- Publicity : उत्तराखंड में इन मंत्री महोदया का खेल हुआ खत्म ! क्या है माजरा पढ़ने के लिए क्लिक करें ।
500 से लुढ़की और अब मात्र 15 पर अटकी !
‘पब्लिसिटी स्टंट’ हुआ टांय-टांय फिश ? एक अभियान के लिए दूसरे को को ठेंगा, बेटी-बचाओं के लिए स्वच्छता अभियान को ठेंगा ।
देहरादून। ‘पब्लिसिटी स्टंट’ हुआ टांय-टांय फिश? सोशल मीडिया में आजकल इसी बात के जमकर चर्चे हो रहे हैं। फेसबुक से लेकर वाट्सप्प तक में यही छाया हुआ है कि मंत्री जी का ‘पब्लिसिटी स्टंट’ टांय-टांय फिश हो गया है? कहां मंत्री जी आगे पीछे हमारी सरकार यहां के हम हैं राजकुमार गाने की तरह 500 साईकिलों की आगवानी करते हुए देहरादून से हरिद्वार तक साईकिल रैली निकालने का सपना संजोए हुए थी और कहां यह आकड़ा 500 से 15 पर आ गया। जो बात 500 साईकिलों की थी वह अब 15 में कहां? तभी तो सोशल मीडिया में हल्ला है कि मैडम का ‘पब्लिसिटी स्टंट’ हुआ टांय-टांय फिश हो गया है। उत्तराखंड में अपनी राजनीति चमकाने के लिए पब्लिसिटी स्टंट कोई नई बात नहीं हैं। कोई किसी बहाने-कोई किसी बहाने मुख्यमंत्री से लेकर मंत्री तक जनता के पैसे से सरकारी खर्च पर पब्लिसिटी स्टंट करते हुए आपने इतने सालों में देखा ही होगा। किसी दूसरे का आइडिया कापी पेस्ट करो या फिर अपने आकाओं को खुश करने के लिये भीड़ जुटाओ और कोई भी ऐसा कार्यक्रम कर डालों जो मीडिया की सुर्खियां बन जाये और खबर दिल्ली तक पहुंच जाये। मंत्री रेखा आर्य का यह कदम भी पब्लिसिटी स्टंट से ज्यादा कुछ नजर नहीं आ रहा है? 17 सितंबर को प्रधानमंत्र नरेन्द्र मोदी का जन्मदिन है, और मौके की नजाकत को भांपते हुए महिला कल्याण राज्य मंत्री ‘बेटी पढ़ाओ बेटी बचाओ’ का संदेश देने के लिये देहरादून से हरिद्वार तक साइकिल रैली निकाल रही हैं। मंत्री साहिबा ने पूरे महकमे को इस आयोजन में झोंक रखा है। नयी साइकिलों की व्यवस्था से लेकर पूरे रास्ते भर रैली में शामिल होने वालों के लिए खाने-पीने की व्यवस्था और रैली के शुभारम्भ और समापन पर हाने वाले आयोजनों का पूरा खर्च महकमे को करना है। मंत्री का यह एलान शासन प्रशासन के लिये सरदर्द बना हुआ है। कारण यह है कि यह रैली देहरादून से हरिद्वार तक राष्ट्रीय राजमार्ग से होकर गुजरनी है। मंत्री की जिद के आगे सब नतमस्तक हैं। वहीं राज्यमंत्री आर्य ने कहा कि देहरादून से हरिद्वार तक 55 किमी की दूरी साइकिल से तय कर दून व हरिद्वार की जनता को झकझोरने का प्रयास करेंगी। इन जिलों में लिंगानुपात चिंताजनक है। उन्होंने बताया कि पिथौरागढ़, चंपावत व चमोली में भी बेटी बचाओ के तहत जनजागरण के कार्यक्रम तय किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि उनकी साइकिल यात्रा पवित्र उद्देश्य को लेकर है, लिहाज इसे राजनीतिक रंग नहीं दिया जाना चाहिए।
बेटी-बचाओं के लिए स्वच्छता अभियान को ठेंगा
साइकिल रैली के सफल आयोजन के लिए शहर भर के साथ साथ मंत्री महोदय के दफ्तर में तैयारी तेजी से चल रही है। लेकिन इस रैली को सफल बनाने के लिए विभाग ने प्रधानमंत्री के स्वच्छता अभियान को ठेंगा दिखा रहा है। मंत्री जी की रैली के प्रचार प्रसार के लिए पूरे देहरादून शहर की सरकारी और गैर सरकारी दिवारों को कागजी पोस्टरों और पेंटिग सेे पाट दिया है। देहरादून शहर में बिना इस बात को सोचे की पोस्टर व दीवारों पर पेटिंग से सुन्दर दून की छवि को दाग लग रहा है। इसमें बाल विकास विभाग की तरफ से किए जा रहे इस प्रचार का स्थानीय लोगों ने इस बात का विरोध भी किया कि आखिरकार क्यों दीवारों को गंदा किया जा रहा है। मना करने के बावजूद भी पोस्टर लगाने वाले कर्मचारी मान नहीं माने। देहरादून शहर की दीवारों पर पोस्टर लगा दिए गए है। अब सवाल ये है की जब सरकारी विभाग के लोग ही इस तरह से स्वछता अभियान को हल्के में लेंगे तो आम नागरिक पर क्या सन्देश जायेगा।
मोदी की ‘गुड बुक’ में शामिल होने की कोशिश ! 500 नहीं अब 15 साइकिल सवार जाएंगे हरिद्वार
17 सितंबर सुबह आठ बजे मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत पुलिस लाइन से रैली को हरी झंडी दिखाकर रवाना करेंगे। विधानसभा के पास रैली, सभा में तब्दील हो जाएगी। वहां सभी को बेटियों को बचाने का संकल्प दिलाने के बाद सभी को वापस लौटा दिया जाएगा। उन्होंने बताया कि 500 की जगह अब केवल 15 लोग ही देहरादून से हरिद्वार जाएंगे। रेखा के साथ कुछ प्रोफेशनल साइकिल चालक हाईवे से होते हुए हरिद्वार तक जाएंगे। हरिद्वार में पंतदीप में कुछ स्थानीय साइकिल सवारों का दस्ता उनका स्वागत करेगा और वहां से वो हर की पैड़ी जाएंगी। यहां केंद्रीय मंत्री मेनका गांधी रैली का समापन करेंगी। अब तक महिला बाल विकास विभाग को विभिन्न कंपनियों से सीएसआर के तहत 200 से ज्यादा साइकिल मिल चुकी हैं। राज्यमंत्री की साइकिल रैली के कार्यक्रम बदलने के पीछे सीएम, सरकारी प्रवक्ता का दबाव तो था ही, अंतिम क्षणों में दूधली सड़क की खस्ता हालत ने भी इसमें अहम भूमिका निभाई।
रेखा आर्या ने इस लिए बदला अपना इरादा
विधानसभा में पुलिस अधिकारियों के साथ बैठक में महिला बाल विकास राज्यमंत्री रेखा आर्य ने तय किया गया कि हाईवे की जगह दूधली होते हुए रैली डोईवाला जाएगी। रेखा आर्य ने सुबह सवेरे ही दूधली सड़क का मुआयना किया। सड़क की खस्ता हालत देख उन्होंने इरादा बदल दिया। उनका कहना है कि हाल में जौलीग्रांट अस्पताल जाते वक्त जाम में एक एंबुलेंस को फंसे देखा। इस एंबुलेंस में एक महिला थी। यदि 500 साइकिल एक साथ चलतीं तो व्यवस्था बिगड़ भी सकती थी। ऐसे में उन्होंने अपना इरादा बदल दिया। रेखा आर्या ने कहा कि उन्होंने भाजपा व कांग्रेस दोनों को ही पत्र लिखे गए हैं। साइकिल यातायात का एक इको फ्रैंडली साधन है। इसी लिए वे साइकिल यात्रा निकाल रही हैं। इस मामले में राजनीति नहीं होनी चाहिए। पहले भी राजमार्ग से ट्रैफिक डायर्वट हुआ है। यह कुछ घंटों की ही रैली है। इसमें सबको सहयोग करना चाहिए।
आखिर किया जरूरत पड़ गई ये फालतू के ढकोसले करने की कुछह प्रदेश हित मे काम कर लेते तो वैसे ही नाम हो जाता सायद हरीश रावत जी के नक्से कदम पर चलने का प्रयास कर रहे है
Beda garak kar rakha hai Uttarakhand ka devbhoomi Ki to koi such lene wala hi nahi hai..
इन्हें कहो की ढकोसले नहीं काम करो, उत्तराखंड पर रहम करो। अगर प्रशानिक समझ नहीं है तो अज्ञानता का प्रदार्धन भी मत करो।
जब जनता भावावेश एवं झांसे में आकर किसी एक दल को असीमित बहुमत दे देते है तो वहाँ मूर्ख और अज्ञानी भी खुद को सर्वोपरि समझने लगते है, यही उत्तराखंड में भी हो रहा है।मूर्खो को ज्ञान दो प्रभु।साइकिल और अराजकता नहीं विकास चलाओ। फिजूलखर्ची करनी है तो अपने घर से लगाओ।
बेड़ागर्क हो चुका है उत्तराखंड का इन नेताओं से
Can any kind of cycle rally make people more aware….really…???Lolz.
It’s just a huss n fuss ….and one another way of spending taxpayers money….