Mantri ji ki jay ho : और मंत्री ने कर दिया उसे पैदल …! अधिकारी को ईमानदारी पड़ गई भारी ।
Kotadwar, एक तहसीलदार का ईमानदारी से सेवा देना उत्तराखंड के काबिना मंत्रि को इतना नागवार गुजर की उन्होंने उसका तत्काल तबादला करवा दिया। अवैध कब्जे की सही रिपोर्ट देना मानो तहसीलदार की सबसे बड़ी गलती साबित हुई और मंत्री जी ने तहसीलदार को पैदल करवा दिया।
इसे भूमाफिया का दबाव कहें या प्रशासन की गलत नीति। सरकार के फरमान पर जिस तहसीलदार ने अवैध कब्जे वाली जमीनों को सरकार में निहित करने की सिफारिश की उसी को पद से स्थानांतरितह कर दिया गया। इतना ही नहीं इनकी रिपोर्ट पर अमल की बजाय उसे ठंडे बस्ते में डाल दिया। हालांकि आला अधिकारी दोनों पहलुओं पर सीधे-सीधे जवाब देने से बच रहे हैं लेकिन इस प्रकरण को लेकर दबी जुवान में खूब चर्चाएं हो रही है।
वर्ग 4 की जमीन दलितो और पिछड़ी जातियों-जनजातियों के अंतर्गत आती है :
मामला कोटद्वार तहसील के सिम्बलचौड़ गांव का है। पिछले साल सरकार ने वर्ग 4 की भूमि पर काबिज लोगों को स्वामीत्व देने की प्रक्रिया शुरू की तो एसी जमीनों को भूमाफियाओ द्वारा खुर्द बुर्द करना सामने आया। तत्कालीन तहसीलदार अबरार हुसैन के स्तर से कराई गई जांच सिम्बलचौड़ मे तीन ऐसे मामले पकड़ में आए जिनमें भूमाफिया ने वर्ग 4 की जमीन पर काबिज लोगों ने उनकी जमीन ओने पौने दामों पर खरीद ली। कुल मिलाकर .772 हैक्टियर (0.032 हैक्टियर, 0.522 हैक्टियर व 0.218 हैक्टियर) सरकारी जमीन बिकने का खुलासा हुआ। इस भूमि पर माफिया ने बकायदा प्लौटिंग की हुई है। चार दिवारी करने के साथ ही कुछ भूमि पर बकायदा भवन खड़े कर दिए हैं। तहसीलदार ने विस्तृत जांच के बाद उपरोक्त भूमि को राज्य सरकार में निहित करने की सिफारिश करते हुए उपजिलाधिकारी जी.आर बिन्वाल को इसी महीने रिपोर्ट सौपी। उन्होंने तीन प्रकरणों की रिपोर्ट 7 से 20 मई के बीच अलग-अलग तारीखों में दाखिल की। इन रिपोर्टों पर कोई कार्रवाई तो हुई नहीं लेकिन 5 दिन पहले अचानक तहसीलदार का तबादला जरूर कर दिया गया। उन्हें घर बिठाकर प्रतीक्षारत रखा गया है। सूरतें हाल तहसीलदार को हटाने को लेकर कई सवाल हवा में तैर रहे हैं। हालांकि आला अधिकारी इस मामले में कुछ भी बोलने से परहेज कर रहे हैं। वही जिलाधिकारी तहसीलदार के तबादले की पुष्टि की लेकिन ज्यादा कुछ भी कहने से वो बचें।
Youth icon Yi National Creative Media Report, 31.05.2016