लंदन छोड़ भारत लौटी शिल्पा भट्ट देहरादून में कर रही है कुछ ऐसा जो युवाओं के लिए है प्रेरणा का स्रोत ।
*35 पहाड़ी लड़के लड़कियों को दिया अब तक रोजगार ।
11 नवम्बर को सम्मानित होंगी शिल्पा यूथ आइकॉन अवार्ड 2018 से ।
कुछ किए बिना जयजयकार नही होती कभी, कोशिश करने वालों की कभी हार नही होती । 11 नवम्बर को यूथ आइकॉन के मंच पर सम्मानित होने वाली हमारे कुछ अवार्डीज के संघर्षों की कहानी इन्हीं पंक्तियों में छिपी है। जिनमें से एक है महिला सशक्तिकरण की जीती जागती मिशाल शिल्पा भट्ट । जिनके शानदार प्रयासों का सम्मान यूथ आइकॉन के मंच पर इस वर्ष हो रहा है । शिल्पा बताती हैं कि उनके माता- पिता चाहते थे कि वह उच्च शिक्षा विदेश में ही पूरी करे । लेकिन वह विदेश के बजाय भारत में रचना बसना चाहती थी लेकिन पिताजी चाहते थे कि जीवन में सबसे पहले पढ़ाई अच्छी होनी चाहिए फिर उसके बाद अपने सपनों को ऊंचाई भी मिलती है । पिताजी की जिद्द से मेरा दाखिला लन्दन के एक बड़े विश्विद्यालय में हो गया था । लेकिन अनिच्छा सी बनी रही ।
शिल्पा भट्ट आगे बताती हैं कि मेरा वहां बिल्कुल भी मन नहीं लगा । तब परिवार लंदन में ही रहता था। मगर मुझे दिल्ली में ही रहकर ही पढ़ाई करने का मन था ।
बातचीत में शिल्पा ने बताया की पापा मुझे बहुत प्यार करते थे वह धीरे-धीरे मेरे मन को पढ़ चुके थे वह यह समझ चुके थे कि उनकी बेटी को लंदन पसंद नही आ रहा है वह भारत लौटना चाहती है ।
फिर एक दिन पापा ने भी तय कर लिया और लंदन की यूनिवर्सिटी में फीस जमा होने के बाबजूद उन्होंने मुझे दिल्ली भेजने का मन बना लिया । और शिल्पा दिल्ली आकर आगे की पढ़ाई करने लगी ।
भारत आने पर शिल्पा ने पत्रकारिता के क्षेत्र में पढ़ाई करने की ठानी शिल्पा ने बड़ी मेहनत और लगन के साथ पत्रकारिता में पढ़ाई पूरी की उसके बाद इसी फील्ड में कैरिअर की शुरूआत एक निजि चैनल में बतौर संवाददाता शुरू की। मगर टीवी की चकाचौंध से जल्दी ही शिल्पा का मन भर गया। लेकिन परिवार को लगता था कि बेटी ने मनमाफिक पढ़ाई पूरी कर ली अब नौकरी भी करने लगी तो क्यों न अब जल्दी ही बेटी की शादी भी कर ली जाय । लेकिन उन्हें ये नहीं पता था कि बेटी ने जो फील्ड चुना वहां से उसका मन भर चुका है अब उसकी मंजिल कुछ और है ।
फिर भी शिल्पा ने घर वालों की इच्छा का सम्मान करते हुए शादी के लिए हाँ कर दी । और आशीष बहुगुणा के साथ शादी हो गई । इसी बीच शिल्पा ने एक संस्थान में अब पत्रकारिता विषय पढ़ना शुरू किया । शिल्पा बताती हैं कि सब ठीक चल रहा था मगर जब भी मैं किसी बेटी से जुड़ी भेदभाव की खबरें पढ़ती मानों ऐसा लगता किसी ने मुझपर दुखों का पहाड़ गिरा दिया हो। सच बताऊं तो मैं सोचती थी जन्म देने के लिए मां चाहिए, राखी बांधने के लिए बहन चाहिए, लोरी सुनाने के लिए दादी चाहिए, जिद पूरी करने के लिए मौसी चाहिए, खीर खिलाने के लिए मामी चाहिए, साथ निभाने के लिए पत्नी चाहिए, पर ये सभी रिश्ते निभाने के लिए बेटी का होना जरूरी है फिर बेटी और बेटे में भेदभाव क्यों। बस मैने इस क्षेत्र में काम करने की सोची। दूसरी तरफ आर्थिक तौर पर खुद को सश्क्त करने की कोशिश जारी रखी। और इसी सोच के बूते आज से दो साल पहले मैंने entrepenureship में हाथ आजमाने की सोची।
और पापा हमेशा बेटी के साथ रहते हैं खड़े :
शिल्पा उन ख़ुशनसीब बेटियों में से है जिसे अपने पापा का भरपूर प्यार व साथ हर कदम पर मिलता रहा है । बेटी हमेशा से अपनी सोच के साथ कुछ नया करना चाहती है ऐसे में पापा का उसे भी पूरा साथ मिलता रहा । वो भी चाहते हैं कि उनकी बेटी जो सोचे वह धरातल पर उतरे और समाज के लिए प्रेरणा का स्रोत बने ।
इस बार बार भी शिल्पा के पापा नवल भट्ट ने बेटी के सपनों के पूरा करने के लिए पूरी ताकत लगा दी । शिल्पा अब पत्रकारिता से एकदम भिन्न दूसरे क्षेत्र में काम करने जा रही थी उसने Pizza Bite के सहारे एक शुरूआत की। और अब धीरे धीरे बहुत कम समय में शिल्पा देहारादून जैसे बड़े शहर में एक साथ दो store चला रही है । और अगले दो माह के भीतर शहर में 2 और स्टोर वह खोलने जा रही हैं । शिल्पा के इस व्यावसायिक अभियान से पहाड़ से 35 नौजवान लड़के व लड़कियां जुड़े हैं और अच्छाखासा रोजगार पा रहे हैं ।
आज शिल्पा भट्ट बहुगुणा का अभियान समाज में खासकर बेटियों / महिलाओं के लिए प्रेरणादायक बन गया है । निःसंदेह महिलाओं की इस ऊर्जा से समाज बदलेगा । महिलाएं खुद से आगे आएंगी समाज में बदलाव आएगा । शिल्पा के जज़्बे को सलाम करते हुए इस वर्ष यूथ आइकॉन वाई. आई. नेशनल अवार्ड 2018 महिला सशक्तिकरण के क्षेत्र में उन्हें प्रदत्त किया जाएगा ।
शशि भूषण मैठाणी “पारस”
9756838527
Shilpa bhatt bahuguna is managing director of shilpa productions & the pizza bite Dehradun. She has done her schooling from summer valley and brooklyn school. She is from
Media background. She has done her bachelors & masters in journalism & mass communication. She has worked with both print & electronic media and also worked as media professor. Now from
Past two years she is into her own business that is her production house work and also running four pizza outlets in Dehradun. She has won best film producer award for making a short documentary on save water by governor of Uttrakhand. She has won many awards like amul vidhya bhushan award by amul India gujarat, youngest entrepreneur by Chief minister of Uttarakahnd. She has also won many awards for her creative writing . At the age of 25, she is running her own 4 pizza outlets and a production house and by the end of this year she is also launching her new restaurant brand. Currently she is providing employment to more than to 65 students from hilly areas. Really she is the true youth icon for our young generation.