से की। दिल्ली पुलिस ने एसएसपी पौड़ी से इस मामले में जांच करने को कहा। तत्कालीन एसएसपी ने आईपीसी की धारा 420, 409 व 120 के तहत मुकदमा लिख पूरे मामले में जांच बैठी दी थी । गत महीने जांच रिर्पोट आने पर एलटीसी में धोखधड़ी की पुष्टि हुयी है।

By Editor