पहाड़ पर हुई बर्फ़बारी की सर्द हवाओं के बीच देहरादून में चाय पर चर्चा से गर्मायी सियासत ….!
वहीं अब दूसरी ओर तमतमाए विधायक कुंवर प्रणव चैंपियन ने दिल्ली में पार्टी अध्यक्ष अमित शाह से मुलाकात कर फेसबुक पर जो स्टेटस अपडेट किया उससे और खलबली मच गई । दरअसल चैंपियन ने लिखा है “मिशन सक्सेस” जिसके बाद से राजनीतिक गलियारों में जबरदस्त सुगबुगाहट फिर शुरू हो गई है । और तरह तरह की कयासबाजी भी शुरू हो गई है । अब यह तो चैंपियन ही जाने कि वह किस मिशन पर थे जिसमें उन्हें सफलता मिल गई । फिलवक्त तो सूबे में राजनीतिक पारा तो चढ़ ही गया है । जिसे जानकार अब सूबे के निज़ाम त्रिवेन्द्र के कठिन परीक्षा भी मान रहे हैं । अब देखना यह दिलचस्प होगा कि त्रिवेन्द्र रावत इस घेरेबंदी को तोड़ सकुशल बाहर आकर अपनी राजनीतिक कुशलता का प्रमाण देने में सफल होते भी हैं या नहीं । यह आगे आने वाले दिनों में देखना दिलचस्प होगा …. !
आगामी मार्च में मौजूदा सरकार का गैरसैंण में बजट सत्र शुरू होने जा रहा है। लेकिन इससे पहले ही सरकार में अंदर सन्नाटे भरी सुनामी करवट लेने लगी है। इसका एक नमूना बीजेपी के आजीवन सहयोग महाअभियान कार्यक्रम के समापन के बाद देखने को मिला । उत्तराखडं में गत रविवार को पूर्व मुख्यमंत्री और हरिद्वार से सांसद निशंक के घर पर हुई चाय पार्टी ने राजनीतिक गलियारों में बगावत की चर्चाओं को गर्म कर दिया है । देहरादून में समर्पण दिवस के ठीक बाद पार्टी के करीब दो दर्जन विधायक, मंत्री यशपाल आर्य, पार्टी के सह संगठन मंत्री शिवप्रकाश के साथ-साथ दो अन्य पूर्व मुख्यमंत्री भगत सिंह कोश्यारी और विजय बहुगुणा भी इस चाय पार्टी में शामिल हुए थे । इस दौरान कोश्यारी और निशंक के बीच लंबी बातचीत हुई। यशपाल आर्य, केदार सिंह रावत, बंशीधर भगत, गणेश जोशी, पुष्कर धामी, राजकुमार ठुकराल समेत बहुगुणा, कोश्यारी और निशंक गुट के कई विधायक मौजूद रहे। इस चाय पर चर्चा में मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के दिखाई ना देने से राजनीतिक ज्योतिषियों के सामने कई खड़े कर दिए हैं ।
हालांकि, चाय पार्टी में शामिल भाजपा नेताओं का कहना है कि ये बैठक साल 2019 के चुनावों के लोकसभा चुनाव में भूमिका निर्धारित करने के लिए की गयी थी, लेकिन इसमें प्रदेश अध्यक्ष और मुख्यमंत्री के समयकाल को सवालों के घेरे में खड़ा करता है ।खासतौर पर तब जब राजनैतिक रूप से एक दूसरे के विपरीत माने जाने वाले कोश्यारी और निशंक जलसे में एक साथ नजर आ रहे हैं । और यहाँ तक कि हरीश रावत सरकार में दलबदल के शिकार हुए विजय बहुगुणा भी लंबे समय बाद देहरादून में दिखाई दिए ।
बहरहाल रविवार को समर्पण दिवस के मौके पर हरिद्वार के सांसद रमेश पोखरियाल निशंक की टी पार्टी की चर्चा अभी खत्म भी नहीं हुई थी कि एक नई खबर ने भाजपा में हलचल मचा दी । बताया गया कि संगठन में लगातार हो रही उपेक्षा से आहत विधायक कुंवर प्रणव सिंह चैम्पियन कुछ समर्थकों के साथ को राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह से दिल्ली में मुलाकात करेंगे। इस मुलाकात के दौरान वह पार्टी के अदर चल रही सियासत और अपनी उपेक्षा को मुखरता से रखेंगे। विधायक को इस बात की भी नाराजगी होगी कि कांग्रेस छोड़कर भाजपा में आने पर भी उन्हें कोई तवज्जो नहीं मिल ही नहीं है। लगातार चार-चार बार विधायक निर्वाचित होने के बावजूद उन्हें मंत्री पद से दूर रखा गया । आमजन में चर्चा यह भी रही कि विधायक चैम्पियन के साथ हरिद्वार के भाजपा सांसद रमेश पोखरियाल निशंक भी अमित शाह से मिलेंगे। परन्तु पूर्व सी एम निशंक की ओर से इसकी पुष्टि नहीं की गयी । जो कि महज एक कयासबाजी ही रही ।
हालांकि तमतमाए विधायक कुंवर प्रणव चैंपियन ने दिल्ली में पार्टी अध्यक्ष अमित शाह से मुलाकात कर ली और फेसबुक पर जो स्टेटस अपडेट किया उससे और भी खलबली मच गई । दरअसल चैंपियन ने लिखा है “मिशन सक्सेस” जिसके बाद से राजनीतिक गलियारों में जबरदस्त सुगबुगाहट फिर शुरू हो गई है । और तरह तरह की कयासबाजी भी शुरू हो गई है । अब यह तो चैंपियन ही जाने कि वह किस मिशन पर थे जिसमें उन्हें सफलता मिल गई । फिलवक्त तो सूबे में राजनीतिक पारा तो चढ़ ही गया है । जिसे जानकार अब सूबे के निज़ाम त्रिवेन्द्र के कठिन परीक्षा भी मान रहे हैं । अब देखना यह दिलचस्प होगा कि त्रिवेन्द्र रावत इस घेरेबंदी को तोड़कर सकुशल बाहर आकर अपनी राजनीतिक कुशलता का प्रमाण देने में सफल होते भी हैं या नहीं । यह आगे आने वाले दिनों में देखना दिलचस्प होगा ।
फ़िलहाल गैरसैण बजट सत्र के बाद देखने योग्य परिणाम यह होगा कि क्या मुख्यमंत्री जीरो टोलरेंस स्तर से ऊपर उठ कर खुद को इस बात का खंडन करते हैं या इस सियासी सुनामी में पद से खंडित हो जाते हैं …..?
Present CM performance is not up to mark; this poor performance effect Bjp in2019.
Maithani da.. Ye log (netagan) janta ki bhalayi aur unke jeewan star me sudhar ko kabhi ekater nahi hote… loot khasot aur apni apni jholiyaan kaise bhari jayen iska manthan karne ko dekho kaise ye log gale milte hain ye aur kitna gupt manthan karte hain…
Kaas.. Ki bhole baba inhe sadbuddhi dete aur jise jo kaam mila use poori emaandari se nibhate to aaj 17 saal baad aisi badhaali na dikhti..