Nanhi Pari : इस स्टोरी कों पढ़कर आँखें भर आएंगी आपकी ! आ री निंदिया मेरी बिटिया की पलकों में आ ... आ कर  उसकी पलकों में कोई प्यारा सा गीत गुनगुना..............! Nanhi Pari : इस स्टोरी कों पढ़कर आँखें भर आएंगी आपकी ! आ री निंदिया मेरी बिटिया की पलकों में आ ... आ कर  उसकी पलकों में कोई प्यारा सा गीत गुनगुना..............! 

Nanhi Pari : इस स्टोरी कों पढ़कर आँखें भर आएंगी आपकी ! बेटी नंदा कों है माँ नंदा का इंतजार ।  आ री निंदिया मेरी बिटिया की पलकों में आ … आ कर  उसकी पलकों में कोई प्यारा सा गीत गुनगुना…………..! 

* नन्हीं नंदा को है मां का इंतजार ! आखिर कौन है ये नंदा ? जो तीन दिनों से है अकेली ! जानने के लिए पढ़े पूरी स्टोरी ।

Pankaj Mandoli

श्रीनगर।

आ री निंदिया मेरी बिटिया की पलकों में आ … आ कर  उसकी पलकों में कोई प्यारा सा गीत गुनगुना…….,…….!

लोरी गुनगुराते हुए श्रीनगर  बेस चिकित्सालय की एक सीस्टर नन्हीं नंदा को सुलाने का प्रयास कर रही है। कुछ ही देर में नंदा सो जाती है। नंदा के सोंते ही सीस्टर उसे एनआईसीयू के बेड पर रख देती है और अपने अन्य कार्यों में लग जाती है।

Nanhi Pari : इस स्टोरी कों पढ़कर आँखें भर आएंगी आपकी ! आ री निंदिया मेरी बिटिया की पलकों में आ ... आ कर  उसकी पलकों में कोई प्यारा सा गीत गुनगुना..............! 
आ री निंदिया मेरी बिटिया की पलकों में आ … आ कर  उसकी पलकों में कोई प्यारा सा गीत गुनगुना…………..!
एनआईसीयू में बड़ी संख्या में बच्चों ने जन्म लिया है, और उनकी मांताए उनके बगल पर लेटी हुई उनका देखभाल कर रही है।
लेकिन वहीं इन बच्चों के बीच है एक अभागी नन्ही परी नंदा । नंदा कों इस दुनियाँ में आए अभी महज तीन दिन ही हुए हैं । और तब  से नंदा अकेली है । नन्ही परी अपनी मां का इंतजार कर रही हैै ।
हालांकि अस्पताल में नंदा कों खूब प्यार दुलार भी मिल रहा है । जब वह रोटी है तो सिस्टर उसे गोद में लेकर दुलारती है पुचकारती है फिर वह सो जाती है । तभी अचानक ! फिर से नंदा की निंद खुलती है, और वह रोना शुरू कर देती है। फिर कोई नर्स  उसे उठाकर हिला डुुलाकर चुप कराती और  फिर बेड पर रख देती है। हाॅस्पिटल में नंदा को देखने आने वाले कोई उसकी किस्मत को कोस रहा हैं तो कोई लड़कियों के जीवन को । यह हृदय विदारक दृश्य हर किसी को भावुक कर रहा है ।
गौरतलब है कि बेस अस्पताल श्रीकोट में सोमवार को किसी माँ ने अपनी इस बच्ची को टॉयलेट में जन्म दिया और वहां से फरार हो गयी। अस्पताल प्रशासन को इसका पता तब चला जब बच्ची के रोने की आवाज आई । बाद में हाॅस्पिटल प्रशासन ने खून में लतपत बच्ची को वहां से उठाया साफ सफाई की और अस्पताल में भर्ती कर लिया । उसके बाद से इस बिन माँ की बेटी कों बेस हास्पिटल की नर्सें ही संभाल रही हैं ।
खबर फैलते ही तमाम सामाजिक संगठनों के लोगों के अलावा अन्य लोग भी इस प्यारी सी नन्ही गुड़िया कों देखने पहुँच रहे हैं । और इसी बीच इसे नाम भी मिल गया शक्ति स्वरूपणी नंदा ।

आरजू गैरोला की आवाज में सुने ,इस गाने को दर्द से गला भर आयेगा आँखें नम हो जाएंगी । क्योंकि बेटियाँ होती ही ऐसी हैं । वीडियो में पहले 55 सेकण्ड तक एक हिन्दी गाना है फिर 56वें सेकण्ड से जरूर सुनिएगा ।   नीचे वीडियो में प्ले वाले बटन को क्लिक करें और सुने । 

हालांकि अस्पताल में नंदा कों खूब प्यार दुलार भी मिल रहा है । जब वह रोटी है तो सिस्टर उसे गोद में लेकर दुलारती है पुचकारती है फिर वह सो जाती है । तभी अचानक ! फिर से नंदा की निंद खुलती है, और वह रोना शुरू कर देती है। फिर कोई नर्स  उसे उठाकर हिला डुुलाकर चुप कराती और  फिर बेड पर रख देती है। हाॅस्पिटल में नंदा को देखने आने वाले कोई उसकी किस्मत को कोस रहा हैं तो कोई लड़कियों के जीवन को । यह हृदय विदारक दृश्य हर किसी को भावुक कर रहा है ।

हालांकि अस्पताल में नंदा कों खूब प्यार दुलार भी मिल रहा है । जब वह रोटी है तो सिस्टर उसे गोद में लेकर दुलारती है पुचकारती है फिर वह सो जाती है । तभी अचानक ! फिर से नंदा की निंद खुलती है, और वह रोना शुरू कर देती है। फिर कोई नर्स  उसे उठाकर हिला डुुलाकर चुप कराती और  फिर बेड पर रख देती है। हाॅस्पिटल में नंदा को देखने आने वाले कोई उसकी किस्मत को कोस रहा हैं तो कोई लड़कियों के जीवन को । यह हृदय विदारक दृश्य हर किसी को भावुक कर रहा है ।

बहरहाल नंदा की अच्छी तरह से बेस अस्पताल  में देखभाल हो रही है । अस्पताल प्रशासन उसे जरा सी भी मां की कमी महसूस नहीं होने दे रहा है। प्रसूती विभाग के डाक्टरों का कहना है कि बच्ची स्वस्थ है और जल्दी  उसे दूध देना शुरू कर दिया जायेगा । बच्ची के मां का कोई भी सुराग नहीं लग पाया है। जिला प्रशासन को भी इसकी सूचना दे दी गई है । लेकिन हम तो यही कहेंगे बेटी नंदा कों है माँ नंदा का इंतजार ।
 

By Editor