औली पर कुदरत मेहरबान, जमकर हुई बर्फवारी पर्यटक खुश तो नेता हुए परेशान ।
चुनावों मे बढ सकती है नेतावों की परेशानी..!
यूँ तो पहाड़ों के ऊंचाई वाले हिस्सों में बीते माह से रुक – रुक कर बर्फवारी जारी है । जिसके चलते देशभर के पर्यटकों का उत्तराखंड के औली में दिसम्बर माह से ही लगातार आना जाना जारी है ।
Nature is kind to Auli, it is snowing heavily, tourists are happy but politicians are worried.
लेकिन साल 2025 जनवरी माह के पहले दिन से ही औली में जिस तरह से औली और अब उसके जोशीमठ, पिथौरागढ़, हर्षिल, चकराता, मसूरी आदि रिहायशी इलाकों तक भी बर्फ की सफेद चादर बिछ गई है उससे निचले इलाकों के पर्यटन व्यवसायियों के चेहरे भी खिल गए हैं ।
नोट : कृपया ध्यान दें ऊपर यह फाइल वीडियो है, लेकिन इस बार और भी दिलकश हुई औली ।
झमाझम बर्फवारी का यह खूबसूरत नजारा है आध्यात्मिक व पर्यटन नगरी जोशीमठ का यहां प्रकृति जमकर मेहरबान हुई है ।
जनवरी में हो रही इस बर्फवारी से अब पूरा जोशीमठ नगर भी बर्फ की मोटी सफेद चादर मे लिपट गया है । कुदरत का यह नायाब तोहफ़ा पाकर बच्चे बेहद खुश हैं …
अब हिमालय की चोटियों से लेकर घाटियों तक
बर्फ़ की मोटी चादर बिछ गई है । प्रकृति के यह दिलकश नजारे, आने वाले कई दिनो तक जोशीमठ से औली तक देशभर के पर्यटकों को आकर्षित करेंगे ।
काश्तकारों के लिए यह बर्फवारी किसी वरदान से कम नहीं है । सेब, खुमानी, आलू, राजमा आदि फसलों के लिए वरदान मानी जाती है । जिसके चलते किसानों चेहरे भी खिल गए ।
एक ओर इस शानदार बर्फवारी से हर तरफ खुशी का माहौल है, तो दूसरी ओर नगर निकाय चुनाव प्रचार में जुटे नेताओं में मायूसी छा गई है ।
दरअसल उत्तराखंड में कुछ ही दिनों के बाद निकाय चुनावों हेतु मतदान होना है, ऐसे में अब ऊंचाई वाले ईलाकों में एन वक़्त पर जारी इस बर्फवारी से नेताओं के पेशानी पर चिंताभरी लकीर का उभरना भी लाजमी है ।
यह बात भी साफ है कि आने वाले दिनों मे भी मौसम का मिज़ाज यूँ ही रहने वाला है । ऐसे में पर्वतीय क्षेत्रों में नेताओं की चिंता कम होने के बजाय और बढ़ने वाली है ।
जोशीमठ से आशीष डिमरी की रिपोर्ट UK मीडिया टुडे के लिए ।